विकलांग पर कहानी Story of handicapped person in hindi
Story of handicapped person in hindi
एक व्यक्ति था वह एक कंपनी में नौकरी करता था वह सुबह से शाम तक काम करता था.वह सुबह 9:00 बजे अपनी मोटरसाइकिल लेकर कंपनी के ऑफिस में जाता था एक दिन वह ऐसे ही सुबह-सुबह अपनी मोटरसाइकिल उठाकर आफिस जा रहा था तभी एक तेजी से आने वाले ट्रक से उसका एक्सीडेंट हो गया और बेचारा वह व्यक्ति वहीं के वहीं बेहोश हो गया.उसे हॉस्पिटल में ले जाया गया तो डॉक्टरों ने उसकी जान तो बचा ली लेकिन उसके दोनों पैर काटने पड़े.

वह व्यक्ति विकलांग हो गया था विकलांग हो जाने की वजह से कंपनी वालों ने भी उसे निकाल दिया.उसके बीवी और दो बच्चे थे और परिवार में कोई भी नहीं था बेचारा वह क्या करता.उसे अपना भविष्य अंधकारमय दिख रहा था तभी उसकी बीवी ने उससे कहा अब मैं काम करूंगी. उसके दोस्त ने उसकी बीबी को एक काम दिलवा दिया अब घर का काम भी वो करती और बाहर का काम भी वही करती.
वह सुबह से शाम तक थक जाती और शाम को अपने विकलांग पति को ताने देती. शुरुआत में जब उसका एक्सीडेंट हुआ था तो पत्नी उससे बहुत ही अच्छी तरह से पेश आती थी लेकिन जैसे-जैसे दिन गुजरते गए पत्नी का अपने पति के प्रति व्यावहार बदलता गया.वह अपने पति को अपने ऊपर बोझ समझने लगी लेकिन बेचारा अपाहिज पति करता भी क्या उसके तो दोनों पैर भी नहीं थे वह तो चल भी नहीं सकता था.
एक दिन अपाहिज व्यक्ति से दूर का उसका मामा का भाई उससे मिलने आया उसने जब अपने भाई की इस तरह की हालत देखी तो उसे बहुत दुख हुआ उसने अपने भाई के साथ कुछ महीने रुकना ही अच्छा समझा.वह अपने भाई के साथ रुकता और अच्छी तरह देखभाल करता.उसने अपने भाई को पेंटिंग सिखाना शुरू कर दिया वह अपाहिज अपने घर में ही पेंटिंग सीखने लगा वह बहुत ही अच्छी तरह से पेंटिंग करता धीरे-धीरे वह पेंटिंग में महारथी हो गया.
बहुत सारे लोग उससे पेंटिंग करवाते. वह सिलाई मशीन चलाना भी सीख गया अब वह किसी पर बोझ नहीं था पत्नी भी अब उससे अच्छी तरह से पेश आती थी वह भी अब समझ चुकी थी कि जिस पति को मैं अपने ऊपर बोझ समझती थी वह कितने अच्छे हैं अपाहिज होते हुए भी वह मेरी मदद करते हैं.उस अपाहिज का भाई अपने भाई को घर से काम करना सिखाकर चला गया.अब वह अपाहिज किसी पर भी बोझ नहीं रहा.
दोस्तों हमें अपाहिज व्यक्तियों को कभी भी बोझ नहीं समझना चाहिए हमें उनकी मदद करनी चाहिए और उनका सम्मान करना चाहिए क्योंकि अपाहिज किसी पर बोझ नहीं होता वह भी कुछ कर सकता है।
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