विधवा जीवन एक अभिशाप पर निबंध vidhwa jeevan ek abhishap in hindi

vidhwa jeevan ek abhishap in hindi

दोस्तों आज हम आपके लिए लाए हैं विधवा जीवन एक अभिशाप पर लिखें इस निबंध को । चलिए अब हम पढ़ेंगे विधवा जीवन एक अभिशाप पर लिखे इस निबंध को ।

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प्राचीन समय में विधवा जीवन नारी जाति के लिए अभिशाप था । विधवा जीवन नारी जाति के सम्मान को ठेस पहुंचाता था । पहले जब लड़की की शादी 13 से 14 साल में कर दी जाती थी तब वह लड़की  समझदार  नहीं होती थी । यदि उसका पति मर जाता था तब उस लड़की के ऊपर काफी अत्याचार किए जाते थे । उस लड़की को हमेशा सफेद साड़ी पहनाई जाती थी । वह लड़की किसी भी तरह का श्रंगार नहीं करती थी । वह हमेशा जमीन पर चिटाई बिछाकर लेटती थी । वह लड़की समाज के द्वारा बताए गए रास्तों पर ही चलती थी । उस समय यदि कोई लड़की विधवा हो जाती थी तो उस लड़की का जीवन एक अभिशाप बन जाता था ।

ना तो उस लड़की को समाज के बीच में उठने , बैठने दिया जाता था और ना ही उसको मान सम्मान दिया जाता था । उस लड़की को तरह-तरह के ताने समाज के द्वारा दिए जाते थे । वह लड़की ना तो किसी से हंस कर बात कर पाती थी और ना ही कभी किसी के यहां मिलने के लिए जा पाती थी । उस लड़की का विधवा जीवन एक अभिशाप बन जाता था । उस लड़की को आस पड़ोस के लोग यह ताने देते हैं कि यह लड़की तो मनहूस है । उस लड़की के साथ ना तो कोई उठता है और ना ही कोई बातें करता है ।  कोई भी उस लड़की से किसी तरह की कोई बातचीत नहीं करता है । इस तरह से उस लड़की का जीवन नर्क बन जाता है ।

यह हमारे समाज की सबसे गलत प्रथा थी । कई लोग विधवा लड़की को गलत नजरों से देखते थे और जब वह लड़की उन लोगों के खिलाफ आवाज उठाती थी तब उस लड़की को ही समाज के द्वारा भला बुरा कहा जाता था । उस लड़की के रहने का कमरा भी अलग होता था । उस लड़की को भोजन में उबली हुई दाल एवं सादा खाना दिया जाता था । समाज उस लड़की को सादा जीवन बिताने के लिए मजबूर करती थी और बेचारी वह लड़की अपने जीवन को एक अभिशाप मानकर पूरा जीवन विता देती थी । जब कोई व्यक्ति लड़की का मुंह देख लेता था उस लड़की को वह व्यक्ति ताना देता था की इस मनहूस लड़की का मुंह मैंने सुबह सुबह देख लिया है अब मेरा पूरा दिन बेकार ही जाएगा ।

स्त्री के लिए विधवा जीवन एक अभिशाप होता है । जब कोई लड़की विधवा हो जाती है तब उसका पूरा जीवन बर्बाद हो जाता है । वह अपना जीवन अपने हिसाब से नहीं जी पाती है । उसके ऊपर कई तरह के अन्याय किए जाते हैं । विधवा लड़की कभी भी अपना जीवन सम्मान के साथ नहीं जी पाती है ।उसके पति के मर जाने का पूरा दोस उस लड़की पर डाल दिया जाता हैं । कभी-कभी तो हमें यह देख कर ताज्जुब होता है कि जिस लड़की की उम्र पढ़ने-लिखने की होती है उस लड़की का विवाह करवा दिया जाता है और कम उम्र में ही उसके पति के मर जाने के बाद उसको पूरी उम्र सफेद साड़ी पहनाई जाती है ।

ना तो वह लड़की अपने जीवन में कुछ कर पाती थी और ना ही एक अच्छा जीवन जी पाती है । पहले लड़कियां शिक्षित ना होने के कारण ऐसी गलत प्रथाओं का शिकार हो जाती थी । पहले यह कहा जाता था कि मां बाप जब लड़की का कन्यादान कर देते हैं तब लड़की पूरी तरह से लड़की के घर की हो जाती है । यदि लड़के की मौत हो जाती है तब उस लड़की को उसी घर पर सफेद साड़ी  पहनकर अपना सारा जीवन बिताना पड़ता था इसीलिए विधवा जीवन एक अभिशाप होता था ।

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