सदाचार पर निबंध इन हिंदी Essay on sadachar in hindi

Sadachar ka mahatva essay in hindi

Sadachar – दोस्तों आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से सदाचार पर लिखे निबंध के बारे में बताने जा रहे हैं । चलिए अब हम आगे बढ़ते हैं और इस जबरदस्त लेख को पढ़कर सदाचार  के बारे में जानते हैं ।

Essay on sadachar in hindi
Essay on sadachar in hindi

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sadachar par nibandh सदाचार के बारे में विस्तृत जानकारी – एक मनुष्य के जीवन में सदाचार की एक अहम भूमिका होती है । जो व्यक्ति अपना जीवन सदाचार के दायरे में रहकर , नियम कानून को अपनाकर अपना जीवन यापन करता है वह सफलता की हर ऊंचाई को प्राप्त कर लेता है । सदाचार शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है । सत + आचार = समाचार । जो व्यक्ति बचपन से अपने माता पिता के द्वारा एवं गुरु के द्वारा जो आचरण ग्रहण करता है , जो शिक्षा ग्रहण करता है वह उच्च शिक्षा  प्राप्त करके  व्यक्ति अपने अंदर सदाचार ग्रहण कर लेता है । एक सदाचारी व्यक्ति कभी भी झूठ नहीं बोलता है ।

एक सदाचारी व्यक्ति को कभी भी अपने ऊपर घमंड नहीं होता है । सदाचारी व्यक्ति कभी भी दूसरे को देखकर जलता नहीं है । कहने का तात्पर्य है कि सदाचारी व्यक्ति झूठ बोलने से डरता है । एक  अच्छे व्यक्ति  का सबसे बड़ा धन उसका व्यवहार , सदाचार होता है । किसी व्यक्ति के पास चाहे जितनी धन दौलत हो यदि उसके पास सदाचार नहीं हैं तो वह धन किसी काम का नहीं है । सदाचार व्यक्ति को सभी व्यक्ति पसंद करते हैं , उसका सम्मान करते हैं ।

जब किसी व्यक्ति के पास सदाचार रूपी धन होता है तब वह समाज में सम्मान प्राप्त करने के लायक होता है । मनुष्य अपना जीवन बना सकता है और अपने जीवन को नष्ट कर सकता है । यह मनुष्य के हाथ में होता है । मनुष्य यदि अच्छे-अच्छे कार्य करें , कभी झूठ ना बोलने का निश्चय करें तो उसके अंदर एक अच्छे व्यक्ति की छवि दिखाई देने लगती है । सदाचार शब्द मे जो सत्य है वह सत्य आचरण की ओर अंकित किया गया है । सदाचार से मनुष्य के जीवन में कभी भी दुख नहीं आते हैं । सदाचार जीवन जीने से मनुष्य को सुख प्राप्त होता है ।

सदाचार व्यक्ति कभी भी रोग ग्रस्त नहीं होता है क्योंकि वह कभी झूठ नहीं बोलता है , किसी असहाय व्यक्ति को सताता नहीं है ।सदाचार व्यक्ति निरंतर जानवरों और मनुष्यों के हित के लिए कार्य करता है । समाज में एक सदाचारी व्यक्ति को मान सम्मान प्राप्त होता है । समाज में यदि कोई व्यक्ति सदाचारी है तो वह समाज को प्रगति की राह पर ले जाने का कार्य करता है । सदाचार  देश के हित के लिए समाज के हित के लिए बहुत ही जरूरी है । इसीलिए हमारे देश में विद्यालय , गुरुकुल स्थापित किए गए हैं ।

जहां से बच्चे एक सदाचारी बनने का प्रण , शिक्षा प्राप्त करके वह अपने और अपने परिवार का नाम रोशन करते हैं । एक सदाचारी जीवन बहुत ही जरूरी होता है । सदाचार ही मनुष्य को जानवर बनने से रोकता है । यदि किसी व्यक्ति के अंदर सदाचार नहीं है तो वह एक जानवर के समान होता है । वह कभी भी झूठ बोल सकता है । दुराचारी व्यक्ति ना तो समाज के लिए अच्छा होता है ना ही देश के लिए अच्छा होता है । दुराचारी व्यक्ति  अपने फायदे के लिए कुछ भी कर सकता है , दूसरों को नुकसान पहुंचा सकता है क्योंकि उसको किसी ओर से कोई भी मतलब नहीं रहता है ।

