हमारा राष्ट्रीय पक्षी मोर पर निबंध Essay on national bird peacock in hindi
Essay on national bird peacock in hindi
दोस्तों आज का हमारा निबंध हमारे राष्ट्रीय पक्षी मोर के बारे में है हमारे आज के इस निबंध में आप जानेंगे हमारी प्रक्रति के एक सुन्दर पक्षी मोर के बारे में और यहां से जानकारी लेकर आप अपने स्कूल की परीक्षा में निबंध लिख सकते हैं तो चलिए पढ़ते हैं हमारे आज के इस निबंध Essay on national bird peacock in hindi को.
मोर हमारा राष्ट्रीय पक्षी है यह बहुत ही चतुर और फुर्तीला है इसको राष्ट्रीय पक्षी सन 1963 में घोषित किया गया था.मोर आकार में बहुत ही बड़ा होता है इसके रंग बिरंगे पंख बहुत ही सुशोभित होते हैं मोर हमारे पूरे भारत देश में पाया जाता है.संस्कृत में हम सभी मोर को मयूर भी कहते हैं.मोर की गर्दन लंबी होती है और ये एकांत में अपना नाच दिखाता है यह अपने नाच में इतना मगन हो जाता है कि कभी-कभी तो इसके पास में लोग चले जाते हैं तो इसको पता भी नहीं लगता.मोर हमेशा झुंड में रहना पसंद करता है बच्चे,बूढ़े नौजवानों सभी को आकर्षित करता है इसका मनमोहक रंग हर किसी को आकर्षित करता है मोर के रंग बिरंगे पंख बहुत ही सुशोभित होते हैं.
मोर अन्य पक्षियों के मुकाबले बड़ा होता है मोर का पूरा शरीर रंगों से सुशोभित होता है लेकिन इसके पैर बदसूरत होते हैं बरसात के दिनों में बादल होने पर मोर अपना नाच दिखाता है.श्री कृष्ण हमेशा मोर के पंख को अपने बालों में लगाए रहते थे मोर को राष्ट्रीय पक्षी के साथ में इसे धार्मिक द्रष्टि से अच्छा पक्षी माना जाता है जिस तरह से हिंदू धर्म में गाय की पूजा की जाती है उसी तरह से मोर को भी बहुत ही अच्छा पक्षी माना जाता है यह किसानों की फसलों की रक्षा करता है.
पशुओं में पाए जाने वाले हानिकारक पक्षियों को भी ये मार खाता है.मोर के पंख दीपावली पर गोवर्धन के दिन पूजा के लिए उपयोग में लिए जाते हैं.बच्चों को झाड़ फूंक करने के लिए भी मोर के पंखों का उपयोग किया जाता है.
Related- दीपावली पर हरिवंशराय बच्चन जी की कविता Poem on diwali in hindi by harivansh rai bachchan
गर्मियों के दिनों में मोर के पंखो का उपयोग हवा करने वाले पंखे बनाने में किया जाता है जिससे हवा करने में आराम भी होता हैं.बच्चे अक्सर मोर के पंखों से खेला करते हैं और मोर के पंखो का उपयोग गुलदस्ता आदि बनाने के लिए भी किया जाता है अक्सर मोर झुंडों में देखे जाते हैं कई मोर अपने अपने झुंड बनाकर रहते है वह अक्सर ऐसी जगह में रहता है जहां पर पानी की मात्रा ज्यादा होती है बाग-बगीचों में अक्सर देखने को मिलता है.
आजकल हम देखें तो आधुनिक युग में शहरीकरण के कारण हर पक्षी की प्रजाति लुप्त होती जा रही है मोर भी इनमें से एक है मोर की प्रजाति आजकल शहरी इलाकों में देखने को नहीं मिलती.वह बहुत ही कम देखने को मिलती हैं मोर बहुत फुर्तीला पक्षी है किसी व्यक्ति की आवाज सुनकर वह तुरंत ही झाड़ियों में छुप जाता है उसकी आवाज बहुत ही मधुर होती है.मोर के पंख एक साल में एक बार झड़ते हैं और वह फिर से उग आते हैं.
मोर फल फूल, सब्जियां,अनाज,कीड़े-मकोड़े खाना पसंद करता है मोर के सिर पर मुकुट जैसी आकृति होती है. जैसे की हम सभी जानते हैं कि मोर भगवान शिव शंकर के पुत्र कार्तिकेय जी की सवारी हैं इसलिए धार्मिक दृष्टि से भी पूजनीय है आजकल हम देखें तो बहुत से अंधविश्वास हमारे समाज में देखने को मिलते हैं जादू टोना आदि के कार्यो में मोर के पंखों का भी उपयोग किया जाता है.
मोर हमारे देश का राष्ट्रीय पक्षी है हमें इसकी सुरक्षा करनी चाहिए आज हमारे देश में वातावरण लगातार प्रदूषित हो रहा है जल प्रदूषण,वायु प्रदूषण आदि जैसे प्रदूषण हमारे देश के लिए,मानव जाति के लिए सभी जीव जंतु और पक्षियों के लिए बहुत ही हानिकारक है. बहुत सारे पक्षियों की तरह मोर की प्रजाति भी इस प्रदूषण की वजह से लगातार नष्ट हो रही है.
पहले मोर गांव में बहुत ज्यादा देखे जाते थे लेकिन आजकल प्रदूषण की वजह से लगातार इनकी प्रजाति कम हो रही है इसकी लुप्त होती प्रजाति की वजह से मोर बहुत ही कम देखने को मिलती हैं हमारा राष्ट्रीय पक्षी मोर की प्रजाति हमेशा बढ़ती रहे और हमारे देश की खूबसूरती हमेशा झलकती रहे इसलिए हमें हमारे देश को प्रदूषण से बचाना होगा और हर संभव प्रयास करना होगा जिससे मोर की प्रजाति लुप्त ना हो वह हमेशा बढती रहे.
दोस्तों अगर आपको हमारा यह आर्टिकल Essay on national bird peacock in hindi पसंद आया हो तो इसे शेयर जरूर करें और हमारा Facebook पेज लाइक करना ना भूलें और हमें कमेंटस के जरिए बताएं कि आपको हमारा यह आर्टिकल कैसा लगा इसी तरह के नए-नए आर्टिकल को पाने के लिए हमें सब्सक्राइब जरूर करें.