रानी लक्ष्मी बाई पर निबंध, विचार व नारे Rani Lakshmi Bai Essay, quotes, slogan In Hindi
Rani Lakshmi Bai Essay In Hindi
दोस्तों आज हम आपके लिए लाए हैं झांसी की रानी लक्ष्मीबाई की बारे में हमारे द्वारा लिखा गया निबंध आप इसे जरूर पढ़ें और वीरांगना लक्ष्मी बाई के जीवन के बारे में जाने तो चलिए पढ़ते हैं आज के इस निबंध को।
झांसी की रानी लक्ष्मीबाई एक ऐसी मर्दानी थी जिसे हर कोई जानता है इन्होंने अपने राज्य को अंग्रेजी सरकार से बचाने के लिए काफी प्रयत्न किया था वह साहसी थी, दृढ़ निश्चयी थी एक नारी होकर भी वह इतनी काबिल थी की कोई भी उनका सामना करने से घबराता था। झांसी की रानी लक्ष्मीबाई वास्तव में हर एक नारी के लिए एक उदाहरण है जब तक झांसी की रानी जीवित रही तब तक उन्होंने कभी भी हार नहीं मानी, अपने घुटने अंग्रेजी हुकूमत के आगे नहीं झुकने दिए वह हमेशा लड़ती रही, सामना करती रही और अपने राज्य को, इस देश को अंग्रेजों की गुलामी से आजाद कराने के लिए प्रयत्न करती रही। वास्तव में झांसी की रानी लक्ष्मीबाई हम सभी के लिए प्रेरणादाई हैं।
जन्म और परिवार
झांसी की रानी लक्ष्मी बाई का जन्म 19 नवंबर 1835 को काशी में हुआ था इनके बचपन का नाम मनुबाई था इनके पिता का नाम मोरोपंत तांबे एवं माता का नाम भागीरथी था। रानी लक्ष्मी बाई को बचपन से ही तलवार चलाना एवं घुड़सवारी करना काफी पसंद था वह तलबार बाजी में माहिर थी जब मनु बाई बड़ी हुई तो उनका विवाह झांसी के राजा गंगाधर राव के साथ हुआ।
जीवन में उतार-चढ़ाव
झांसी की रानी लक्ष्मी बाई के विवाह के पश्चात उन्होंने एक पुत्र को जन्म दिया लेकिन दुर्भाग्यवश उनके पुत्र का देहांत हो गया जिस वजह से पूरी झांसी में शोक की लहर चल पड़ी। झांसी के राजा गंगाधर राव अपने पुत्र की मृत्यु से काफी दुखी थे पुत्र की मृत्यु के पश्चात वह लगातार बीमार रहने लगे कुछ ही समय बाद उनकी भी मृत्यु हो गई अब झांसी की रानी लक्ष्मीबाई अपने पति गंगाधर राव की मृत्यु से काफी दुखी हुई उन्होंने झांसी के राज्य को संभालने के लिए एक पुत्र को गोद ले लिया था जिससे वह पुत्र ही उनका वंश चलाएं और झांसी पर राज्य करें लेकिन अंग्रेजों ने इसे मान्यता नहीं दी।
अंग्रेज जिनका उस समय भारत के कई राज्यों पर आधिपत्य था उन्होंने झांसी पर कब्जा करने का विचार किया यहीं से शुरू हुआ झांसी की रानी लक्ष्मीबाई का अंग्रेजों के प्रति आक्रोश।
झांसी की रानी लक्ष्मीबाई और अंग्रेजो के बीच युद्ध
झांसी की रानी लक्ष्मीबाई ने अंग्रेजों की किसी भी बात को नहीं माना उन्होंने अंग्रेजों की बात को मानने से बिल्कुल इंकार कर दिया वह अकेली ही अपनी छोटी सी सेना के साथ ही अंग्रेजो से युद्ध के लिए तैयार हो गई। उनकी हिम्मत को देखकर अन्य राजा जैसे कि नानासाहेब, तात्या तोपे, कुंवर सिंह आदि भी आगे बढ़े और उन्होंने मिलकर अंग्रेजों के साथ युद्ध करने का फैसला लिया। सन 1857 में एक तारीख निश्चित की गई युद्ध के लिए लेकिन उस तारीख से पहले ही युद्ध शुरू हो गया।
