बाल अधिकार एवं उनका संरक्षण निबंध Essay on child rights in hindi

Essay on child rights in hindi

Bal adhikar essay in hindi-दोस्तों आज हम आपके लिए लाए हैं बाल अधिकार एवं उनका संरक्षण पर लिखें इस निबंध को . चलिए अब हम पढ़ेंगे बाल अधिकार एवं उनके संरक्षण पर लिखे इस निबंध को .

बाल अधिकार क्या है, यह कितने हैं?

18 वर्ष से कम आयु वाले बच्चों के मूलभूत एवं जन्मजात अधिकार बाल अधिकार कहलाते हैं यानी बालको को लेकर भारत सरकार ने कुछ अधिकार बनाए हैं इन अधिकारों के आधार पर बच्चों को कोई भी प्रताड़ित नहीं कर सकता है . बर्ष 1959 में बाल अधिकारों की घोषणा की गई थी लेकिन इन्हें २० नवम्बर 2007 को स्वीकार्य किया गया. बच्चों के जो अधिकार होते  वह अधिकार उनको मिलना चाहिए .

बच्चो को शिक्षा का अधिकार, जीने का अधिकार, भागीदारी का अधिकार, संरक्षण का अधिकार, विकास का अधिकार आदि जैसे कई अधिकार प्राप्त हैं. बच्चो को ये सभी अधिकार प्राप्त होना चाहिए. दरहसल बच्चो को 54 अनुच्छेदों में 41 विशिष्ट अधिकार दिए गए हैं. भारत सरकार के द्वारा बाल शोषण को रोकने के लिए बाल संरक्षण आयोग भी बनाया गया है .

essay on child rights in hindi
essay on child rights in hindi

बाल संरक्षण आयोग की  टीम बच्चों के अधिकारों को दिलवाने में मदद करती  हैं . यदि कोई व्यक्ति बच्चों पर अत्याचार करता है तो  उस स्थिति में बाल संरक्षण आयोग का यह दायित्व बनता है कि वह बच्चों को उनके अधिकार दिलवाए . जो व्यक्ति बच्चों को प्रताड़ित कर रहा है उसको सजा दिलवाए . बाल संरक्षण आयोग के द्वारा राज्य स्तर पर कई कार्यक्रम किए जाते हैं . बाल संरक्षण आयोग कार्यक्रम के माध्यम से बच्चों को आतंकवाद , घरेलू हिंसा , सांप्रदायिक हिंसा , दंगे – फसाद , एचआईवी ऐड्स , शोषण और  तस्करी , दुर्व्यवहार के बारे में समझाती है जिससे  बच्चे बहादुर और निडर बनते हैं .

बाल संरक्षण आयोग के द्वारा वह बच्चे जो छोटी सी उम्र में ना समझ के कारण गुनहगार बन जाते  हैं और  जेल में चले जाते है उनको जागरूक किया जाता है . बाल संरक्षण आयोग के द्वारा  बच्चों के अधिकारों को बताया जाता है . बाल संरक्षण आयोग के द्वारा बच्चों को यह समझाया  जाता है कि यह उम्र पढ़ने-लिखने की होती है . बच्चों का सबसे बड़ा अधिकार शिक्षा प्राप्त करना होता है . शिक्षा प्राप्त करके बच्चों की मानसिक स्थिति सुधरती है , उनके जीवन का विकास होता है . यदि कोई व्यक्ति बच्चों पर दुर्व्यवहार , अत्याचार करता है तब  बाल अधिकारों का उल्लंघन माना जाता है और इसकी जांच बाल अधिकारी के द्वारा की जाती है .

यह आयोग बच्चो के विकास के लिए  बनाया गया है . यह आयोग बच्चों को यह सिखाता है की तुमको पढ़ने-लिखने , अच्छी स्वास्थ्य सुविधा पाने , अच्छा भोजन खाने , अच्छे कपड़े पहनने का अधिकार होता है . यह अधिकार बच्चों से कोई भी नहीं छीन सकता है . वह बच्चे जो अनाथ आश्रम में होते हैं उनको भी सारी सुविधाएं भारत सरकार के द्वारा दी जाती हैं . वह बच्चे जो फुटपाथ एवं सड़कों पर रहते हैं उनको सरकार के द्वारा अच्छी शिक्षा एवं सुरक्षा दी जाती है . बच्चे देश के भविष्य की नींव होते हैं यदि देश के भविष्य को उज्जवल बनाना है तो देश के बच्चों को अच्छी शिक्षा दिलाना आवश्यक है .

बच्चों के अधिकारों को लेकर सरकारें तरह तरह के कार्यक्रम प्रस्तुत करती है . बच्चों के उज्जवल भविष्य को लेकर सबसे अधिक धन  खर्च किया जाता है . बच्चों को पढ़ाई के साथ साथ खेलने कूदने का भी अधिकार होता है . खेलने से  बच्चों का आंतरिक विकास होता है . यदि कोई भी व्यक्ति कम उम्र के बच्चों से काम करवाता है तो उस व्यक्ति के खिलाफ कानूनी कार्यवाही की जाती है . किसी भी बच्चे से कोई भी व्यक्ति जबरजस्ती काम नहीं करवा सकता है . बाल संरक्षण आयोग को सिविल न्यायालय की सभी प्रकार की शक्तियां प्राप्त होती हैं . यदि कोई व्यक्ति किसी बच्चे पर अत्याचार करता है तब बाल संरक्षण आयोग को यह अधिकार होता है कि वह उस व्यक्ति को सुनवाई के लिए आदेश दे सकता है .

आयोग को यह पूरा अधिकार होता है कि वह उस व्यक्ति के खिलाफ कानूनी कार्यवाही करे . बाल संरक्षण आयोग  का यह दायित्व होता है कि वह शिकायत पर बाल संरक्षण अधिनियम का उल्लंघन करने वाले व्यक्ति पर कार्यवाही करें . भारत सरकार के द्वारा फोन नंबर , टोल फ्री नंबर भी बनाए गए हैं जिन नंबरों पर हम बच्चों पर हो रहे अत्याचार की जानकारी दे सकते हैं . बच्चों को सरकारी सेवाओं का लाभ मिलना चाहिए .

दोस्तों हमारे द्वारा लिखा गया यह आर्टिकल बाल अधिकार एवं संरक्षण निबंध essay on child rights in hindi आपको पसंद आए तो शेयर अवश्य करें धन्यवाद .

One Comment

Add a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *