चे ग्वेरा की जीवनी che guevara biography in hindi
che guevara biography in hindi
दोस्तों आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से चे ग्वेरा के जीवन काल के बारे में बताने जा रहे हैं . चलिए अब हम आगे बढ़ते हैं और चे ग्वेरा के जीवन परिचय के बारे में पढ़ते हैं .
जन्म स्थान व परिवार – चे ग्वेरा का जन्म 14 जून 1928 को रोजारियो अर्जेंटीना में हुआ था . यह एक डॉक्टर , राजनेता , लेखक , कूटनीतिज्ञ थे . जिन्होंने अपनी सोच से एवं अपनी ताकत से दक्षिण अमेरिका में संघर्ष किया था . चे ग्वेरा ने अपनी ताकत और मेहनत से दक्षिण अमेरिका के कई राष्ट्रों में क्रांति लाकर उन्हें स्वतंत्र बनाने का प्रयास किया था . चे ग्वेरा का विवाह 1955 को हिल्दा से हुआ था . यह विवाह 1955 से 1959 तक ही चल पाया था . इसके बाद चे ग्वेरा ने 1959 को अलायड मार्च से विवाह कर लिया था . चे ग्वेरा केे बच्चों के नाम कैमिलो गुबेेरा, हिल्डा गुवेरा , सोलिया गुवेरा है .
शिक्षा – उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा अर्जेंटीना की राजधानी से पूरी की थी . अर्जेंटीना की राजधानी से उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त की इसके बाद ब्यूनस आयर्स कॉलेज से डॉक्टर की उपाधि प्राप्त की थी . यूनिवर्सिटी ऑफ ब्यूनस ईयर्स कॉलेज से उन्होंने ग्रेजुएशन किया था .
चे ग्वेरा का संघर्ष से भरा जीवन – चे ग्वेरा मध्यमवर्गीय परिवार से थे . जब उन्होंने अमेरिका का घूमकर जायजा लिया , अर्जेंटीना का घूमकर जायजा लिया तब चे ग्वेरा को आसपास की गरीबी देख कर बड़ा दुख हुआ था . उन्होंने गरीबी का सबसे बड़ा कारण क्या है इसका भी पता लगाया था . पता लगाने के बाद चे ग्वेरा का कहना था कि गरीबी का सबसे बड़ा कारण एक आधिपत्य पूंजीवाद , नव उपनिवेशवाद एवं साम्राज्यवाद है .
जिन से छुटकारा पाने के बाद ही गरीबी को खत्म किया जा सकता है और इन को खत्म करने का एक ही रास्ता है वह रास्ता विश्व क्रांति है . इसी सोच को आगे बढ़ाते हुए चे ग्वेरा आगे बढ़े और चे ग्वेरा की मुलाकात ग्वाटेमाला के राष्ट्रपति याकोबो आरबेंज गुजमान से हुई . चे ग्वेरा उनके समाज सुधारक कार्यक्रमों में भाग लेने लगे थे . समाज सुधारक कार्यक्रमों में उनकी उपस्थिति ने उनके जीवन को समाज सुधार में लगाया था . इन सभी कार्यक्रमों में जुड़ने के बाद ही उनकी सोच मजबूत हुई थी .
सन 1954 को गुजमान को अमेरिका की सत्ता के द्वारा वहां से हटा दिया गया था . इसके बाद चे ग्वेरा मैक्सिको सिटी चले गए थे . जहां पर चे ग्वेरा की मुलाकात राउल कास्त्रो एवं फिदेल कास्त्रो से हुई थी . चे ग्वेरा ने अपना जीवन समाज को सुधारने में लगाया था . चे ग्वेरा क्यूबा की क्रांति 26 जुलाई क्रांति में शामिल हुए थे और इस क्रांति में शामिल हुए सभी सदस्यों ने चे ग्वेरा को इस क्रांति की कमान सौंप दी थी . चे ग्वेरा ने बातिस्ता कि राज्य के विरुद्ध जो अभियान चलाया गया था उस अभियान में चे ग्वेरा ने अपना योगदान दिया था .
यह अभियान तकरीबन 2 साल तक चला था . इसके बाद चे ग्वेरा ने पिंग्स की खाड़ी पर जो आक्रमण हुआ था उस आक्रमण से बचने के लिए सैनिकों की मदद की थी . जब चे ग्वेरा की उम्र 23 साल की थी तब उनको उद्योग मंत्री का पद दिया गया था लेकिन चे ग्वेरा लातिनी अमेरिका में क्रांति का संदेश पहुंचाना चाहते थे इसलिए उन्होंने मंत्री पद छोड़ दिया और जंगलों में चले गए थे . उस समय चे ग्वेरा को अमेरिका का सबसे बड़ा दुश्मन समझा जाता था .
चे ग्वेरा ने सत्ता से संघर्ष की ओर अपने कदम बढ़ाए थे . चे ग्वेरा को आज पूरी दुनिया महान व्यक्ति समझती हैं . चे ग्वेरा यदि चाहते तो डॉक्टर की उपाधि प्राप्त करने के बाद अपना जीवन आसानी से व्यतीत कर सकते थे लेकिन उन्होंने गरीबी को देखकर अपने जीवन का झुकाब मार्कसबाद की तरफ किया था .
आज चे ग्वेरा को पूरी दुनिया के साथ साथ क्यूबा के लोग व् बच्चे मान सम्मान देते हैं , चे ग्वेरा की पूजा करते हैं . चे ग्वेरा को अमरीकी खुफिया एजेंटों के द्वारा ढूंढने का काम किया गया . जब खुफिया एजेंटों को चे ग्वेरा का पता लगा तब बोलीविया की सेना की मदद ली गई और चे ग्वेरा को मार दिया गया .
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