महाराष्ट्र दिवस पर निबंध व् भाषण Maharashtra day essay, speech in hindi

Maharashtra day essay in hindi

Maharashtra day – दोस्तों आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से महाराष्ट्र दिवस पर निबंध व् भाषण के बारे में बताने जा रहे हैं । चलिए अब हम आगे बढ़ते हैं और महाराष्ट्र दिवस पर लिखे निबंध व् भाषण के बारे में गहराई से पढ़ते हैं ।

Maharashtra day essay, speech in hindi
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महाराष्ट्र राज्य के महाराष्ट्र दिवस के बारे में About Maharashtra Day- भारत देश का सबसे धनी राज्य महाराष्ट्र एक ऐसा राज्य है जहां के लोग बहुत ही शांतप्रिय होते हैं । भारत के महाराष्ट्र राज्य में 1 मई को महाराष्ट्र दिवस मनाया जाता है । महाराष्ट्र राज्य में महाराष्ट्र दिवस बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है । सभी लोग 1 मई को नए नए कपड़े पहनते हैं ।महाराष्ट्र राज्य के सभी स्कूलों में 1 मई को महाराष्ट्र दिवस के शुभ अवसर पर सांस्कृतिक कार्यक्रम किए जाते हैं ।क्योंकि 1 मई को महाराष्ट्र राज्य का गठन किया गया था ।महाराष्ट्र राज्य की राजधानी मुंबई है ।

महाराष्ट्र दिवस के दिन मराठी धर्म के सभी लोग यह दिवस बड़ी धूमधाम से मनाते हैं । क्योंकि 1 मई 1960 को महाराष्ट्र राज्य का गठन किया गया था । जब हमारा देश आजाद हुआ था तब मराठी धर्म के लोगों ने एक संगठन बनाकर महाराष्ट्र राज्य के गठन करने की आवाज उठाई थी । उन्होंने मराठी भाषा बोलने वाले जिलो को एक राज्य बनाने के लिए आंदोलन किया था और मराठी धर्म के लोगों के अथक प्रयास के बाद 1 मई 1960 को महाराष्ट्र राज्य का गठन कर दिया गया था ।

1 मई 1960 को मराठी भाषा बोलने बाले सभी स्थानों को महाराष्ट्र राज्य में विलय कर दिया गया था । इसी उपलक्ष्य में प्रति वर्ष 1 मई को महाराष्ट्र में महाराष्ट्र दिवस मनाया जाता है । महाराष्ट्र राज्य की सरकार के द्वारा कई सांस्कृतिक कार्यक्रम वहां पर किए जाते हैं और महाराष्ट्र दिवस के शुभ अवसर पर कई प्रतियोगिताएं भी वहां पर कराई जाती है । 1 मई को सरकार की तरफ से प्रतियोगिता कराई जाती है और जो भी व्यक्ति इस प्रतियोगिता में भाग लेता है और उस प्रतियोगिता में जीत हासिल करता है उसको महाराष्ट्र सरकार के द्वारा पुरस्कृत किया जाता है ।

महाराष्ट्र राज्य के सरकारी दफ्तरों में महाराष्ट्र दिवस के दिन सांस्कृतिक कार्यक्रम Cultural events on maharashtra day- 1 मई को महाराष्ट्र राज्य की सरकार के द्वारा सभी सरकारी दफ्तरों में सांस्कृतिक कार्यक्रम किए जाते हैं और उस दिन सरकारी कामकाज बंद रहता है । क्योंकि महाराष्ट्र की जनता प्रतिवर्ष 1 मई को महाराष्ट्र दिवस बड़े ही धूमधाम से मनाती है । कई तरह के सांस्कृतिक कार्यक्रम दफ्तरों में किए जाते हैं । मिठाईयां बांटी जाती हैं और महाराष्ट्र राज्य सरकार के द्वारा खेल प्रतियोगिताएं भी आयोजित की जाती हैं ।

जो भी व्यक्ति इस प्रतियोगिता में भाग लेता है एवं उस प्रतियोगिता को अपनी मेहनत से जीतता है उसे महाराष्ट्र राज्य की सरकार के द्वारा पुरस्कार दिया जाता है । पहले बंबई राज्य के रूप में यह पहचाना जाता था । जब मराठी धर्म के लोगों ने अलग राज्य का गठन करने का निश्चय किया तब 1 मई 1960 को बंबई राज्य के विभाजन करने की प्रक्रिया भारतीय सरकार के द्वारा की गई थी और मराठी धर्म के लोगों के द्वारा किए गए आंदोलन को खत्म करने के लिए मराठी भाषा बोलने वाले सभी स्थानों को महाराष्ट्र राज्य में गठन कर दिया गया था ।

