हरियाणा राज्य का अद्भुत इतिहास Haryana history in hindi
Haryana history in hindi
दोस्तों आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से हरियाणा राज्य के इतिहास के बारे में बताने जा रहे हैं ।चलिए अब हम आगे बढ़ते हैं और हरियाणा राज्य के इस अद्भुत इतिहास को जानते हैं ।
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हरियाणा राज्य का इतिहास काफी पुराना रहा है । हर युग एवं काल में हरियाणा का इतिहास बहुत ही रोचक रहा है । हम वैदिक काल से लेकर 21 वी शताब्दी शताब्दी तक यदि हरियाणा के इतिहास को देखें तो हमें गर्म होगा की हरियाणा राज्य हमारे भारत देश का राज्य है । हरियाणा की धरती पर कई युद्ध लड़े गए थे । हरियाणा के योद्धाओं ने कई युद्ध लड़े और उन पर जीत हासिल की थी इसलिए हरियाणा की धरती योद्धाओं की धरती भी कहलाती है ।
हरियाणा का प्राचीन इतिहास – हरियाणा एक ऐसा राज्य है जिसके इतिहास को पढ़ने से हमें गर्व महसूस होता है ।हरियाणा की धरती सबसे पवित्र धरती मानी जाती है । यहां पर कई एसी लड़ाइयां लड़ी गई हैं जिन लड़ाइयो में कई योद्धाओं ने अपनी आहुति देकर हरियाणा धरती की रक्षा की थी । वैदिक काल के समय के कई ऐसे प्राचीन काल के सबूत मिले हैं जिसको देखने के बाद हरियाणा राज्य का वैदिक काल में होने का प्रमाण मिलता है ।
यहां की जब खुदाई हुई तब उस खुदाई में वैदिक साहित्य काल के कई प्रमाण हरियाणा राज्य के मिले थे । हरियाणा राज्य एक विकासशील राज्य है । हरियाणा राज्य की धरती बहुत पवित्र है क्योंकि इस धरती से मोहनजोदड़ो एवं सिंधु घाटी की संस्कृति का उदय हुआ था । वैदिक काल के बाद यदि हम महाभारत काल के बारे में बात करें तो आर्य वंश के कुरु ने यहां पर कृषि युग का आरंभ किया था । आर्य वंशो के कारण ही हरियाणा में कृषि काल का विकास हुआ था , कृषि युग का विकास हुआ था ।
हरियाणा के कृषि युग के कारण ही हरियाणा की धरती पवित्र हुई है । हरियाणा राज्य में अधिक मात्रा में कृषि का उत्पादन होता है । हरियाणा के ज्यादा से ज्यादा लोग खेती करना जानते हैं और यहां पर हर तरह की खेती होने लगी है । इसके बाद मध्य युग काल में भी हरियाणा का इतिहास काफी रोचक रहा है । मध्य युग में हरियाणा के ऊपर उत्तर पश्चिम दिशा से कई लोगों ने आकर आक्रमण किया । परंतु हरियाणा के योद्धाओं ने उन आक्रमणकारियों को डटकर सबक सिखाया था ।
हरियाणा के योद्धाओं ने आक्रमणकारियों से प्रदेश की क्षति करने से रोका था । मध्य युग काल के बाद बुद्ध काल में भी हरियाणा के योद्धा बहुत शक्तिशाली थे क्योंकि उस समय हरियाणा के योद्धाओं को सिर्फ प्रदेश की रक्षा करना सिखाई जाती थी । बुद्ध काल में हरियाणा के योद्धाओं की शक्ति के प्रमाण हमें ग्रंथों में मिलते हैं । जब सिकंदर ने हरियाणा राज्य पर आक्रमण करने की सोच बनाई तब हरियाणा के योद्धाओं ने सिकंदर का डटकर सामना किया ।
