पुस्तक हमारी मित्र निबंध Pustak hamare mitra essay in hindi
Pustak hamare mitra essay in hindi
Essay on books are our friends in hindi-हेलो दोस्तो कैसे हैं आप सभी ,दोस्तों आज का हमारा आर्टिकल Pustak hamare mitra essay in hindi आप सभी के लिए बड़ा ही प्रेरणादायक है।
दोस्तों हम आपके लिए बहुत सारे निबंध प्रस्तुत करते हैं जिनका उपयोग आप अपने स्कूल कॉलेज की परीक्षा में निबंध लिखने के लिए कर सकते हैं, साथ में इस निबंध से प्राप्त ज्ञान को आप दूसरों को भी बांट सकते हैं तो चलिए पढ़ते हैं आज के हमारे इस निबंध को.
प्रस्तावना– पुस्तके हमारी मित्र होती हैं। वह हमारी सच्ची मित्र होती हैं क्योंकि पुस्तके सिर्फ हमको कुछ ना कुछ देती हैं बल्कि हमें देने के बदले में वह हमसे कुछ नहीं लेती. पुस्तकें हम सभी की बहुत ही अच्छी मित्र होती हैं।
पुस्तकें हमारी सच्ची मित्र क्यों होती हैं- आज के जमाने में बहुत सारे बदलाव देखने को मिलते हैं। हमको तरह तरह के लोग मिलते हैं उनसे हमारी दोस्ती होती है लेकिन आज के युग में बहुत ही कम लोग ऐसे होते हैं जो किसी के सच्चे मित्र बन सकते हैं।
दरह्सल हर किसी को अपनी खुद की पड़ी है वह दूसरों के बारे में नहीं सोचते, कभी-कभी तो कुछ लोग ऐसा भी करते हैं कि वह अपने निजी फायदे के लिए अपने दोस्त को भी नुकसान पहुंचाने से नहीं चूकते.
इस आधुनिक युग में हमें सच्चे मित्र मिलना बहुत मुश्किल होता है लेकिन पुस्तकें हमारी बड़ी ही अच्छी मित्र होती हैं जिस तरह से एक सच्चा दोस्त हमारे साथ रहता है, हमारे दुखों को दूर करने में हमारी सहायता करता है उसी तरह से पुस्तकें भी हमारे साथ ऐसा ही करती है।
पुस्तकें भले ही बोलती ना हो लेकिन वह बिना बोले ही हमारे लिए बहुत कुछ कर देती है। पुस्तकें हर किसी की बड़ी ही अच्छी मित्र होती हैं.
आज के इस आधुनिक युग में बहुत से लोग ऐसे हैं जो अकेले रहते हैं जो बहुत ही बोरिंग महसूस करते हैं लेकिन पुस्तकें एक मित्र की भांति उनका मनोरंजन करती है उनका समय बिताने में उनकी सहायता करती है।
अगर कोई दुखी है तो पुस्तके उनके चेहरे पर मुस्कान लाने में कारगर सिद्ध होती हैं.पुस्तकों में लिखा हुआ ज्ञान हमारे बड़े काम का होता है।
पुस्तकों के जरिए ज्ञान प्राप्त करके हम कुछ अच्छा कर सकते हैं,हम एक सफल व्यक्ति बन सकते हैं। पुस्तके हम से बिना कुछ लिए हमें बहुत सा ऐसा ज्ञान प्रदान करती हैं जो हमें सफलता की ऊंचाई तक पहुंचाने में हमारी मदद करता हैं.
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पुस्तके कितने प्रकार की होती हैं- हमारे देश में बहुत सारी पुस्तकें होती हैं जो हमें ज्ञान प्राप्त करने के साथ में हमारा मनोरंजन और हमें दुखों से मुक्ति दिलाने में हमारी सहायता करती हैं।
जब बच्चे फ्री रहते हैं तो वह अपने मनोरंजन के लिए बहुत सी किताबें पढ़ते हैं इनमें पंचतंत्र की किताबें,नाना नानी के किस्से आदि किताबे हो सकती हैं जो बच्चों को ज्ञान के साथ में उनका मनोरंजन भी करवाती हैं.
