सर्कस पर निबंध व कविता Circus Essay, poem in Hindi

Circus Essay in Hindi

दोस्तों कैसे हैं आप सभी, दोस्तों आज का हमारा निबंध सर्कस पर निबंध बच्चों के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण निबंध है चलिए पढ़ते हैं आज के इस निबंध को

Circus Essay, poem in Hindi
Circus Essay, poem in Hindi

सर्कस बच्चों के मनोरंजन के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण होता है जब भी हमारे गांव या शहर में सर्कस आता है तो बच्चे सर्कस में जाने के लिए जिद करते हैं। सर्कस में शेर, चीते, भालू, बंदर एवं स्त्री पुरुष सभी तरह तरह के करतब दिखाते हैं जो बच्चों को बहुत ही भाता हैं। बच्चे सर्कस में जाने के लिए मां-बाप से जिद करते हैं आज से कुछ समय पहले हमारे शहर में भी एक सर्कस आया मैंने बच्चों की तरह सर्कस में जाने की अपने पापा से जिद की।

रविवार का दिन था मैं, मेरा भाई और मम्मी पापा हम परिवार समेत सर्कस देखने के लिए गए वहां पर हमने देखा कि एक बड़े से तंबू में सर्कस है इस तंबू के चारों ओर रंग बिरंगी लाइट लगी हुई थी और सर्कस के मेन गेट पर बहुत सारे बच्चे अपने माता-पिता के साथ खड़े हुए थे। कुछ टिकट ले रहे थे तो कुछ गेट के द्वारा अंदर प्रवेश कर रहे थे हम भी वहां पर पहुंचे तो हमने भी टिकट ले लिए।

सर्कस में जाने के लिए तीन प्रकार के टिकट मिल रहे थे पहले नंबर के टिकट जिससे आगे वाली सीट मिलती थी दूसरे नंबर की टिकेट जो कि थोड़े सस्ते थे जिससे बीच में जगह मिलती थी और आखिर में सबसे सस्ते टिकेट जिससे सबसे पीछे बैठने का मौका मिलता था हमने आगे की सीट के टिकट खरीद लिए और अंदर प्रवेश किए।

अंदर प्रवेश करने के कुछ समय बाद ही हमने कुछ जोकरों को वहां पर तरह तरह के करतब दिखाते हुए देखा जोकर वहां पर बैठे लोगों को अपने किए गए क्रियाकलापों से हंसाने का प्रयास कर रहे थे बच्चे बहुत हंस रहे थे लेकिन उनकी हंसी थोडी देर बाद डर में परिवर्तित हो गई जब वहां पर शेर की आवाज आई दरहसल वहां दो शेर आ गए और आपस में ही लड़ाई करने लगे उसके बाद एक आदमी की लड़ाई शेर से हुई इसके बाद वहां पर कुछ बंदर भी आए बंदर साइकिल चलाते हुए आए और भीड़ के लोगों को इशारा करते हुए हाय कहने लगे सभी बच्चे ये देखकर हंसने लगे तभी एक बड़ा सा भालू वहां पर आया वह डांस कर रहा था उसके तरह-तरह के करतब देखकर सभी लोग बहुत ही खुश हो रहे थे।

बच्चो का मनोरंजन हो रहा था कुछ लड़कियां भी एक गोल से चक्र में से अंदर बहार उछल कूद कर रही थी हमने सर्कस में मौत का कुआं भी देखा जिसमें एक व्यक्ति बहुत ही तेज गाड़ी चला रहा था वहां पर बंदर ,शेर,भालू यह सभी जानवर रिंग मास्टर के इशारे पर चल रहे थे वह हमारा बहुत ही मनोरंजन कर रहे थे। वहा पर तरह-तरह के जानवरों ने और भी कई करतब दिखाए जिन्हें देखकर हमें ऐसा लग रहा था कि हम कुछ समय तक और भी यहां पर रुके लेकिन समय पूरा हो गया और हम सर्कस से वापस घर आ गए वास्तव में सर्कस की वह यादें आज भी मुझे याद हैं।

सर्कस पर कविता Circus poem in Hindi

मेरे शहर में आया सर्कस

मुझको प्यारा है सर्कस

मम्मी डैडी मुझे ले चलो

घूमना है मुझे सर्कस

 

बंदर भालू देखूंगा

नाच उनका मैं देखूंगा

खुशी खुशी में सबके संग

अब तो में झूमूंगा

 

शेर को देखूंगा

डर डर के मैं हंसूगा

मेरे शहर में आया सर्कस

मुझको प्यारा है सर्कस

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