सिकंदर का जब योद्धाओं से सामना हुआ तब वह समझ चुका था कि वह हरियाणा के योद्धाओं का सामना नहीं कर सकता हैं । सिकंदर हरियाणा की धरती से भाग गया था । बुद्ध काल के बाद मौर्य काल एवं गुप्त काल में भी कई आक्रमण हरियाणा राज्य पर किए गए थे । चंद्रगुप्त विक्रमादित्य ने गुप्त काल में हरियाणा पर अपनी पकड़ बनाई थी । गुप्त काल के बाद यौधेय काल में भी हरियाणा का विकास हुआ था । यौधेय काल मेंं हरियाणा एक समृद्ध शाली राज्य बना था । यौधेय काल में हरियाणा में हास्य कला , मूर्तिकला का प्रसिद्ध विकास हुआ था और हरियाणा प्रदेश बहुधान्यक प्रदेश बना था ।
हर्ष काल में हरियाणा कई जनपदों में बट गया था । हर्ष काल के समय हर्ष काल के राजा हर्षवर्धन के पूर्वजों ने श्रीकंठ जनपद से अपनी शक्ति एवं संगठन का विस्तार किया था । हर्ष के पिता श्री प्रभाकर वर्धन ने थानेश्वर में रह कर पूरे साम्राज्य की शक्ति को एकत्रित करके पूरे साम्राज्य पर अपना आधिपत्य स्थापित किया था । हर्ष काल के समय हर्ष राजाओं ने हूणो की बढ़ती हुई शक्ति को परास्त किया था । हूणो की शक्ति को भारत में बढ़ने नहीं दिया था और उनको भारत से भगा दिया था । जब हर्षवर्धन का देहांत हो गया था तब हरियाणाा राज्य पूरी तरह से बिखर गया था ।
1014 ईसवी के समय में महमूद गज नबी ने थानेश्वर पर आक्रमण कर दिया था क्योंकि महमूद गजनवी हरियाणा पर अपना आधिपत्य स्थापित करना चाहता था । 1014 ईसवी के समय हरियाणा के तोमर शासक ने महमूद गज नबी को भारत से भगाने के लिए कई राजाओं से मदद मांगी थी । परंतु किसी ने भी तोमर शासक के राजा की मदद नहीं की थी । 11 वीं शताब्दी के दौरान तोमर शासक के खिलाफ महमूद गज नबी ने लोहार शासक एवं राजस्थान की चैहार शासको को भी अपनी ओर मिला कर तोमर शासक के विरुद्ध लड़ाई छेड़ दी थी ।
परंतु तोमर शासक नेे अपनी हार नहीं मानी वह डटकर सामना करता रहा । तोमर शासक के समय हरियाणा राज्य का विकास हुआ था । तोमर शासन के समय हरियाणा की धरती हरी भरी हुई थी । तोमर शासन के समय हरियाणा राज्य के लोगों का भी विकास हुआ था ।तोमर शासन के दौरान हरियाणा में व्यापार तेजी से बड़ा था । तोमर शासन के दौरान हरियाणा की संस्कृति एवं कला का भी विकास हुआ था और इस बात का प्रमाण हमें 10 वीं शताब्दी के दौरान लिखे गए एक ग्रंथ के द्वारा मिलता है । इस ग्रंथ का नाम यशस्तिलक चम्पू है और इस ग्रंथ को 10 वीं शताब्दी में सोमदेव ने लिखा था ।
12 वीं शताब्दी के दौरान हरियाणा राज्य पर चौहान शासकों का साम्राज्य स्थापित हुआ था । चौहान शासकों ने हरियाणा पर आक्रमण कर दिया था । चौहान शासकों की सेना ने तोमरो को हरा दिया था और चौहान शासक के राजा ने यहां पर अपना आधिपत्य स्थापित कर लिया था । यहां पर चौहान शासकों की शक्ति का विकास हुआ था । हरियाणा राज्य में धीरे चौहान शासकों की शक्ति बढ़ी और चौहान शासकों ने हरियाणा एवं दिल्ली राज्य पर अपना आधिपत्य स्थापित कर लिया था । 1156 ईसवी समय में विग्रहराज एवं बिसलदेव ने यहां पर अपना आधिपत्य स्थापित किया था ।