जो सदाचारी व्यक्ति होता है वह जब किसी व्यक्ति को पीड़ा में देखता है तो उसके अंदर दया भाव की भावना जागृत हो जाती है और वह निष्पक्ष रूप से उस व्यक्ति की मदद करने के लिए तैयार हो जाता है । एक सदाचारी व्यक्ति जब किसी जानवर को पीड़ा में देखता है तब वह व्यक्ति उस जानवर की मदद करता है । यही सदाचारी व्यक्ति का सबसे बड़ा उदाहरण है । एक सदाचारी  व्यक्ति अपने माता-पिता का मान सम्मान करता है , कभी भी उनको दुख नहीं देता है ।

जब एक सदाचारी बच्चे को उनके माता-पिता  अच्छाई के रास्ते पर चलने के लिए कहते हैं तब वह कठिनाइयों से लड़ते हुए सच्चाई के रास्ते पर चलता है क्योंकि वह जानता है कि सच्चाई के रास्ते पर चलने से उसके परिवार , उसके माता-पिता और उसको काफी लाभ प्राप्त होगा । जो व्यक्ति सदाचारी नहीं होता है वह अपने माता-पिता की बात को नहीं मानता है और गलत कार्य करने लगता है । जिससे उसके परिवार और उसको काफी नुकसान का सामना करना पड़ता है । दुराचारी व्यक्ति अपने जीवन को नष्ट कर लेता है और समाज में उसकी कोई भी इज्जत नहीं करता है ।

इसलिए हम सभी को यह कोशिश करना चाहिए कि हम एक सदाचारी व्यक्ति बने और जो सदाचारी व्यक्ति में गुण होते हैं उन गुणों को अपनाकर हम अपने जीवन को सफलता की ऊंचाई पर ले जाएं ।

विद्यालय में सिखाए गए सदाचार के नियम – जब हम शिक्षा प्राप्त करने के लिए स्कूल जाते हैं तब हमें एक शिक्षक के द्वारा सदाचार के नियम सिखाए जाते हैं । जब हम सुबह उठकर स्नान करके विद्यालय में ज्ञान प्राप्त करने के लिए जाते हैं तब वहां पर प्रार्थना करवाई जाती है और सभी को एक लाइन में खड़ा किया जाता है और सभी लोग भगवान से प्रार्थना करते हैं कि हे भगवान हमें सद्बुद्धि देना , हम सदैव सच्चाई के रास्ते पर चलते रहें , अपने देश , अपने परिवार का नाम रोशन करते रहे । हमारे भारत देश की शिक्षा में एक सदाचारी व्यक्ति बनने के लिए कहा जाता है ।

जो व्यक्ति सदाचारी व्यक्ति के गुण अपना लेता है वह कभी भी अपने जीवन में आने वाली कठिनाइयों से नहीं डरता है । हर मां-बाप का एक सपना होता है कि उनकी संतान  स्कूल जाकर अच्छी शिक्षा प्राप्त करके एक सदाचारी पुत्र बने । सभी माता-पिता इसी उद्देश्य अपने बच्चे को स्कूल में पढ़ने के लिए भेजते हैं । जब एक सदाचारी बच्चा स्कूल जाकर अपने गुरु के पैर छूता है तब उस बच्चे का शिक्षक उस बच्चे का सम्मान करता है और उस बच्चे को और भी अधिक शिक्षा देने की कोशिश करता है ।

एक सदाचारी पुत्र सुबह उठकर अपने माता पिता के पैर स्पर्श करता है और उनका आशीर्वाद लेकर अपने भविष्य को सफलता की ऊंचाई पर ले जाने के लिए निरंतर प्रयास करते रहता है । एक व्यक्ति को सदाचार के गुण उसके माता-पिता और उसके गुरुजनों से प्राप्त होते हैं ।