बड़ों के लिए शिक्षा देने वाली बहुत सी किताबें होती हैं जैसे की विज्ञान, इतिहास इत्यादि जो हमारे विज्ञान और समाज के बारे में हमें जानकारी देती है.
पुस्तके हमें मुफ्त में ही बहुत सारा ज्ञान करा देती हैं जो हमारे बहुत ही काम आता है.बुजुर्ग जो ज्यादातर गीता,रामायण आदि का पाठ करते हैं वाकई मे ये महान गृह्न्थ हम सभी को ज्ञान कराकर हमें मोक्ष के द्वार पर ले जाते है.
पुस्तके बहुत सारा ज्ञान देती है– पुस्तकों में बहुत सा ज्ञान ऐसा होता है जो हमारे लिए बड़ा ही महत्वपूर्ण होता है। बहुत से ऐसे महान लोग होते हैं जो हमें पर्सनली नहीं मिल सकते लेकिन वह जिन परेशानियों से गुजरे हैं, उन्होंने अपने जीवन में जो सीख ली है वो सीख हमें पुस्तकों के द्वारा मिलती है।
हम जीवन में उस सीख का उपयोग करके या उस ज्ञान को लेकर जीवन में आगे बढ़ते हैं। वास्तव में पुस्तकें हमारी ऐसी मित्र हैं जो हमसे बिना कुछ लिए हमें सब कुछ प्रदान करती हैं.
दोस्तों में तो बहुत सी बुराइयां हो सकती हैं जैसे कि लालच,झूठ,कपट इत्यादि जिससे हमारा कुछ नुकसान भी हो सकता है लेकिन पुस्तकें इन सभी चीजों से परे होती है। वह सिर्फ हमें देती हैं हमसे इसके बदले में कुछ भी नहीं लेती.
पुस्तकें हमारी सबसे बड़ी मित्र ,सच्ची मित्र हो सकती है कभी-कभी ऐसा भी देखा जाता है की पुस्तके हमारे नजरिए को,हमारी सोच को बदल सकती हैं या बदल देती हैं।
दरअसल हमारे दोस्त हमारी सोच या हमारे नजरिए को हो सकता है ना बदल पाए लेकिन पुस्तकों मैं लिखी हुई शिक्षाप्रद,ज्ञानप्रद हमारे नजरिए को, हमारी सोच को बदल कर हमें कामयाबी दिलवा सकती हैं.
देखा जाए तो पुस्तकें हमारी सबसे अच्छी मित्र होती हैं जो हमें खुशी देती हैं, हमें हंसाती हैं, हमें जीवन के गूढ़ रहस्य के बारे में बताती हैं हमें साहित्य के बारे में बताकर ज्ञानवान बनाती हैं.
पुस्तकें हर तरह से एक व्यक्ति की सच्ची मित्र बनती हैं जो हमेशा उसके साथ रहती हैं वो कभी भी खुद से उसका साथ छोड़कर नहीं जाती.
हमारे दोस्त तो हमसे दोस्ती तोड़कर जा सकते हैं लेकिन पुस्तके ऐसी होती हैं जो ना बोलती हैं ना सुनती हैं वह सिर्फ हमको ज्ञान देती हैं और हमारे सच्चे मित्र की तरह हमारे साथ जिंदगी भर रह सकती हैं.
उपसंहार- हम सभी को पुस्तकों को एक अच्छे मित्र की तरह समझकर उनकी देखभाल करनी चाहिए और इनको पढ़ना चाहिए और उनके द्वारा दिए गए ज्ञान को अपने अंदर उतारकर ज्ञानवान बनना चाहिए क्योंकि पुस्तकें हमारी सच्ची मित्र होती हैं जो कई तरह से हमारी मदद करती हैं हमें भी पुस्तकों का महत्व समझकर उनको हमेशा पढ़ना चाहिए।
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Very Nice essay ye kal mere bohot kam aane waala hai school me
Thanks for the speech
Execllent essay
Very nice essay
Very nice essay I will write in school notebook
Hmm Sach me
Bhai
Ek dam right
Ye Kal itna zaroori tha ki mera pira kaam aasan ho Gaya
Nice essay
I love it
Ha moj ha
Ty yeh meri exam mai copy karne mai bahut kaam aya