1199 में दिल्ली के सबसे महान चौहान शासक पृथ्वीराज चौहान ने मोहम्मद गोरी को हरा दिया था क्योंकि मोहम्मद गोरी दिल्ली पर एवं हरियाणा पर अपना आधिपत्य स्थापित करना चाहता था जिसके उद्देश्य से मोहम्मद गोरी ने चौहान शासकों पर हमला कर दिया था । परंतु पृथ्वीराज चौहान ने मोहम्मद गोरी को हरा दिया था । इस युद्ध के बाद मोहम्मद गोरी ने अपने विचार कायम रखें और 1992 को मोहम्मद गोरी ने पृथ्वीराज चौहान की सेना पर फिर से हमला कर दिया था और इस युद्ध में पृथ्वीराज चौहान हार गया था । मोहम्मद गोरी की इस जीत के बाद मोहम्मद गोरी ने हरियाणा एवं दिल्ली पर अपना आधिपत्य स्थापित कर लिया था ।
इसी के बाद भारत में मुस्लिम साम्राज्य का उदय हुआ था । भारत में मुस्लिम साम्राज्य की स्थापना हुई थी । 1206 ईस्वी में मोहम्मद गौरी की मृत्यु हो गई थी । इसके बाद मुस्लिम साम्राज्य को बढ़ाने का दायित्व गुलाब कुतुबुद्दीन ऐबक को मिल गया था और उसने गुलाम वंश की नींव रखी थी ।1290 में गुलाम वंश का पतन हो गया था । इसके बाद खिलजी वंश का उदय हुआ और खिलजी वंश के अलाउद्दीन खिलजी शासक को तुगलक वंश को प्रारंभ करने का श्रेय प्राप्त हुआ । अलाउद्दीन खिलजी ने अपने पुत्र के नाम पर एक शहर बसाने का विचार किया और फिरोज तुगलक नाम से एक शहर की स्थापना की ।
यह शहर अलाउद्दीन खिलजी ने हिसार जिले में फतेहाबाद नामक एक नगर के पास में बनाया था । इसके बाद तैमूर के सैनिकों ने हरियाणा पर आक्रमण कर दिया था । तैमूर के सैनिकों ने अपनी सैन्य शक्ति के बल पर करनाल , हिसार , कैथल , असंध , सालवान , तुगलकपुर आदि शहर पर अपना आधिपत्य स्थापित कर लिया था ।
हरियाणा राज्य का उदय – हरियाणा राज्य की उत्पत्ति कि यदि हम बात करें तो यहां की उत्पत्ति काफी प्राचीन समय की है लेकिन जब हमारा भारत देश ब्रिटिश शासन से आजाद हुआ अब तब 1966 के समय हरियाणा को अलग राज्य घोषित किया गया था । पहले यह राज्य पंजाब राज्य में आता था । जब देश को आजादी मिली तब हरियाणा राज्य को पंजाब राज्य से अलग कर दिया गया था । हरियाणा राज्य को अलग राज्य का दर्जा मिलने के बाद यहां का विकास बहुत तेजी से बड़ा और आज हरियाणा राज्य भारत का सबसे विकसित राज्यों में से एक है ।
हरियाणा राज्य की धरती पर लड़े गए युद्ध – हरियाणा राज्य की धरती पर कई महान युद्ध लड़े गए थे । हरियाणा के कई योद्धाओं ने हरियाणा राज्य की रक्षा करने के लिए युद्ध लड़े थे और हरियाणा प्रदेश की रक्षा की थी , हरियाणा की धरती की रक्षा की थी । भारत का हरियाणा राज्य एक ऐसा राज्य है जहां पर कई योद्धाओं ने जन्म लिया है । इसीलिए हरियाणा की धरती को योद्धाओं की धरती कहते है । भारतीय हिंदू ग्रंथ रामायण एवं महाभारत में भी हरियाणा राज्य के मौजूदगी का पता चलता है ।
हरियाणा क्षेत्र में कई निर्णायक लड़ाईया लड़ी गई थी । हरियाणा की धरती पर महाभारत जैसी लड़ाइयां भी लड़ी गई थी । हरियाणा की इस धरती से कई वीरों के जन्म होने का प्रमाण है । हरियाणा की धरती पर महाभारत का महाकाव्य लिखा गया है । हरियाणा की पवित्र धरती पर पानीपत की तीन लड़ाइयां भी लड़ी गई थी । ऐसी और भी कई लड़ाइयां हरियाणा की इस पवित्र धरती पर लड़ी गई थी ।
हरियाणा राज्य की राजधानी – हरियाणा राज्य की राजधानी चंडीगढ़ है । चंडीगढ़ हरियाणा राज्य का सबसे बड़ा शहर है । इसकी सुंदरता देखने के लायक है । कई पर्यटक यहां पर आते हैं और चंडीगढ़ की सुंदरता को देखकर प्रसन्न हो जाते हैं क्योंकि चंडीगढ़ हरियाणा का सबसे सुंदर शहर है ।