एक सदाचारी व्यक्ति और एक घमंडी व्यक्ति में अंतर के बारे में – जो व्यक्ति अपने जीवन में सदाचार अपना लेता है वह निरंतर सफलता की ओर आगे बढ़ता है और जो व्यक्ति अपने अंदर छल , कपट , घृणा रखता है वह कभी भी एक सफल व्यक्ति नहीं बन पाता है । एक सदाचारी व्यक्ति  सिर्फ अपने बारे में ही नहीं सोचता है बल्कि सभी व्यक्ति के कल्याण के लिए कार्य करता है और एक घमंडी व्यक्ति , दुराचारी व्यक्ति को दूसरों से कुछ भी मतलब नहीं रहता है । यदि उसके फायदे के लिए किसी को नुकसान पहुंचाना जरूरी हो तो वह दूसरे को नुकसान पहुंचाने से कभी भी पीछे नहीं हटता है ।

जिस व्यक्ति के अंदर सदाचार के गुण होते हैं वह सदैव अपने माता-पिता , अपने गुरुजनों का मान सम्मान करता है और जो व्यक्ति दुराचारी होता है वह अपने माता-पिता और अपने गुरुजनों का सम्मान नहीं करता है , उनके द्वारा बताए गए रास्तों पर नहीं चलता है । दुराचारी व्यक्ति गलत कामों में अपनी रुचि दिखाता है । जो व्यक्ति सदाचार के दायरे में रहकर अपना जीवन व्यतीत करता है वह कभी भी बीमार दुखी नहीं रहता है और जो व्यक्ति घमंडी होता है वह सच बोलने से डरता है वह अंदर से बहुत कमजोर होता है और धीरे-धीरे रोग ग्रस्त हो जाता है । दुराचारी व्यक्ति अपने घमंड से अपने जीवन को बर्बाद कर देता है ।

व्यापार में सदाचार व्यक्ति की अहम भूमिका – जो व्यक्ति सदाचारी होता है वह किसी भी क्षेत्र में रहकर व्यापार कर सकता है क्योंकि वह दूसरे मनुष्यों से मुस्कुरा कर और हाथ मिलाकर उसके साथ रहता है । जब कोई व्यक्ति सदाचार व्यक्ति से मिलता है तो वह उस व्यक्ति के अच्छे गुणों से प्रभावित होता है और उसकी मदद करता है ।व्यापार मे यदि कोई सच्चाई के साथ कार्य करें , सदाचार के साथ कार्य करें तो वह कभी भी असफल नहीं हो सकता है । व्यापार सच्चाई के साथ ही आगे बढ़ सकता है । जो व्यक्ति सच्चाई के साथ व्यापार नहीं करता है वह बर्बाद हो जाता है और अपनी किस्मत को कोसता है ।

मनुष्य अपनी किस्मत खुद बनाता है । जो व्यक्ति कर्म करता है उस कर्म के हिसाब से उसको फल प्राप्त होता है । एक सदाचारी व्यक्ति ही अच्छे कर्म करता है और व्यापार में अच्छे कर्म करने से , सच्चाई के रास्ते पर चलने से बहुत जल्द ही सफलता प्राप्त होती है । यदि कोई व्यापारी अपने फायदे के लिए ग्राहक को पागल बनाए , ग्राहक से झूठ बोले तब वह थोड़े समय के लिए तो फायदा प्राप्त कर सकता है पर जब उसका झूठ ग्राहकों को पता लग जाता है तब सभी ग्राहक उस व्यापारी से अपना नाता तोड़ लेते हैं और व्यापारी अपने व्यापार में असफलता प्राप्त कर लेता है ।

इसलिए व्यापार करने के लिए व्यक्ति को अपने जीवन में सदाचारी रूपी धन अपनाना चाहिए और सच्चाई के साथ व्यापार करना चाहिए क्योंकि सच्चाई के रास्ते पर चलने से थोड़ी परेशानी जरूर आती हैं परंतु जब सफलता प्राप्त होती है तो सभी कठिनाइयां फीकी पड़ जाती हैं ।इसलिए व्यापार करने से पहले सदाचारी गुण हमें हमारे अंदर ग्रहण कर लेना चाहिए ।

