चालाक लोमड़ी की कहानी Chalak lomdi ki kahani in hindi language
Chalak lomdi ki kahani in hindi
Chalak lomdi ki kahani in hindi-दोस्तों कभी-कभी हम अगर मुसीबत में फंसते हैं तो हम हमारी बुद्धि से,अपनी चालाकी से सोच समझकर उस मुसीबत से बाहर निकलने की कोशिश करते हैं तो हम जरूर ही अपने आपको सुरक्षित बचा पाते हैं इसी पर आधारित है हमारी आज की कहानी.
एक जंगल में एक चालाक लोमड़ी रहती थी अभी तक वह सिर्फ जंगल के जानवरों को परेशान करती थी वह कभी भी इतनी बड़ी मुसीबत में नहीं फंसी थी कि अचानक ही एक दिन उसके सामने शेर आ गया अब लोमड़ी बहुत ही घबरा चुकी थी लेकिन उसने अपने हावभाव अपने चेहरे पर प्रकट नहीं होने दिया उसने निडर होकर चालाकी से काम लिया उसने उस शेर से कहा कि शेर महाराज आप यदि मुझे खाने का विचार कर रहे हैं तो ऐसा सोचिएगा भी मत क्योंकि मैं भगवान के द्वारा भेजी गई एक दूत हूं अगर आपने मुझे खा लिया तो भगवान आपको जरूर सजा देंगे.
शेर लोमड़ी की ये बातें सुनकर एक पल के लिए डर गया लेकिन उसने पूरी तरह से लोमड़ी की इन बातों पर विश्वास नहीं किया.लोमड़ी शेर से आगे बोली कि शेर महाराज इस जंगल के हर एक जानवर मुझसे डरते हैं क्योंकि मैं भगवान की भेजी हुई दूत हूं सब मुझे जानने लगे हैं आप भी मुझे खाने का प्रयत्न बिल्कुल ना कीजिए.
अगर आपको यकीन नहीं होता तो आप मुझे जंगल में जाते हुए देखिए मुझे देखते ही सारे जानवर भाग जाएंगे इतना कहने पर लोमड़ी जंगल की ओर आगे बढ़ने लगी पीछे पीछे शेर भी यह देखने के लिए जाने लगा कि लोमड़ी को देखकर कोई डरता है क्या.धीरे-धीरे देखते देखते जितने भी आसपास जानवर थे सभी वहां से भागने लगे वास्तव में वह लोमड़ी को देखकर नहीं बल्कि पीछे जा रहे शेर को देखकर भाग रहे थे लेकिन शेर को लगा कि जरूर ही लोमड़ी भगवान के द्वारा भेजी गई कोई दूत है तो वह भी डर के मारे वहां से भाग गया और इस तरह से एक चालाक लोमड़ी ने उस शेर से अपनी जान बचाई.
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