भीम और बकासुर की कहानी Bheem aur rakshas bakasur story in hindi
Bheem aur rakshas bakasur story in hindi
दोस्तों यह कहानी है महाभारत काल की जब पांडव वन में छुपकर रहते थे एक दिन वह घूमते-घूमते एक ब्राह्मण के पास जा पहुंचे.वह ब्राह्मण के पास आश्रय लेकर रहते थे एक दिन पांडवों को पता लगा की ब्राह्मण का पूरा परिवार दुखी है और वह जोर जोर से रो रहे है. जब पांडवों ने इसका कारण पूछा तो उन्हें बताया गया कि इस गांव में एक बकासुर नाम का राक्षस है वह गाव वासियो को एक एक करके मार डालता है दरअसल हमारे राजा का उस बकासुर से समझौता हुआ है कि राजा एक गाड़ी में भोजन भरकर उसके साथ गाव का एक आदमी रोज भेजेगा और राक्षस भोजन के उस आदमी का भक्षण भी करेगा.
रोजाना गांव के किसी न किसी व्यक्ति को गाड़ी में भोजन के साथ भेजा जाता है यह रोज रोज होता है और आज मेरे परिवार की है तभी पांडवों ने देखा कि ब्राह्मण परिवार के सभी सदस्य खुद को भोजन के साथ बकासुर के पास जाने का कह रहे थे तभी भीम ने उस बकासुर का वध करके उस गांव को और गांव के लोगों को बकासुर के आतंक से बचाने का निर्णय लिया कि वह उस बकासुर के पास भोजन लेकर जाएगा और उसको मार डालेगा.
भीम एक गाड़ी पर बहुत सारा भोजन रखकर चल पडे और जैसे ही बकासुर उस जंगल में पहुंचा तो बकासुर उसे दिख गया.भीम ने बकासुर को भड़काने के लिए गाड़ी में रखा सारा भोजन खा लिया तव वह बकासुर बहुत ही क्रोधित हुआ और भीम और बकासुर का युद्ध हुआ जिसमें बकासुर की मृत्यु हो गई इस तरह से भीम ने बकासुर को मारकर गांव वासियों को उसके आतंक से बचाया.
जब यह बात गांव वासियों को पता लगी तो वह उनके स्वागत के लिए ब्राह्मण के दरवाजे पर खड़े हो गए इधर सभी पांडवो ने भीम को मार्ग में ही रोक लिया और उस गांव से चले गए क्योंकि उन्हें अज्ञातवास का वनवास मिला था वह किसी को भी अपनी पहचान नहीं बताना चाहते थे।
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