एक सदाचारी मित्र के बारे में – जब हमारा एक मित्र सदाचारी हो तब वह मित्र हमें अच्छाई के रास्ते पर ले जाने के निरंतर प्रयास करता रहता है और हम उसके साथ रहकर एक सदाचारी व्यक्ति बन जाते हैं क्योंकि हम जिस माहौल में रहते हैं हम उसी माहौल में ढल जाते हैं । यदि हम गलत व्यक्ति के साथ रहेंगे , गलत इंसान के साथ रहेंगे तो हम उस गलत व्यक्ति के गुणों को ग्रहण करने की कोशिश करेंगे और हम भी उस गलत व्यक्ति की तरह अपने जीवन में गलत , गलत कार्य करने लगते हैं और हम बर्बाद हो जाते हैं । इसलिए हमारे जीवन में एक सच्चे मित्र , एक सदाचारी मित्र का होना बहुत ही आवश्यक है ।

हमें एक सच्चे मित्र से दोस्ती करना चाहिए , उसके गुणों को अपने जीवन में ग्रहण करना चाहिए । जब कोई सच्चा मित्र हमारे साथ बैठता है , उठता है , खेलता है तब उसके अंदर अच्छे-अच्छे गुण दिखाई देते हैं । सदाचारी व्यक्ति कभी भी झूठ नहीं बोलता है । सदाचारी व्यक्ति कभी भी अपनी भलाई के लिए अपने दोस्त का उपयोग नहीं करता है । सदाचारी व्यक्ति अपने साथ अपने दोस्त को भी सफलता की ऊंचाई पर ले जाने का कार्य करता है । सदाचार व्यक्ति के अंदर एक अच्छे गुणों का होना बहुत ही आवश्यक है ।

जब हम किसी ऐसे व्यक्ति से दोस्ती करते हैं जो शराब पीता है , जुआ खेलता है तब हम भी उस व्यक्ति को देखकर शराब , जुआ खेलने लगते हैं और हमारा जीवन बर्बाद हो जाता है । जब हम एक ऐसे व्यक्ति से दोस्ती करते हैं जो कभी भी झूठ नहीं बोलता है और वह अपने माता-पिता , अपने गुरुजनों का सम्मान करता है तब हम भी अपने दोस्त की तरह सदाचार के गुण अपने अंदर समाहित कर लेते हैं । सदाचारी व्यक्ति कभी भी अपने दोस्तों को नुकसान नहीं पहुंचाता है ।

हम अच्छे मित्र का अच्छा व्यवहार देखकर दूसरों के साथ अच्छा व्यवहार करने लगते हैं । कहने का तात्पर्य यह है कि हम सदाचारी मित्र के साथ रहकर सदाचारी मित्र कि सच बोलने की आदत को सीख जाते हैं और एक सदाचारी व्यक्ति बन जाते हैं । एक सदाचारी मित्र ही हमें सदाचार के गुण सिखा सकता है ।

सदाचार व्यक्ति के प्रमुख गुणों के बारे में – एक सदाचार व्यक्ति के अंदर सहिष्णुता जैसा गुण होना चाहिए । सदाचारी व्यक्ति कभी भी क्रोध व्यक्त  नहीं करता है ।सदाचारी व्यक्ति सदैव दूसरों के हित के लिए कार्य करता है । एक सदाचारी व्यक्ति के अंदर क्षमा करने की शक्ति होना चाहिए । यदि किसी व्यक्ति से दुर्भाग्य पूर्वक कुछ गलत काम हो गया है तो एक सदाचारी व्यक्ति उसको क्षमा करने की शक्ति रखता है क्योंकि गलतियां सभी से हो जाती हैं । जो व्यक्ति किसी दूसरे व्यक्ति को क्षमा नहीं करता है , उसके साथ दुर्व्यवहार करता है वह कभी भी एक सदाचार व्यक्ति नहीं बन सकता है क्योंकि भगवान भी इंसानों के कई गुनाह करने के बाद भी क्षमा कर देते हैं ।

एक सदाचार व्यक्ति के अंदर संयम का गुण होता है । सदाचारी व्यक्ति कभी भी अपने संयम को खोता नहीं है ।एक सदाचाारी व्यक्ति अपने आपको सदैव अहिंसा के रास्ते पर चलाता है और उसके साथ में रहने वाले लोगों को भी अहिंसा के रास्ते पर चलने के लिए कहता है क्योंकि अहिंसा के रास्ते पर चलकर ही व्यक्ति अपने जीवन को सफल बना सकता है । एक सदाचारी व्यक्ति के अंदर धैर्य होना चाहिए । कुछ लोग होते हैं जो अपने जीवन में धैर्य नहीं रखते हैं और वह सफलता प्राप्त करने के लिए गलत रास्ता अपना लेते हैं और अपने आप को बर्बाद कर देते हैं ।

