अहंकार पर निबंध “Essay on Ahankar in Hindi”

Essay on Ahankar in Hindi

Essay on Ahankar in Hindi-हेलो फ्रेंड्स कैसे हैं आप सब,दोस्तों आज का हमारा टॉपिक है Essay on Ahankar in Hindi जो हमें अहंकार के बारे में विस्तृत जानकारी देता है,दोस्तों अहंकार दुनिया की एक ऐसी चीज है जो मनुष्य का नाश कर डालता है क्योंकि ये मनुष्य का शत्रु है जिसके अंदर अहंकार बस गया,वह अपनी जिंदगी में कुछ भी नहीं कर पाता है.
प्राचीन काल से आज तक के युग में जितने भी लोगों ने अहंकार किया है वह अहंकार ज्यादा समय तक नहीं हो पाया है क्योंकि अहंकार किसी के अंदर आता है तो उसका नष्ट होना भी निश्चित होता है. दुनिया में बहुत सारे लोग होते हैं जो किसी क्षेत्र में अपने आपको श्रेष्ठ समझने लगते हैं और वह अपने आप को सब कुछ समझने लगते हैं उनके अन्दर अहंकार का जन्म हो जाता है.
Essay on Ahankar in Hindi

यही उनके नाश का कारण बनता है. प्राचीन काल से ही जिस जिसको अहंकार हुआ है उसका अहंकार चूर-चूर हो गया है. अहंकार मनुष्य का सबसे बड़ा शत्रु है इसे अपने पास भी नहीं आने देना चाहिए,अगर आपको लगता है कि आप अपने आपमे सबसे श्रेष्ठ हो तो आप सोचिए कि मुझसे भी कोई श्रेष्ठ जरूर होगा क्योंकि अगर आप अपने आपको सबसे श्रेष्ठ समझने लगे तोह ये दुर्भावना आपके अंदर अहंकार को जन्म देगी.

प्राचीन काल का रावण एक महान ज्ञाता था उसके बराबर ज्ञानी कोई भी नहीं था दुनिया के सर्वश्रेष्ठ शास्त्र उसने पढ़े थे वह शंकर भगवान का सबसे बड़ा भक्त था लेकिन अहंकार ने उसका पूरा ज्ञान चूर-चूर करके रख दिया था और भी ऐसे महान लोग थे जिनका अहंकार के कारण सब कुछ नष्ट हो गया है.

अहंकार दुनिया की सबसे बुरी चीज है हम सभी को इसे त्यागना चाहिए और हमेशा खुश रहना चाहिए दरअसल अहंकार से हमको एक नहीं बल्की बहुत सारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है जैसे की अहंकार का नाश होना. अगर आपके अंदर अहंकार आ गया है तो उसका नाश होना संभव है क्योंकि दुनिया में अगर कोई अहंकार करने वाला है तो उसको तोड़ने वाला भी इस दुनिया में है. जिस व्यक्ति के अंदर अहंकार जन्म लेता उसकी बुद्धि एकदम नष्ट हो जाती है इसलिए आप अहंकार से बचकर रहिए क्योंकि जब बुद्धि भ्रष्ट हो जाती है तो इंसान समझ नहीं पाता कि क्या गलत है और क्या सही है.

अपनों को कष्ट पहुंचाना- जब एक इंसान में अहंकार जन्म लेता है तो वह किसी को भी नहीं देखता चाहे वह उसके अपने हो,पराये हो,या उसके परिवार वाले हो. वह किसी को भी कष्ट पहुंचाने से नहीं चूकता,उसे सिर्फ अहंकार को बनाए रखना होता है और इसे बनाए रखने के लिए वह किसी भी हद तक जा सकता है.

जिस व्यक्ति को अपने आप पर अहंकार हो गया होता है वह किसी भी हद तक जा सकता है उसको आगे पीछे कुछ भी नहीं दिखता और ऐसे व्यक्ति का जीवन में कुछ भी न कर पाना या नष्ट हो जाना संभव होता है इसलिए अहंकार को दूर रखें और अहंकारी व्यक्तियों का साथ छोड़ दीजिए.

अगर आपके अंदर कुछ खास है, कुछ अच्छा है तो अपने अंदर अच्छा महसूस कीजिए लेकिन अपने अंदर अहंकार को जन्मने मत दीजिए क्योंकि यह आपको कुछ भी नहीं करने देगा और जो भी आपके पास ज्ञान है उस ज्ञान को जल्द से जल्द नाश कर देगा आखिर में आपका ज्ञान कुछ भी काम में नहीं आएगा,अगर आपके अंदर कुछ अच्छा है तो सोचिए की अगर मैं किसी चीज में अच्छा हूं परफेक्ट हूं तो कोई दूसरा किसी दूसरे काम में अच्छा है या परफेक्ट है.

आप सोचिए कि अगर आप किसी काम में परफेक्ट हो तो आप के मुकाबले आपसे भी अच्छा दुनिया में कोई जरूर होगा,आप किसी काम में अच्छे है तोह अच्छा महसूस कीजिये लेकिन घमंड या अहंकार को जन्मने मत दीजिये. आज जितने भी सफल लोग हैं जिन्होंने दुनिया में नाम कमाया है, पैसा कमाया है, इज्जत कमाई है और पूरी दुनिया को एक बहुत बड़ी उपलब्धि दी है,ऐसे लोगों के अंदर अहंकार नहीं होता.

वह सबकी इज्जत करते हैं लेकिन जिस व्यक्ति को अहंकार होता है वह लोगों की इज्जत करना भूल जाता है अपने घरवालों अपने बड़े बड़ों की इज्जत करना भूल जाता है और जब समय आता है तो उसके जीवन में दुख ही दुख होता है इसलिए अगर आपको जीवन में सुखी रहना है,अपने दुखो से मुक्ति पाना है तो सबसे पहले अहंकार नाम की चीज को अपने जीवन से हमेशा हमेशा के लिए निकाल दीजिए तभी आप जीवन में कुछ खास कर पाओगे.

तभी आप दुनिया में उन बुलंदियों को छू पाओगे जहा तक पहुचने के आप सपने देखते है,अगर आप सभी काम में माहिर है और बहुत आगे है फिर भी आपके अन्दर घमंड या अहंकार नहीं है तोह सोच लीजिये जिन्दगी में आप तरक्की जरुर करोगे और यदि आप सब कुछ जानते हो,काफी होशियार भी हो लेकिन आप अपने अन्दर के अहंकार को दूर नहीं भगाते हो तोह ये पक्का है की आप जिन्दगी में कुछ भी ख़ास नहीं कर सकोगे,आप अपनी जिन्दगी को सही तरह से जीना सीखिए,आप उन लोगो की तरह बनिए जो अहंकार को अपने अन्दर नहीं घुसने देते.

श्रीराम चन्द्र जी भगवान थे,वोह चाहते तोह समुद्र को एक पल में सुखा सकते थे लेकिन उन्होंने समुद्र पार करने के लिए अहंकार को आने नहीं दिया बल्कि समुद्र से रास्ता बनाने के लिए प्रार्थना की,ये एक महान इन्सान की निशानी है,हमें जीवन में किसी काम के लिए अहंकार से दूर धेर्य से काम लेना चाहिए तभी हम कुछ ख़ास कर सकेंगे,तभी हम दुनिया में एक ऐसे इन्सान बन सकेंगे की लोग हमेशा हमें याद करते रहेंगे.

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