उस्ताद करामतुल्लाह खान की जीवनी Ustad karamatullah khan biography in hindi
Ustad karamatullah khan biography in hindi
Ustad karamatullah khan – दोस्तों आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से भारत के महान तबला वादक उस्ताद करामतुल्लाह खान के जीवन परिचय के बारे में बताने जा रहे हैं । तो चलिए अब हम आगेेे बढ़ते हैं और इस बेहतरीन आर्टिकल को पढ़कर भारत देश के महान तबला वादक उस्ताद करामतुल्लाह खान के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त करते हैं ।
उस्ताद करामतुल्लाह खान के बारे मे – उस्ताद करामतुल्लाह खान भारत देश के महान तबला वादक है ।उस्ताद करामतुल्लाह खान फर्रुखाबाद घराने से ताल्लुक रखते हैं जो पश्चिम बंगाल के हैं । फर्रुखाबाद घराने से तबला वादक से गहरा रिश्ता रहा है । उस्ताद करामतुल्लाह खान के पिता मैसित खान है । मैसित खान भी भारत देश के महान तबला वादक रह चुके हैं । उस्ताद करामतुल्लाह खान के पिता मैसित खान के बारे में ऐसा कहा जाता है कि उन्होंने पश्चिम बंगाल मे तबला वादक की शिक्षा के प्रचार-प्रसार में काफी मेहनत की थी ।
फर्रुखाबाद घराने से ताल्लुक रखने वाले मैसित खान ने अपने शिष्यों और बेटा उस्ताद करामतुल्लाह खान के साथ मिलकर तबला वादक का प्रचार प्रसार पश्चिम बंगाल में किया था । मैसित खान के सबसे प्रिय शिष्य इस प्रकार से हैं स्वर्गीय पंडित ज्ञान प्रकाश घोष , स्वर्गीय दत्ता , स्वर्गीगीय राय चंद्र बोराल , दिवंगत मंटू बनर्जी आदि ।उस्ताद करामतुल्लाह खान को अपने पिता से तबला वादक का काफी ज्ञान प्राप्त हुआ था । फर्रुखाबाद तबला वादक फैमिली के द्वारा ही तबला वादक की पहली धुन प्रस्तुत की गई थी । फर्रुखाबााद फैमिली के पहले तबला वादक मीर अकासा थे ।
इसके बाद 26 रे वंशज के रूप में तबला वादक उस्ताद हाजी विलायत अली खान थे ।जिन्होंने तबला वादक का काफी प्रचार किया था । जब उस्ताद करामतुल्लाह खान तबला बजाते थे तब इनकी तबले की धुन को सुनने के लिए काफी लोग आते थे । जब यह तबला बजाते थे तब सभी लोग तबले की धुन को सुनकर अपने जीवन में आनंद प्राप्त करते थे । आज जब हम उस्ताद करामतुल्लाह खान की धुन को सुनते हैं तब बड़ा आनंद आता है । उस्ताद करामतुल्लाह खान की धुन बड़ी प्यारी लगती है ।
जब से उस्ताद करामतुल्लाह खान ने अपने पिता से तबला वादक की शिक्षा प्राप्त की है तब से उन्होंनेे तबला वादक के रूप में कार्य किया है । संगीत की दुनिया में उनके तबला वादक की प्रशंसा काफी की गई है जिस प्रशंसा से उनको काफी खुशी प्राप्त होती थी । उस्ताद करामतुल्लाह खान अपनेे पिता के प्रिय शिष्यों के साथ मिलकर तबला वादक की शिक्षा के प्रचार प्रसार में काफी मेहनत करते थे । जो भी शिष्य उनके पास तबला वादक की शिक्षा प्राप्त करने के लिए आता था वह उन सभी शिष्यों को तबला वादक की शिक्षा देते थे । जो भी शिष्य उनके पास तबला सीखने के लिए जाता था वह तबला वादक की शिक्षा प्राप्त करके अपने जीवन में आनंद प्राप्त करता था ।
वह एक अच्छे स्वभाव के धनी व्यक्ति थे । जो भी व्यक्ति उनसे मिलने के लिए जाता था वह उनसे बहुत भावुक रूप से बातचीत किया करते थे । भारत देेश के महान तबला वादक उस्ताद करामतुल्लाह खान एक महान तबला वादक के रूप में अपनी पहचान बनाने में सफल हुए है । आज उस्ताद करामतुल्लाह खान को सभी महान तबला वादक के रूप में जानते हैं । उनके तबला वादक के हुनर की आज जितनी भी प्रशंसा की जाए उतनी कम है । उस्ताद करामतुल्लाह खान के द्वारा शास्त्रीय संगीत में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया गया है । आज वह हमारे बीच में उपस्थित नहीं है ।
आज उनकी कमी हम सभी को महसूस होती है । संगीत की दुनिया में उस्ताद करामतुल्लाह खान का काफी सम्मान आज किया जाता है ।
उस्ताद करामतुल्लाह खान को मिले अवार्ड के बारे में – उस्ताद करामतुल्लाह खान को उनकी मेहनत और लगन से काम करने के लिए पद्मभूषण पुरस्कार से सम्मानित किया गया हैं । इसके साथ साथ उस्ताद करामतुल्लाह खान को संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से सम्मानित भी किया गया है । यह पुरस्कार उनकी सुंदर कला के लिए दिया गया हैं । उस्ताद करामतुल्लाह खान जी आज बेहतरीन तबला बादक के रूप में पहचाने जाते हैं । यह पुरस्कार उनको मिलना ही था । जब तबला वादक उस्ताद करामतुल्लाह खान को यह पुरस्कार दिया गया तब उनके सम्मान में एक कार्यक्रम आयोजित किया गया था ।
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