इस तरह से एक सदाचार व्यक्ति के अंदर सत्य बोलने की शक्ति  होना चाहिए क्योंकि जो व्यक्ति सत्य बोलता है उसके अंदर सदाचार के सभी गुण दिखाई देने लगते हैं ।

समाज में सदाचार व्यक्ति की उपयोगिता के बारे में – समाज में एक सदाचार व्यक्ति का होना बहुत ही आवश्यक है क्योंकि समाज में कई मानसिकता वाले लोग रहते हैं ।कुछ ऐसे लोग भी होते हैं जो समाज को बुराई के रास्ते पर ले जाने का कार्य करते हैं । यदि समाज में एक सदाचारी होता है तो वह सभी लोगों को एकत्रित करके पूरी समाज को विकास की ओर ले जाने का कार्य करता हैं । सदाचार व्यक्ति को देखकर पूरी समाज सदाचार व्यक्ति के बताए गए रास्ते पर चलने लगती है और समाज का विकास होता है ।

समाज के अंदर जब एक सदाचारी व्यक्ति होता है तब छोटे-छोटे बच्चे उस सदाचारी व्यक्ति को देखकर उसके गुणों को अपने अंदर समाहित कर लेते हैं और वह सदा के लिए एक सदाचारी बनने का वचन अपने आप से ले लेते हैं और वह सदाचारी बन जाते हैं । एक सदाचारी व्यक्ति समाज के अंदर फैली कुरीतियों को नष्ट करने का कार्य करता है । हमारे भारत देश में कई महान पुरुषों ने जन्म लिया है और उन महान पुरुषों ने सदाचार के रास्ते पर चलकर समाज की कई कृतियों को नष्ट किया है ।

भारत देश में यह इतिहास रहा है कि महान  लोगों के द्वारा अच्छे-अच्छे कार्य किए गए हैं । इससे यह है पता चल जाता है कि समाज के अंदर सदाचारी व्यक्ति का होना कितना जरूरी होता है । सदाचार व्यक्ति ही समाज में फैली कुरीतियों को नष्ट करने का कार्य कर सकता हैं क्योंकि कोई ना कोई व्यक्ति के अंदर सदाचार के गुण अवश्य होते हैं । जब भारत देश की समाज  सशक्त होंगी तब हमारा देश  सशक्त बनेगा । इसलिए समाज को अच्छाई के रास्ते पर चलाने के लिए सभी को सदाचार व्यक्ति अवश्य बनना चाहिए ।

सदाचारी व्यक्ति के गुणों से ही समाज और देश का भविष्य निर्धारित होता है । यदि समाज के अंदर कोई गलत व्यक्ति है तो उस गलत व्यक्ति को अच्छाई के रास्ते पर लाने का कार्य सदाचार व्यक्ति कर सकता है ।

सदाचार व्यक्ति के व्यवहार के बारे में – सदाचार व्यक्ति दूसरों के प्रति अच्छा व्यवहार रखता है । वह कभी भी किसी अन्य व्यक्ति के प्रति छल , कपट की भावना नहीं रखता है । सदाचार व्यक्ति का व्यवहार बहुत शांतप्रिय होता है । सदाचारी व्यक्ति कभी भी किसी पर क्रोध नहीं करता है । यदि कोई व्यक्ति उसके सामने रहता है तो वह उस व्यक्ति से सम्मान पूर्वक मिलता है और उस व्यक्ति से हाथ मिलाता है । एक सदाचार व्यक्ति जब किसी मेहमान या अपने दोस्त से मिलता है तब वह सबसे पहले अपने मित्र को मिलने के लिए धन्यवाद देता है और इसके बाद वह अपने मित्र के परिवार के बारे में यह पूछता है कि तुम्हारा परिवार ठीक है ना ।

एक सदाचार व्यक्ति का व्यवहार उसको सदैव सच्चाई के रास्ते पर चलने के लिए अग्रसर करता है । एक सदाचारी व्यक्ति का व्यवहार  सदाचारी व्यक्ति को भगवान की ओर अग्रसर करता है । कहने का तात्पर्य है कि एक सदाचारी व्यक्ति को भगवान पर बहुत विश्वास होता है ।

