धर्मस्थल मंदिर का इतिहास Dharmasthala temple history in hindi
Dharmasthala temple history in hindi
Dharmasthala temple – दोस्तों आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से धर्मस्थल मंदिर के इतिहास के बारे में बताने जा रहे हैं । तो चलिए अब हम आगे बढ़ते हैं और इस आर्टिकल को पढ़कर कर्नाटक में स्थित धर्मस्थल मंदिर के इतिहास के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त करते हैं ।
कर्नाटक मे स्थित धर्मस्थल मंदिर के बारे में – कर्नाटक राज्य अपनी प्राचीन संस्कृति और धार्मिक प्रवृत्तियों के लिए पहचाना जाता है । कर्नाटक राज्य में कई प्रसिद्ध मंदिर हैं जिन मंदिरों की प्रशंसा पूरे विश्व में की जाती है ।कर्नाटक शहर में स्थित धर्मस्थल मंदिर एक सुंदर , अद्भुत चमत्कारी मंदिर है जिस मंदिर से भारत के लोगों की आस्था जुड़ी हुई है । जिस मंदिर के दर्शन करने के लिए दूर-दूर से लोग जाते हैं और धर्मस्थल मंदिर की सुंदरता को देखकर आनंद प्राप्त करते हैं । धर्मस्थल मंदिर के बारे में आपको बता देना चाहता हूं कि यह मंदिर भगवान शिव के अवतार श्री मंजूनाथेश्वर अनप्पा स्वामी को समर्पित है ।
कर्नाटक मे स्थित यह धर्मस्थल मंदिर रत्नागिरी पहाड़ी के पश्चिम में बना हुआ है जिसकी सुंदरता के चर्चे चारों तरफ किए जाते हैं । कर्नाटक का यह सुंदर , अद्भुत चमत्कारी मंदिर , धर्मस्थल मंदिर को तकरीबन 500 साल पहले बनाया गया था जिस मंदिर को बनाने में जैन प्रमुख बिरमन्ना परगड़े का महत्वपूर्ण योगदान रहा है । जब कर्नाटक में स्थित धर्मस्थल मंदिर बन करके तैयार हो गया था तब सभी लोगों के दर्शन के लिए इस मंदिर के पट खोल दिए गए थे । जिसके बाद काफी लोगों के द्वारा इस धर्मस्थल मंदिर के दर्शन किए जा चुके हैं ।
प्रतिवर्ष दूर-दूर से लाखों की संख्या में भक्तगण यहां पर आते हैं और इस मंदिर की सुंदरता को देखकर अपने जीवन में सुख समृद्धि आनंद प्राप्त करते हैं । इस मंदिर के अंदर भगवान शिव जी की शिवलिंग स्थित है जो शिवलिंग स्वर्ण की बनी हुई है । दक्षिण भारत के लोग धार्मिक गतिविधियों और मूर्ति पूजा पर अधिक विश्वास रखते हैं और वहां के लोग भगवान की आराधना करने में भी विश्वास रखते हैं ।कर्नाटक में स्थित मंजूनाथ मंदिर वहां का प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है जो कर्नाटक के दक्षिण कन्नड़ जिले के धर्म स्थल नगर में बना हुआ है । इसी कारण से इस मंदिर को धर्मस्थल मंदिर कहा जाता है ।
इस मंदिर को मंजूनाथ मंदिर भी कहा जाता है । धर्मस्थल मंदिर की बनावट प्राचीन समय की है । जब कोई भक्तगण धर्मस्थल मंदिर के दर्शन करने के लिए कर्नाटक जाता है तब वह किसी साधन के माध्यम से धर्मस्थल पर पहुंचता है और धर्म स्थल में बना हुआ मंदिर जो एक सुंदर अद्भुत मंदिर है उस मंदिर को देखकर आनंद ही आनंद प्राप्त करता है । जो भक्त शिवजी की आराधना करता है वह भक्त कर्नाटक में स्थित धर्मस्थल मंदिर के दर्शन करने के लिए अवश्य जाता है । जो भी भक्तगण धर्मस्थल मंदिर के दर्शन करता है वह भगवान शिव से अपनी मनोकामना पूरी करने की गुहार लगाता है और उस भक्त की सभी मनोकामनाएं भगवान शिव की कृपा से पूरी हो जाती हैं ।
जब सुबह के समय मंदिर के पट सभी भक्तों के लिए खोले जाते हैं तब मंदिर की पहली आरती प्रारंभ की जाती है जिस आरती में काफी लोग शामिल होते हैं । ऐसा कहा जाता है कि जो भी भक्त धर्मस्थल मंदिर की पहली आरती में शामिल होता है उसे भगवान शिव के द्वारा विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है । मंदिर के मुख्य द्वार से लेकर मंदिर के अंदर की सुंदरता की जितनी भी प्रशंसा की जाए उतनी कम है । यदि आप लोग भी कर्नाटक में स्थित धर्मस्थल मंदिर की सुंदरता को अपनी आंखों से देखना चाहते हो तो आपको कर्नाटक में स्थित धर्मस्थल मंदिर को देखने के लिए अवश्य जाना चाहिए ।
जब आप अपनी आंखों से इस मंदिर की सुंदरता को देखोगे तब पता चलेगा कि वाकई में कर्नाटक में स्थित धर्मस्थल मंदिर बहुत सुंदर अद्भुत चमत्कारी है । जो मंदिर सभी भक्तों का मन मोह लेता है ।जब भक्त इस मंदिर के अंदर प्रवेश करता है और भगवान शिव जी की शिवलिंग की पूजा करता है तब ऐसा प्रतीत होता है कि मानो भगवान भोलेनाथ सामने हो और हम भोलेनाथ जी की पूजा कर रहे हो । इसके साथ साथ मंदिर में स्थित श्री मंजूनाथेश्वर भगवान की प्रतिमा भी एक अद्भुत सुंदर चमत्कारी प्रतिमा है जिस प्रतिमा की सुंदरता के चर्चे दूर-दूर तक किए जाते हैं । जो भक्तगण मंजूनाथेश्वर भगवान की प्रतिमा के दर्शन करता है वह सुख समृद्धि और आनंद प्राप्त करता है ।
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