मैसूर पैलेस का इतिहास mysore palace history in hindi
mysore palace history in hindi
दोस्तों आज हम आपके लिए लाए हैं मैसूर पैलेस के इतिहास को । चलिए अब हम इस आर्टिकल के माध्यम से मैसूर पैलेस के इतिहास को पढ़ेंगे ।
मैसूर महल भारत के कर्नाटक राज्य के दक्षिण के मैसूर शहर में स्थित है । यह महल एक ऐतिहासिक महल है । यह महल तीसरी एवं चौथी पीढ़ी के शासक वंशो द्वारा बनाया गया था । इस महल का निर्माण महाराजा राजर्षि महामहिम कृष्णराजेंद्र वाडियार चतुर्थ के द्वारा बनाया गया था । मैसूर पैलेस भारत के ताजमहल के बाद दूसरा सबसे प्रसिद्ध पर्यटक माना जाता है । टीपू सुल्तान की मृत्यु के बाद कृष्णराज ने 1799 में मैसूर को अपनी राजधानी बनाई थी । मैसूर के कृष्णराज वाडियार 1799 से 1868 तक महाराजा थे ।
यह महल अंबा विलास महल के नाम से भी जाना जाता है । इस महल को बनाने में पूरे 15 साल लग गए थे । इस महल का निर्माण कार्य 1997 में शुरू किया गया था और 1912 को इसका निर्माण कार्य पूरा हुआ था । यह महल पहले चंदन की लकड़ियों से बनाया गया था लेकिन इस महल को काफी हानि पहुंची थी । जिसके बाद राज महल को नए पैलेस के रूप में बनाया गया था । इस महल को पूर्वी और रोमन स्थापत्य के मिश्रण से बनाया था । यह महल गुलाबी पत्थरों से बने गुंबद से सजाया गया था ।
इस महल में स्लेटी पत्थर लगाए गए थे । इस महल के प्रवेश द्वार के अंदर दाहिने तरफ की ओर सोने के कलश से सजा एक मंदिर है । इस महल के चारों तरफ दीवारों पर विशेष चित्रकारी की गई है । इस महल के दीवारों पर दशहरा के चित्र भी बनाए गए हैं । महल के अंदर कक्ष में छत और स्तंभ पर बहुत सुंदर नक्काशी की गई है । इस महल के दीवारों पर बने हुए चित्र राजा राव वर्मा ने बनाए थे । आज मैसूर के पैलेस को देखने के लिए देश-विदेश से लोग आते हैं और अपने कैमरे में इसकी फोटो खींचकर ले जाते हैं क्योंकि मैसूर के पैलेस की सुंदरता देखने के लायक है ।
जब मैसूर के पैलेस पर सूरज की किरणें पड़ती हैं तब यह महल चमकने लगता है । दूर से देखने पर इस महल की सुंदरता और भी सुंदर लगती है । इस महल में दो रियासत महल और दो दरबारी होल हैं जहां पर शाही अदालत की औपचारिक बैठक होती थी । इस महल पर 1868 तक कृष्ण राज महाराजा का शासन था । इस महल की नक्काशी बहुत ही सुंदर तरह से की गई है । यह महल इतना सुंदर है की जो एक बार इस महल को देखने के लिए आता है वह इस महल का दीवाना हो जाता है ।
इस महल के अंदर सोने के कलश का बना एक मंदिर है जो बहुत ही सुंदर दिखाई देता है । इस महल के बीचों-बीच एक बगीचा भी है जिसकी हरियाली देखने के लायक है । इस महल के चारों तरफ खाई ही खाई हैं । यह पैलेस ताजमहल के बाद दूसरा सबसे सुंदर पैलेस है । इस महल की कुछ दीवारों पर कृष्ण राव से जुड़ी हुई घटनाएं अंकित हैं । जब हम इस महल के कक्ष में प्रवेश करते हैं तब हमें बहुत ही आनंद आता है क्योंकि कक्ष को रंग बिरंगे कांच के माध्यम से सजाया गया है ।
इस महल का प्रवेश द्वार बहुत ही सुंदर बनाया गया है । जब हम इस महल के अंदर प्रवेश करते हैं तब हमें इसकी सुंदरता दिखने लगती है । इस पैलेस की सुंदरता बहुत ही सुंदर है । इस पैलेस को देखने के लिए कई पर्यटक आते हैं और मैसूर के पैलेस की सुंदरता का आनंद लेते हैं ।
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