पूरे संसार में जन्मे महान सदाचारी व्यक्तियों के बारे में – संसार में कई महान लोगों ने जन्म लिया है । जिनकी सच्चाई के किस्से आज भी पूरे संसार में कहे जाते हैं । कई ऐसे उदाहरण हम लोगों को पढ़ने को मिल जाते हैं जिन लोगों ने सच्चाई के रास्ते पर चलकर समाज और देश को उन्नति की राह पर ले जाने का कार्य किया है । यदि हम बात करें ईसा मसीह की तो उन्होंने पूरी दुनिया को सच्चाई के रास्ते पर ले जाने का कार्य किया है । आज पूरी दुनिया ईसा मसीह के द्वारा किए गए कार्यों की सराहना करती है और ईसा मसीह को भगवान मानती है क्योंकि जो व्यक्ति सदाचार के गुण अपनाकर सत्य रूपी धन समाज को बांटता है । वह भगवान कहलाने का अधिकारी होता है ।

जब ईसा मसीह जीने दुनिया में सत्य के माध्यम से उजाला किया तब ईसा मसीह के अंदर संसार के सभी लोगों ने अच्छे गुण देखें थे । इसीलिए आज ईसा मसीह पूरी दुनिया में भगवान के रूप में पूजनीय हैं । यदि हम भी अच्छे कार्य करना चाहते हैं और लोगों को सच्चाई के रास्ते पर ले जाना चाहते हैं तो हमें भी एक सदाचारी व्यक्ति बनने के लिए ईसा मसीह के गुणों को अपनाना पड़ेगी ।

मोहम्मद साहब एक ऐसे सदाचारी व्यक्ति थे जिन्होने समाज की उन्नति के लिए , समाज के विकास के लिए अपना जीवन लगा दिया था । मोहम्मद साहब के अंदर एक सदाचारी व्यक्ति के गुण समाहित थे क्योंकि वही व्यक्ति समाज की उन्नति के लिए अपना जीवन निछावर कर सकता है जो व्यक्ति एक समाज की दुर्दशा को देखकर उसके अंदर दया की भावना जागृत हो और मोहम्मद साहब एक ऐसे ही व्यक्ति थे । जिनके अंदर एक कमजोर व्यक्ति को देखकर दया भाव की भावना जागृत होती थी और उन्होंने समाज के हित में कई कार्य किए थे ।

वह निरंतर यह प्रयास में लगे रहते थे कि पूरी दुनिया को सच्चाई के , सत्य के रास्ते पर ले जाया जाए । इसी कोशिश में मोहम्मद साहब ने अपना पूरा जीवन लगा दिया था । जब मोहम्मद साहब किसी से मिलते थे तब उनके अंदर उनके व्यवहार से उनके सदाचारी गुण झलकते थे  । इसीलिए आज मोहम्मद साहब सदाचारी गुणों से पूरी दुनिया में पहचाने जाते हैं ।

हमारे भारत देश में भी कई महान लोगों ने जन्म लिया है और उन्होंने अपने सदाचारी गुणों के माध्यम से देश की  समाजों को सही रास्ते पर ले जाने का कार्य किया है । उन महान लोगों के नाम इस प्रकार से हैं गुरु नानक देव जी जिनकी आज जितनी प्रशंसा की जाए उतनी कम है । गुरु नानक देव जी बचपन से ही एक सदाचारी व्यक्ति रहे हैं ।उन्होंने अपने माता-पिता से एक सदाचारी गुण प्राप्त किया है । जब भी अपनी समाज की रक्षा के लिए गुरु नानक देव जी को सामने आना पड़ता था तब वह निरंतर अपनी समाज की रक्षा के लिए तत्पर रहते थे ।