झांसी की रानी लक्ष्मीबाई ने अंग्रेजों का बहुत ही अच्छी तरह से सामना किया उनकी हिम्मत और वीरता वास्तव में आज भी हम सभी को प्रेरित करती है वह आज की महिलाओं के लिए एक उदाहरण है। झांसी की रानी लक्ष्मीबाई ने अंग्रेजों का काफी सामना करने का प्रयत्न किया लेकिन अंत में झांसी अंग्रेजी साम्राज्य के अधीन हो गई तभी झांसी की रानी लक्ष्मीबाई ने कसम खाई कि जब तक झांसी को वह पुनः वापस नहीं पा लेंगे तब तक वह बिल्कुल भी चैन से नहीं बैठेंगे।
उन्होंने राजाओं के साथ मिलकर ग्वालियर पर फिर से कब्जा कर लिया लेकिन कुछ ही समय बाद ग्वालियर में फिर से युद्ध हो गया झांसी की रानी अपने घोड़े पर सवार होकर अपनी तलवार को हाथ में लिए अपनी आखिरी सांस तक लड़ती रही लेकिन अंतत: उनकी मृत्यु हो गई।
झांसी की रानी की मृत्यु
झांसी की रानी की मृत्यु 18 जून 1858 को ग्वालियर में हुई थी इनकी जब मृत्यु हुई थी तब यह मात्र 23 साल की थी भले ही वह मृत्यु को प्राप्त हो गई थी लेकिन इनके बलिदान से लोगों को काफी प्रेरणा मिली। हमारे देश में अंग्रेजी शासकों को भगाने के लिए देश के युवाओं में एक क्रांति सी आ गई और आने वाले कुछ ही सालों में हमारा भारत देश आजाद हो गया वास्तव में झांसी की रानी लक्ष्मीबाई हर किसी के लिए एक उदाहरण है वह साहसी थी।
Rani lakshmi bai quotes in hindi
- झांसी की रानी लक्ष्मीबाई हर किसी के लिए प्रेरणादाई हैं एक नारी होकर उन्होंने अंग्रेजों का डटकर सामना किया था।
- झांसी की रानी लक्ष्मीबाई घुड़सवारी एवं तलवारबाजी में माहिर थी।
- रानी लक्ष्मीबाई ने झांसी में जो साहस दिखाया था उसके बाद भले ही वह वीरगति को प्राप्त हुई थी लेकिन हर किसी युवा को वह स्वतंत्रता प्राप्त करने के प्रति जागरूक कर गई थी।
- जब तक यह दुनिया रहेगी तब तक झांसी की रानी लक्ष्मीबाई की वीरता और पराक्रम को नहीं भूल सकेगी।
- झांसी की रानी लक्ष्मीबाई हम सभी को बुराई के प्रति डटकर लड़ना सिखाती है, बुराई का सामना करना सिखाती है।
Rani lakshmi bai slogan in hindi
- बुंदेले हरबोलों के मुंह हमने सुनी कहानी थी खूब लड़ी मर्दानी वह तो झांसी वाली रानी थी
- झांसी की रानी की कहानी सुनो जीवन में तुम साहसी
बनो
झांसी की रानी क्या खूब थी निडरता का प्रतीक थी - अंग्रेजों को सबक सिखा गई देश में एक लहर ला गई
- झांसी की रानी महान थी देश की कमान था
- रानी लक्ष्मी बाई पर भाषण speech on rani lakshmi bai in hindi
- नारी के अनेक रूप पर निबंध hindi poem on nari ke anek roop