भारतीय संविधान पर निबंध Essay on indian constitution in hindi
Bhartiya samvidhan essay in hindi
दोस्तों आज हम आपको भारत के संविधान के बारे में बताने वाले हैं, हमारे भारत का संविधान कई देशों के संविधान से प्रेरित होकर बना है और संविधान के निर्माण में सबसे ज्यादा डॉक्टर भीमराव अंबेडकर जी की भूमिका रही है और आज हम सभी इस संविधान में बंधे हुए हैं ।
26 जनवरी 1950 को हमारे भारत में संविधान लागू किया गया और हम सभी नागरिक उस संविधान में बंध गए। हमारे देश का कानून संविधान के हिसाब से चलता है और हमारे भारत के संविधान में सभी व्यक्ति बराबर हैं , किसी भी व्यक्ति में किसी भी प्रकार का भेदभाव नहीं किया जाता और सभी संविधान के हिसाब से चलते हैं । संविधान में समानता का अधिकार है और संविधान में सब नियम कानून लिखे गए हैं जिससे कि एक व्यक्ति दूसरे व्यक्ति को नुकसान ना पहुंचाएं ।
अगर कोई संविधान के खिलाफ काम करता है तो संविधान में धाराओं के हिसाब से सजा नियुक्त की गई है और उस धारा के हिसाब से सजा दी जाती है चाहे वह आम व्यक्ति हो चाहे, नेता हो या सरकारी कर्मचारी। वह कोई भी हो अगर कोई भी संविधान के नियमो को तोड़ता है तो उसको सजा अवश्य दी जाती है ।
संविधान बनाने का मकसद यह है कि हमारा देश हमेशा विकास की ओर बढ़ता रहे और हमारे देश की जनता एक साथ चलें और कोई भी व्यक्ति ऐसा काम ना करें जिससे कि हमारे देश के अन्य व्यक्तियों को और देश को नुकसान पहुंचे । संविधान इसलिए बनाया गया है कि कोई भी राजनीति करके किसी तरह से भारत के लोगों को नुकसान ना पहुंचाएं और सरकार को भी एक सीमा में रहकर काम करना पड़ता है।
आज हम देखे की नेताओ को जनता के लिए चुना जाता है कि वह जनता की मदद करें और उनको आगे बढ़ाएं यह सब उनको संविधान की सीमा में रहकर करना होता है । हमारे भारत का जो संविधान है वह लिखित संविधान है और दुनिया में सबसे बड़ा संविधान है। हमारे भारत का जो संविधान बनाया गया है वह हमारी भारत की जनता के हिसाब से बनाया गया है ।
भारत की जनता को किस तरह से विकास की ओर बढ़ाया जा सके यह भी संविधान में लिखा गया है और संविधान में जो नियम कानून बनाए गए हैं उनके हिसाब से हम सभी को चलना होता है जिससे कि हमारे संविधान को किसी तरह का कोई नुकसान ना पहुंचे । संविधान को सबसे पहले न्यायालय द्वारा मान्य किया जाता है फिर पूरे देश में उसको लागू किया जाता है।
हमारे भारत के संविधान में 395 अनुच्छेद , 12 अनुसूचियां तथा संविधान को 22 भागों में विभाजित किया था और आज हमारे भारतीय संविधान में 465 अनुच्छेद , 12 अनुसूचियां और 22 भागों में विभाजित है। उस समय संविधान सभा के प्रमुख सदस्य थे जो सभी राज्यों की सभाओं से चुने गए सदस्य थे जैसे कि भीमराव अंबेडकर , अब्दुल कलाम , डॉ राजेंद्र प्रसाद , पंडित जवाहरलाल नेहरू यह सभी राज्यों की सभाओं से चुने गए सदस्य थे , हमारे भारत का संविधान हिंदी और इंग्लिश दोनों भाषाओं में लिखा गया है ।
bhartiya samvidhan ki prastavana