हरियाणा राज्य की सीमाएं – हरियाणा राज्य एक बहुत ही धनी राज्य है । यह भारत का सबसे अच्छा , सुंदर एवं धनी राज्य है । हरियाणा राज्य कई प्रदेशों की सीमाओं से लगा हुआ है । यदि हम हरियाणा की उत्तरी सीमा के बारे में बात करें तो यह हिमाचल प्रदेश एवं पंजाब राज्य से लगा हुआ है । हरियाणा प्रदेश का दक्षिणी भाग एवं पश्चिम भाग राजस्थान राज्य से लगा हुआ है । भारत की राजधानी दिल्ली हरियाणा राज्य की सीमा से तीन ओर से घिरी हुई है ।
हरियाणा की संस्कृति culture of haryana in hindi-
हरियाणा की संस्कृति से हम सभी परिचित हैं । हरियाणा के लोगों का पहनावा बहुत ही अच्छा है । हरियाणा के लोग बहुत अच्छे हैं , यहां की बोली बहुत अच्छी है ।हरियाणा की संस्कृति के बारे में ऐसा कहा जाता है कि यह देश ही नहीं बल्कि विदेशों में तक प्रचलित है । हरियाणा के लोकगीत को सुनने में भारत के कई लोग रुचि रखते हैं । हरियाणा के लोकगीत दुनिया भर में प्रसिद्ध है । हरियाणा राज्य का नृत्य देखने के लायक है । हरियाणा राज्य के धार्मिक स्थलों पर जब वहां के लोग दर्शन करने के लिए जाते हैं तब हरियाणा की संस्कृति देखी जा सकती है ।
हरियाणा राज्य का पहनावा बहुत ही सुंदर है । वैसे तो हरियाणा कृषि के लिए प्रसिद्ध है लेकिन वहां की संस्कृति बहुत ही अच्छी है । जब भारत में सूर्य ग्रहण पड़ता है तब देश के हर हिस्से से लोग कुरुक्षेत्र में स्नान करने के लिए जाते हैं ।हरियाणा की संस्कृति प्राचीन समय से ही अच्छी रही है ।यहां पर कई योद्धाओं ने एवं वीरों ने जन्म लिया है । यहां की बोली बहुत ही अच्छी है । हरियाणा राज्य में अच्छी-अच्छी कविताएं लिखी एवं पढ़ी जाती हैं । हरियाणा एक ऐसा राज्य हैं जहां पर हिंदू , मुस्लिम , सिख ईसाई सभी धर्म की संस्कृति स्थित है ।
हरित क्रांति में हरियाणा राज्य का योगदान – 1960 के दौरान जब पूरे भारत में हरित क्रांति की लहर चल रही थी तब उस समय हरित क्रांति में हरियाणा राज्य ने अपना योगदान दिया था । इसलिए 1960 की हरित क्रांति में हरियाणा राज्य का विशेष योगदान माना जाता है । हरियाणा राज्य के लोगो ने हरित क्रांति को बढ़ावा दिया था और देखते ही देखते हरित क्रांति पूरे भारत में फैल चुकी थी । पूरे भारत में हरित क्रांति के फैलने का सबसे ज्यादा श्रेय हरियाणा राज्य को जाता है ।
भारत का धनी राज्य हरियाणा – भारत का सबसे धनी राज्य हरियाणा माना जाता है क्योंकि यह राज्य विकसित राज्य है । हरियाणा राज्य का विकास निरंतर बढ़ता जा रहा है । भारत के हरियाणा राज्य में किसी तरह की कोई भी समस्या लगभग नहीं है । इसलिए हरियाणा राज्य में कई अमीर लोग रहते हैं । हरियाणा राज्य को कुल प्रति व्यक्ति आय के हिसाब से देखा जाए तो हरियाणा भारत के सभी राज्यों में से दूसरे नंबर पर आता है ।
