संगीत वाद्ययंत्र पर निबंध Essay on musical instruments in hindi

Essay on musical instruments in hindi

दोस्तों आज हम आपको इस लेख के माध्यम से संगीत वाद्ययंत्र पर निबंध के बारे में बताने जा रहे हैं । चलिए अब हम इस लेख के माध्यम से  संगीत वाद्य यंत्र  के बारे में  जानकारी प्राप्त करते हैं ।

essay on musical instruments in hindi
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वाद्ययंत्र के माध्यम से ही संगीत की ध्वनि निकाली जाती है । वाद्ययंत्र का जन्म मनुष्य की संस्कृति के साथ हुआ था । वाद्ययंत्र के द्वारा ही आज संगीत दुनिया में सुनाई दे रहा है । वाद्ययंत्र के द्वारा ही संगीत की दुनिया को ऊंचाइयां मिली  हैं । वाद्ययंत्र के बिना संगीत को सुरीला नहीं बनाया जा सकता था । जब से वाद्ययंत्र का प्रयोग संगीत की ध्वनि निकालने के लिए किया जाने लगा तब से हर संगीतकार ने संगीत को एक नई धुन दी है ।

संगीतकार के माध्यम से हमें जो सुरीला संगीत प्राप्त हुआ है । इसका सबसे बड़ा योगदान वाद्ययंत्र का है । वाद्ययंत्र का जो भी व्यक्ति शैक्षणिक अध्ययन करता है । उस अध्ययन को अंग्रेजी में ऑर्गेनो लोजी कहते हैं । वाद्ययंत्र के द्वारा ही एक अच्छे संगीत की रचना हुई थी । वाद्ययंत्र के द्वारा जिस संगीत की रचना हुई वह संगीत वाद्य संगीत कहलाता है । वाद्य संगीत के माध्यम से नृत्य , डांस जैसे लोकप्रिय मनोरंजन के साधन हम सभी को प्राप्त हुए है ।

वाद्ययंत्र ही संगीत को सुरीला बनाता हैं । ऐसा कहा जाता है कि प्राचीन समय से ही जब से मनुष्य ने अपने जीवन में मनोरंजन का अनुभव किया था , अपने जीवन को संस्कृति से जोड़ा था तभी से यह वाद्ययंत्र मनुष्य के साथ है । वाद्ययंत्र के माध्यम से मनुष्य ने अपने जीवन को संगीत दिया था । संगीत से मनुष्य को एक आनंद की अनुभूति होती है । उस आनंद की अनुभूति से मनुष्य अपने जीवन को सफलता की ओर ले जाता है ।

पिछले कुछ वर्षों पहले के जो संगीतकार थे वे सभी संगीतकार वाद्ययंत्र का ही प्रयोग करके अपनी आवाज को दुनिया तक पहुंचाते थे । जब हम उनकी सुरीली आवाज और वाद्ययंत्र की सुरीली तान को  सुनते थे तब हमें बड़ा ही आनंद आता था । वाद्ययंत्र ने मनुष्य को एक संगीत तो दिया ही है साथ में कई ऐसे संगीतकारों का जन्म भी हुआ है जिनके संगीत को आज तक हम सुनते आ रहे हैं । नृत्य के समय जो वाद्य यंत्र का उपयोग किया जाता है उसकी धुन से हमें अमृत रस प्राप्त होता है ।

जब कोई वाद्ययंत्र की धुन पर नृत्य करता है तब उसके पैर डांस करने लगते हैं । जिस तरह से यह दुनिया बदलती जा रही है उस तरह से वाद्ययंत्र भी लुप्त होते जा रहे हैं । बड़े-बड़े संगीतकार आज इलेक्ट्रिक यंत्रों के माध्यम से संगीत गा रहे हैं । पहले जब हम संगीत को सुनते थे । तब यह संगीत तबले , गिटार , बांसुरी एवं हारमोनियम के माध्यम से गाया जाता था । आज सभी संगीतकार इलेक्ट्रिक यंत्रों का उपयोग कर रहे हैं ।

वाद्ययंत्र को सभी संगीतकार , संगीत की देवी सरस्वती का दर्जा देते हैं , वाद्ययंत्र की पूजा करते हैं क्योंकि प्राचीन समय से लेकर आज तक हमें इतना अधिक सुरीला संगीत वाद्ययंत्र ने दिया है । संगीत को सुनकर हम अपने जीवन में आनंद महसूस करते हैं । सुरीला संगीत जब हमारे कानों में पड़ता है तब हमारा दिमाग शांत हो जाता है और हमारे अंदर अच्छे जीवन जीने की अनुभूति होती है ।

मां सरस्वती के हाथों में भी बीड़ा जैसा वाद्ययंत्र है । मां सरस्वती भी संगीत से प्रेम करती हैं । इसलिए मां सरस्वती को संगीत की देवी कहा जाता है । प्राचीन समय के संगीतकार बीड़ा के माध्यम से भगवान के भजन एवं तरह तरह के गीत गाया करते थे ।

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