हमारे भारत के संविधान की प्रस्तावना एक पहचान के रूप में कार्य करती है। 26 जनवरी 1950 को हमारा संविधान लागू हुआ , लेकिन 1976 में संविधान में 42 वे संविधान अधिनियम के द्वारा संशोधन किया गया जिसमें 3 शब्दों को जोड़ा गया जैसे की धर्मनिरपेक्ष और अखंडता , समाजवादी। संविधान में जो संशोधन किया गया था वह भारत के लोगों के लिए किया गया था कि हमारा देश और देश के लोग संपन्न हो।
हमारे देश में कई जाति धर्म के लोग रहते हैं वह सभी भाईचारे से रहें और संविधान के सभी लोगों को स्वतंत्रता का अधिकार हो। हमारे देश के सभी नागरिकों को न्याय मिले , हमारे देश के सभी लोग सुरक्षित हो और सभी मिलकर राष्ट्र की एकता और अखंडता को बनाए रखें और हमारे देश का संविधान सुरक्षित रहे ।
हमारा देश किसी भी विदेशी और आंतरिक शक्ति से पूर्णता मुक्त है और हमारा देश एक संविधान के बंधन में बंधा हुआ है। हमारे भारत ने लोकतांत्रिक समाजवाद को अपनाया है, हमारे भारत में सभी धर्म के लोगों की गरीबी मुक्त करना , अज्ञानता को दूर करना , बीमारी को दूर करने के अवसर सभी को समान हैं । हमारे देश में सभी धर्म के लोगों को सभी राज्यों में जाने और वहां पर रहने का अधिकार दिया गया है जिससे लोग कहीं पर भी काम कर सकते है और अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए वह कहीं पर भी बिजनेस कर सकते है ।
हमारे इस संविधान में सभी को सुरक्षा का अधिकार भी दिया गया है सरकार के द्वारा सभी लोगों की सुरक्षा की जाएगी । हमारे संविधान में हमारे देश का कोई भी नागरिक राजनीति करने का अधिकार रखता है चाहे वह किसी भी धर्म का हो, सरकारी नौकरियों में आवेदन करने का हक सभी नागरिकों को दिया गया है इसमें किसी तरह का कोई भी भेदभाव नहीं किया गया है और सभी लोगो को चुनाव के समय वोट देने का अधिकार भी है यह अधिकार उनसे कोई भी नहीं छीन सकता । हमारे देश में न्यायपालिका व्यवस्था रखी गई है जहां से सभी के साथ न्याय किया जाता है।
bhartiya samvidhan ki prastavana ka mahatva
हमारे संविधान की प्रस्तावना का सबसे बड़ा महत्व है क्योंकि हमारे संविधान ने भारत के सभी नागरिकों को एक सूत्र में बांधे रखा है, संविधान के हिसाब से किसी भी व्यक्ति में किसी भी तरह का भेदभाव नहीं किया गया है । समय-समय पर हमारे संविधान में संशोधन किया जा सकता है जैसे कि अगर नागरिकों की भलाई के लिए संविधान में संशोधन करना आवश्यक है तो यह भी किया जा सकता है ।
हमारे भारत का सबसे बड़ा संविधान है जो कि लिखित संविधान है और यह संविधान नागरिकों की भलाई के लिए और उनकी रक्षा के लिए बनाया गया है। हमारे देश के सभी धर्म संविधान में बंधे हुए हैं वह संविधान के दायरे में रहकर काम करते हैं चाहे वह सरकारी कर्मचारी हो या कोई राजनेता हो। यह संविधान हमारे देश के लिए बहुत ही आवश्यक है।
संविधान के अनुसार कोई भी हमारे ऊपर अत्याचार नहीं कर सकता है, हमारा संविधान सबसे अच्छा संविधान है और हमारे भारत के लोग इस संविधान को मानते हैं यह संविधान हमारे देश के नागरिकों को और हमारे देश को विकास करने में मदद करता है । विश्व के सभी संविधानो को मिलाकर हमारा संविधान बना है और यह संविधान दुनिया के संविधान से सबसे बड़ा संविधान है।
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