गुरु नानक देव जी एक वचनबद्ध व्यक्ति थे गुरु नानक देव जी कभी भी झूठ का सहारा नहीं लेते थे । गुरु नानक देव जी ने भारत देश में रहकर समाज को प्रगति के रास्ते पर ले जाने का काम किया है । आज हम गुरु नानक देव जी की जितनी प्रशंसा करें उतनी कम है । भारत  देश में और भी कई ऐसे सदाचारी व्यक्ति ने जन्म लिया है । जिन्होंने अपने सदाचारी गुणों के माध्यम से समाज को प्रगति के रास्ते पर ले जाने का कार्य किया है । उन व्यक्तियों के नाम इस प्रकार से हैं । स्वामी दयानंद सरस्वती जी जिन्होंने अपने सदाचारी गुणों से सत्य को पूरी दुनिया में उजागर किया है ।

रविंद्र नाथ टैगोर जी भी एक महान सदाचारी व्यक्ति रहे हैं । जिन्होंने राष्ट्र और भारत देश की समाजों के लिए कई कार्य किए हैं । आज हम स्वामी दयानंद सरस्वती जी और रविंद्र नाथ टैगोर जी की जितनी प्रशंसा करें उतनी कम है ।इसके बाद ईश्वर चंद्र विद्यासागर जी भी भारत के महान सदाचारी व्यक्ति रहे हैं । जिनके अंदर सदाचार के गुण छलकते थे और वह निरंतर भारत देश के विकास में भारत देश की समाजों को प्रगति के रास्ते पर ले जाने का कार्य करते रहते थे । हमारे भारत देश के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी भी एक सदाचारी व्यक्ति थे ।

जिन्होंने बचपन से ही सत्य बोलने का संकल्प लिया था ।  महात्मा गांधी जी के सदाचारी गुणों के कारण ही आज पूरा भारत स्वतंत्र है । महात्मा गांधी जी ने सत्य के रास्ते पर चलकर ब्रिटिश शासन की धज्जियां उड़ाई हैं । महात्मा गांधी जी ने कभी भी असत्य का रास्ता नहीं चुना और वह पूरे देश को सत्य की रास्ते पर ले जाने का कार्य करते रहते थे । महात्मा गांधी जी के सत्य के रास्ते पर चलने के कारण ही भारत देश को स्वतंत्रता प्राप्त हुई है ।  आज महात्मा गांधी जी को भारत देश ही नहीं बल्कि पूरा विश्व सदाचार व्यक्ति के रूप में पहचानते हैं ।

महात्मा गांधी जी अपने माता-पिता का सम्मान करते थे और वह सदैव भारत देश को स्वतंत्रता दिलाने में अपना दिमाग लगाते रहते थे । महात्मा गांधी जी सदैव सत्य अहिंसा के रास्ते पर चलने वाले व्यक्ति थे ।इसलिए वह एक सदाचारी व्यक्ति के रूप में अपनी पहचान बना पाए हैं । उनका कहना भी था कि एक अच्छा व्यक्ति बनने के लिए एक सदाचारी व्यक्ति  बनना जरूरी है और एक सदाचारी व्यक्ति बनने के लिए व्यक्ति को सत्य के रास्ते पर चलना चाहिए ।

short essay on sadachar in hindi 

जिस व्यक्ति के अंदर क्षमा , धैर्य , अहिंसा सहिष्णुता , संयम जैसे  गुण होते हैं वह व्यक्ति एक सदाचारी व्यक्ति कहलाता है । यदि कोई व्यक्ति अपने मुंह से यह बोलता है कि मैं एक सदाचारी व्यक्ति हूं और वह व्यक्ति झूठ बोलता है , दूसरे को नुकसान पहुंचाता है तो वह सदाचारी व्यक्ति नहीं होता हैं । एक सदाचारी व्यक्ति अपने मुंह से अपनी भलाई नहीं करता  है । एक सदाचारी व्यक्ति के अंदर अच्छे गुण उसके व्यवहार से दिखाई देते हैं । एक सदाचारी व्यक्ति कभी भी झूठ नहीं बोलता है । यदि कोई व्यक्ति झूठ बोले तो वह एक सदाचार व्यक्ति नहीं है ।