यहां के विकास और कृषि कार्य बहुत मजबूत होते हैं । यदि हम ग्रामीण क्षेत्रों की बात करें तो ग्रामीण क्षेत्रों के हिसाब से भी भारत का सबसे ग्रामीण विकसित क्षेत्र एवं राज्य हरियाणा है । हरियाणा राज्य के किसान बहुत धनी हैं । हरियाणा राज्य के किसानों के पास खेती करने के हर प्रकार के साधन मौजूद हैं । हरियाणा राज्य के किसान खेती करने के लिए किसी पर मोहताज नहीं होते हैं । हरियाणा राज्य के किसान अपनी तकनीक के हिसाब से खेती करते हैं ।
हरियाणा राज्य की जनसंख्या – हरियाणा राज्य की जनसंख्या 2,53,51,462 है ।
हरियाणा राज्य के जिले – हरियाणा राज्य के कुल 22 जिले हैं और यहां के सभी जिले विकसित हैं । यहां कि प्रति व्यक्ति की आय विकसित है । भारत के सभी राज्यों की प्रति व्यक्ति आए कि यदि तुलना की जाए तो हरियाणा राज्य सबसे धनी राज्य है ।
हरियाणा राज्य की विधानसभा , राज्यसभा एवं लोकसभा सीटें – हरियाणा राज्य की विधानसभा सीटें 90 हैं ।हरियाणा राज्य की लोकसभा सीटें 10 हैं । हरियाणा राज्य की राज्य सभा सीटें 5 हैं । यहां का विकास दर बहुत बड़ा है । यहां पर निरंतर विकास कार्य प्रारंभ रहते है । इसलिए हरियाणा राज्य सबसे सुंदर एवं विकसित राज्य है । इस राज्य की जितनी प्रशंसा की जाए उतनी कम है । हरियाणा राज्य को देखने एवं यहां के विकास कार्य को देखने के लिए कई पर्यटक आते हैं । हरियाणा राज्य की प्रशंसा भारत में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी की जाती है क्योंकि हरियाणा राज्य एक ऐसा राज्य है जहां पर प्राचीन समय से ही कई योद्धा एवं वीरों ने जन्म लिया है एवं अपनी शक्ति एवं बुद्धिमता का परिचय दिया है ।
हरियाणा राज्य की जलवायु – हरियाणा राज्य की जलवायु गर्मियों के समय में सबसे गर्म होती है एवं सर्दियों के समय सबसे अधिक ठंडी होती है । हरियाणा राज्य का सबसे गर्म महीना मई और जून है । मई एवं जून के महीने में यहां का तापमान बहुत अधिक बढ़ जाता है । मई और जून के महीने में हरियाणा राज्य का तापमान तकरीबन 47 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है । इस गर्म तापमान का सामना यहां के रहने वाले लोगों को करना पड़ता है ।
यदि ठंडे महीने की बात करें तो हरियाणा राज्य का सबसे ठंडा मौसम दिसंबर एवं जनवरी में रहता है । हरियाणा राज्य में गर्मी एवं ठंड के मौसम में कई पर्यटक आते हैं और हरियाणा राज्य को घूम कर यहां की सुंदरता का आनंद उठाते हैं ।
हरियाणा राज्य के धार्मिक लोग – हरियाणा राज्य में कई धर्म के लोग रहते हैं । जैसे कि हिंदू , मुस्लिम , सिख , ईसाई , जैन धर्म , बौद्ध धर्म एवं अन्य धर्म के भी कई लोग रहते हैं । यदि हम धर्म के हिसाब से आंकड़ों की बात करें तो हरियाणा राज्य में हिंदू धर्म के 87.46% लोग रहते हैं । हरियाणा में इस्लाम धर्म के 7.03% लोग रहते हैं ।हरियाणा में जैन धर्म के 0.21% लोग रहते हैं । हरियाणा में सिख धर्म के 4.91% लोग रहते हैं । हरियाणा में बौद्ध धर्म के 0.03% लोग रहते हैं । हरियाणा में ईसाई धर्म के 0.20% लोग रहते हैं । हरियाणा राज्य में हिंदू , मुस्लिम , सिख , ईसाई एवं बौद्ध धर्म के अलावा अन्य धर्म के लोग भी रहते हैं जिनकी संख्या 0.18% है ।
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