न्यायालय पर निबंध Nyayalaya essay in hindi
Nyayalaya essay in hindi
Nyayalaya – दोस्तों आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से न्यायालय पर लिखें निबंध के बारे में बताने जा रहे हैं । चलिए अब हम आगे बढ़ते हैं और न्यायालय पर लिखे निबंध को पढ़कर जानकारी प्राप्त करते हैं ।
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न्यायालय के बारे में – न्यायालय भारत देश में न्याय देने के उद्देश्य से बनाए गए हैं । जहां पर न्याय देने की व्यवस्था होती है । प्राचीन समय में मुगल काल के दौरान भारत में दो न्यायालयों का उल्लेख भी मिलता है जहां पर न्याय दिया जाता था । मुगल काल के समय में जो दो मुख्य न्यायालय थे उन न्यायालयों में पहले न्यायालय का नाम सदर दीवानी अदालत था । जहां पर न्याय नागरिकों को दिया जाता था । इसके बाद दूसरा न्यायालय स्थापित किया गया और उस दूसरे न्यायालय का नाम सदर निजाम ए अदालत था ।
यह दोनों अदालतें आपराधिक एवं व्यवहारबाद जैसे मामलों की सुनवाई करता था । जब हमारा भारत देश 1947 में अंग्रेजों से आजाद हुआ तब भारत देश में भारतीय संविधान के अंतर्गत एक गणराज्य की स्थापना की गई थी और भारतीय नागरिकों को न्याय दिलाने के लिए एवं आपराधिक मामलों की सुनवाई करने के लिए उच्चतम न्यायालय बनाया गया था । उच्चतम न्यायालय भारत का सर्वोच्च न्यायालय बना था । जहां पर न्याय दिया जाता है । आज भी सर्वोच्च न्यायालय में न्याय नागरिकों को दिया जाता है ।
न्यायालय से जो फैसला जज के माध्यम से किया जाता है वह फैसला सर्वमान्य माना जाता है । भारत देश में जितने भी न्यायालय हैं उन न्यायालय का एक अभिलेख न्यायालय भी होता है और राज्य के जितने भी न्यायालय होते हैं वह सभी न्यायालय अभिलेख न्यायालय के अधीन होते हैं । जो अभिलेख न्यायालय के देखरेख में कार्य करते हैं । न्यायालय की व्यवस्था नागरिकों के लिए की गई है । जिससे कि नागरिकों को न्याय प्राप्त हो सके । न्यायालय के अंदर जो न्यायधीश होता है वह सबूतों के हिसाब से एवं नियमों के हिसाब से न्याय प्रदान करता है ।
भारत देश के जितने भी उपर्युक्त न्यायालय हैं उन सभी उपर्युक्त न्यायालय को अपील संबंधी क्षेत्राधिकार होते है । जिले के जो प्रधान न्यायालय होते हैं और उन प्रधान न्यायालयों में जो जिला न्यायाधीश होते हैं उनके पास अपील संबंधी क्षेत्राधिकार होते हैं । भारत देश में अन्य न्यायालय की भी व्यवस्था की गई है । भारत देश में निम्न तीन प्रकार की अन्य न्यायालय हैं जो न्याय देने का काम करते हैं । पहला अन्य न्यायालय व्यावहारिक न्यायालय है । जहां पर सिविल जज के द्वारा न्याय दिया जाता है । इसके बाद दूसरा अन्य न्यायालय दंड न्यायालय है ।
जिसमें जिला दंडाधिकारी के द्वारा अपराधी को दंड दिया जाता है । जिसे डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट कहते हैं । अन्य जो डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट के न्यायालय होते हैं वह न्यायालय सत्र न्यायालय कहलाता है । जहां पर डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट के द्वारा फैसला सुनाया जाता है । इसके बाद तीसरा अन्य न्यायालय राजस्व न्यायालय होता है । जिस राजस्व न्यायालय जिलाधीश कलेक्टर एवं आयुक्त जिसे कमिश्नर कहते हैं उनके अधीनस्थ रहता है । कलेक्टर एवं कमिश्नर के माध्यम से न्याय नागरिकों को दिया जाता है ।
भारत देश की सभी न्यायालय न्यायपालिका को मजबूत करने के लिए स्थापित किए गए हैं । जिन न्यायालयों में खंडपीठ की भी व्यवस्था की गई है । अपराधियों की संख्या में कमी आए इसके उद्देश्य से न्यायालय स्थापित किए गए हैं । जो अपराधी अपराध करके न्यायालय में उपस्थित होता है न्यायालय में उसको दंडित किया जाता है । यदि कोई व्यक्ति संविधान की अवहेलना करता है , कानून को तोड़ता है उसको ही न्यायालय में दंडित किया जाता है ।
न्यायालय का जो सिविल कोर्ट होता है उस कोर्ट में जो जज होते हैं वह जज राज्यपाल एवं मुख्य न्यायाधीश की सलाह पर नियुक्त किए जाते हैं । 10 वें वित्त आयोग ने जब केंद्र सरकार को यह सलाह दी कि फास्ट ट्रैक कोर्ट का गठन होना चाहिए तब केंद्र की सरकार ने भारत देश के सभी राज्य सरकारों को 1 अप्रैल 2001 से 1734 फास्ट ट्रैक कोर्ट स्थापित करने के आदेश दिए थे । यह न्यायालय पारदर्शिता रखते हैं । इन सभी न्यायालयों में न्यायपालिका के माध्यम से संविधान की रक्षा होती है । न्यायालय में नागरिकों के मौलिक अधिकारों की भी रक्षा सुरक्षा की जाती है ।
जब अंग्रेजों के समय में न्यायालयों में फैसले सुनाए जाते थे तब वह फैसले सबूतों के आधार पर सुनाए जाते थे । उसी प्रक्रिया को बरकरार रखते हुए आजादी के बाद भारत में न्यायालय स्थापित किए गए और सभी राज्यों में सभी को न्याय दिलाने के उद्देश्य न्यायालयों की संख्या में बढ़ोतरी की गई है । फास्ट ट्रैक कोर्ट जैसे न्यायालय भी भारत देश में स्थापित किए गए हैं । जो फास्ट ट्रैक कोर्ट लंबित पड़े हुए मुकदमों को जल्द से जल्द सुलझाने का काम करती हैं । न्यायालय मे सभी तरह के विवाद सुलझाए जाते हैं ।
कई बार न्यायालय में ऐसे मामले भी सुलझाए जाते हैं जिस मामले को सुलझाना बहुत कठिन होता है । न्यायालयों में संवैधानिक खंडपीठ स्थापित की गई है । जो संवैधानिक खंडपीठ न्यायालयों में न्याय देने का कार्य करते हैं ।संवैधानिक खंडपीठ न्यायालयों में जब न्याय दिया जाता है तब अपराधों में कमी आती है ।
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