यदि कोई व्यक्ति अपने माता-पिता का सम्मान नहीं करें तो वह सदाचारी व्यक्ति नहीं है । यदि कोई व्यक्ति भगवान पर विश्वास ना करें तो वह सदाचारी व्यक्ति नहीं है । यदि कोई व्यक्ति दूसरे मनुष्य  से घृणा करें , उसको दुश्मनी की नजर से देखें तो वह व्यक्ति सदाचारी व्यक्ति नहीं है क्योंकि सदाचारी व्यक्ति वही होता है जो दूसरों के दुखों में निष्पक्ष भाव से हिस्सा लें और उस व्यक्ति को उसके कष्टों से बाहर निकालने में उसकी मदद करें वहीं सदाचारी व्यक्ति होता है । एक सदाचारी व्यक्ति कभी भी अपने माता-पिता की बातों का अपमान नहीं करता है और वह सदैव अपने माता-पिता के सम्मान को बनाए रखता है ।

एक सदाचारी व्यक्ति के गुण अच्छे कपड़े पहनने से , सुंदर सुंदर श्रृंगार करने से नहीं बनता है बल्कि एक सदाचार व्यक्ति के अंदर दूसरे के लिए मान सम्मान की भावना , समाज को सही रास्ते पर ले जाने की भावना और उसका व्यवहार बहुत ही शांतिप्रिय होना चाहिए । यही सदाचार व्यक्ति के अच्छे गुण होते हैं । यदि किसी व्यक्ति से कुछ गलती हो जाती है तो एक सदाचारी व्यक्ति उस व्यक्ति की गलती को क्षमा करने मे कुछ भी देर नहीं करता है । एक सदाचार व्यक्ति कभी भी झूठ , फरेब के सहारे सफल व्यक्ति बनने की कोशिश नहीं करता है । दोस्तों सदाचार शब्द को 2 शब्दो से मिलाकर बनाया गया है ।

जिसमें सत्य शब्द को लिया गया है । कहने का तात्पर्य यह है कि सदाचारी व्यक्ति के अंदर सत्य बोलने की आदत अवश्य होनी चाहिए । जो सदाचारी व्यक्ति होता है वह कभी भी किसी भी कार्य को करने से घबराता नहीं है । जब सदाचारी व्यक्ति जिस कार्य को करने के लिए अपने कदम आगे बढ़ाता है तब सदाचारी व्यक्ति अपना पहला कदम सच्चाई के साथ बढ़ाता है । सच्चाई की कीमत यदि कोई व्यक्ति जानता है तो वह व्यक्ति एक सदाचारी व्यक्ति होता है क्योंकि वह सदाचार के रास्ते पर चलकर अपने आप की गिनती उन सफल व्यक्तियों में  चुका होता है जिन लोगों को पूरी दुनिया एक सदाचार व्यक्ति के रूप में पहचानती है ।

paragraph on sadachar in hindi

एक व्यक्ति सदाचार व्यक्तित्व तब बनता है जब वह  उत्तम आचरण अपने अंदर समाहित कर लेता है । एक सदाचार व्यक्ति का सबसे बड़ा धन उसका आचरण होता है क्योंकि वह अच्छे आचरण और अच्छे व्यवहार से समाज में सम्मान प्राप्त करता है ।  हमारे भारत देश में राम एक सदाचारी व्यक्ति थे जिन्होंने कभी भी असत्य का रास्ता नहीं अपनाया और रावण एक अत्याचारी व्यक्ति था जिसे पूरी दुनिया दुराचारी व्यक्ति के रूप में पहचानती है । श्री राम भगवान सभी से मिलते थे ।

उनसे सम्मान पूर्वक बातचीत किया करते थे । इसलिए एक सदाचारी व्यक्ति के गुणों को उसका व्यवहार व्यक्त करता है । जो व्यक्ति जैसा व्यवहार दूसरों के प्रति रखता है । उस व्यवहार को देखकर यह पता लगाया जा सकता है कि वह सदाचार व्यक्ति है या नहीं । एक सदाचारी व्यक्ति के अंदर अहिंसा , क्षमा और धैर्य जैसे गुण अवश्य होना चाहिए और उस व्यक्ति को सदैव सत्य के रास्ते पर चलना चाहिए । यह सभी गुण हमें बचपन में स्कूल में पढ़ाई करने के दौरान सिखाए जाते हैं । यदि आज हम एक सदाचारी व्यक्ति के गुणों की बात करें तो एक सदाचारी व्यक्ति का सबसे अच्छा गुण उसकी सच्चाई है । यानी सत्य के रास्ते पर चलकर ही एक सदाचारी व्यक्ति बना जा सकता है ।

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