रावण की लक्ष्मण को दी गयी शिक्षा Ravan updesh to laxman in hindi
Ravan updesh to laxman in hindi
Ravan updesh to laxman in hindi-हेलो दोस्तों कैसे हैं आप सभी,दोस्तों आज हम आपको लंकापति रावण के बारे में एक ऐसी प्रेरणादायक घटना बताने वाले हैं जो हमारे जीवन में काफी मददगार साबित होगी.कुछ लोग होते हैं जो भले ही कितने बुरे क्यों ना हो लेकिन वह हमें जीवन में बहुत ही अच्छी सीख दे जाते हैं लंकापति रावण ने भी हमें जीवन में बहुत बड़ी सीख दी है चलिए पढ़ते हैं इनके द्वारा दी गई शिक्षा.दरअसल एक वक्त था कि जब श्री रामचंद्र जी ने लंकापति रावण को मार डाला था तभी श्रीराम ने लक्ष्मण से कहा की तुम जाओ और रावण से कुछ सीख कर आओ क्योंकि लंकापति रावण ज्ञाता है उन्हें राजनीति,समाज और बड़े-बड़े पुराण का ज्ञान है.
श्री राम के कहने पर लक्ष्मण जी रावण के मस्तक के पास आकर खड़े हो गए लेकिन रावण ने कुछ नहीं कहा तभी वह वापस श्री राम के पास गए और कहने लगे कि रावण मुझे कुछ सीख नहीं देते तभी राम जी के कहने पर लक्ष्मण जी उनके चरणों के पास खड़े होकर उनसे कुछ सीख देने को कहने लगे तभी रावण ने लक्ष्मण जी को अपने जीवन की कुछ ऐसी प्रेरणादायक बातें बताई जिनसे हम सभी को बहुत ही मदद मिलती है.
(1)लंकापति रावण ने कहा की हमें जीवन में कभी भी अच्छा करने से पहले विचार नहीं करना चाहिए और अगर बात बुरी की हो तो तत्काल उसको अपने जीवन से निकाल देनी चाहिए.
लंकापति रावण ने इस बात का उदाहरण देकर लक्ष्मण जी से कहा कि श्री रामचंद्र जी के चरणों में आने वाला काम शुभ था मैंने इस बारे में कभी सोचा भी नहीं था लेकिन युद्ध की बात जो कि अशुभ थी मुझे इसकी बहुत ही जल्दी थी जिस वजह से मेरी यह दुर्गति हुई कि मेरे पूरे कुल का नाश हो गया इसलिए कभी भी जीवन में अशुभ कार्य को नहीं करना चाहिए उसे हमेशा टालते रहना चाहिए.
(2)इसके बाद लंकापति रावण ने लक्ष्मण जी को अगली सीख दी की जीवन में कभी भी किसी को अपना भेद नहीं बताना चाहिए मैंने भी अपने जीवन का भेद विभीषण को बताकर बहुत बड़ी गलती की और आज में मारा गया दोस्तों हम सभी को भी जीवन के अपने भेदो को अपने किसी भी रिश्तेदारों को नहीं बताना चाहिए तभी हम जीवन में सुखी रह सकते हैं.
(3)लंकापति रावण ने लक्ष्मण जी को अगली सीख दी और कहा कि कभी भी किसी भी व्यक्ति को कमजोर या तुच्छ नही समझना चाहिए.मेरी भूल थी कि मैंने जानवरों और मनुष्य को कमजोर समझा मैंने ब्रह्मा जी से वर मांगा था कि मेरी केवल मनुष्य और जानवरों यानि बदरों रीछो के द्वारा मृत्यु हो.
मैं यह समझता था कि मनुष्य और छोटे-मोटे जानवर मुझ जैसे रावण का मुकाबला नहीं कर पाएंगे और मेरी यही भूल मुझे आज इस कगार पर खड़ा कर गई और मेरी मौत की वजह बंदर और मनुष्य बने इसलिए हम सभी को भी जीवन में किसी को भी कमजोर नहीं समझना चाहिए हम अक्सर अपने किसी दुश्मन को कमजोर समझते हैं जिस वजह से हम जीवन में बड़ी मुसीबत में फंस जाते हैं हम सभी को चाहिए कि किसी को भी कमजोर न समझें और उस दुश्मन का सही तरह से सामना करने के लिए योजना बनाएं.
दोस्तों वाकई में लंकापति रावण की सीख हम सभी को बहुत आगे पहुंचाती है अगर हम लंकापति रावण के बताए हुए रास्ते पर चलते हैं और उन्हें फॉलो करते हैं तो वाकई में हम जीवन में बहुत सी मुसीबतों से बच सकते हैं,जीवन में बहुत आगे बढ़ सकते हैं.
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Very Nice Story
बहुत अच्छी-अच्छी बातों द्दारा रावण जी ने लक्ष्मण जी को शिक्षा दी!