महाराष्ट्र के सभी स्कूलों में महाराष्ट्र दिवस पर सांस्कृतिक कार्यक्रम – महाराष्ट्र राज्य के सभी स्कूलों में महाराष्ट्र दिवस की तैयारी 1 महीने पहले से ही प्रारंभ कर दी जाती है ।महाराष्ट्र दिवस के दिन जो भी विद्यार्थी प्रतियोगिताओं में भाग लेना चाहता है वह आवेदन कर देता है । क्योंकि सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन महाराष्ट्र दिवस के दिन किया जाता है । यह कार्यक्रम प्रतिवर्ष 1 मई को महाराष्ट्र राज्य के सभी स्कूलों में आयोजित किया जाता है और अतिथि गणों को उस कार्यक्रम में भाग लेने के लिए बुलाया जाता है ।

कई तरह की प्रतियोगिताएं 1 मई यानी महाराष्ट्र दिवस के दिन की जाती हैं । 1 मई को महाराष्ट्र दिवस के दिन सभी विद्यार्थियों को अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका मिलता है और वह पूरी मेहनत के साथ महाराष्ट्र दिवस के दिन स्कूलों में होने वाली प्रतियोगिताओं में भाग लेते हैं और सभी इस प्रतियोगिता को जीतने के लिए मेहनत करते हैं ।

1960 को महाराष्ट्र राज्य के गठन करने के बाद महाराष्ट्र राज्य में मराठी भाषा बोली जाने वाले स्थानों का विलय – 1 मई 1960 को भारतीय सरकार के द्वारा महाराष्ट्र राज्य का गठन किया गया था , एक अलग राज्य महाराष्ट्र राज्य बना दिया गया था । इसके बाद मराठी भाषा बोलने वाले स्थानों को भी महाराष्ट्र राज्य में मिला दिया गया था और उन सभी जिलों एवं जगहों के नाम इस प्रकार से हैं कोंकण , दक्षिणी महाराष्ट्र , पश्चिमी महाराष्ट्र , उत्तर महाराष्ट्र , मराठवाड़ा के सभी स्थानों एवं जिलों को जोड़कर महाराष्ट्र राज्य में मिला दिया गया था । भारत सरकार के द्वारा महाराष्ट्र राज्य का गठन कर दिया गया था ।

जब महाराष्ट्र राज्य का गठन नहीं किया गया था तब यह सभी संभाग एवं जिले चार अलग-अलग राज्यों के नियंत्रण में थे । जब मराठी धर्म के लोगों ने एक राज्य बनाने की मांग करी और एक राज्य बनाने के लिए सभी मराठी धर्म के लोगों ने , मराठी भाषा बोलने वाले लोगों ने आंदोलन किया तब भारत सरकार को महाराष्ट्र राज्य का गठन करना पड़ा था । क्योंकि महाराष्ट्र की जनता महाराष्ट्र राज्य के निर्माण के लिए आवाज उठा रही थी । उन्हीं सभी मराठी धर्म के लोगों के अथक प्रयासों से महाराष्ट्र राज्य का गठन हुआ था ।

जब महाराष्ट्र राज्य का गठन 1 मई 1960 को कर दिया गया था तब वहां के लोगों के अंदर एक खुशी देखी गई थी । वहां के लोगों ने 1 मई को महाराष्ट्र दिवस मनाने का निर्णय लिया था । क्योंकि वहां पर रहने वाले लोगों के लिए काफी फायदा महाराष्ट्र राज्य के गठन से हुआ है । महाराष्ट्र के लोगों ने भारत देश के आजाद हो जाने के बाद महाराष्ट्र राज्य के गठन की आवाज उठाई और सरकार ने उनकी आवाज सुनी और महाराष्ट्र राज्य का गठन कर दिया गया ।

भारत सरकार भी महाराष्ट्र राज्य का गठन करने से खुश थी क्योंकि मराठी भाषा बोलने वाले सभी स्थानों को महाराष्ट्र राज्य में मिला दिया गया था । जिससे कि सभी मराठी लोग मिलकर महाराष्ट्र राज्य के विकास के लिए कार्य करें और महाराष्ट्र का विकास दिन प्रतिदिन बड़े । आज महाराष्ट्र सबसे विकासशील राज्य है । कहां के लोग शिक्षित हैं । महाराष्ट्र राज्य में  शिक्षा का विकास हुआ है , वहां की सड़कों  का विकास हुआ है ।  वहां के लोग सफलता की ऊंचाइयों पर पहुंचे हैं ।

इसी खुशी को जाहिर करने के लिए महाराष्ट्र राज्य के लोग 1 नवंबर को महाराष्ट्र दिवस मनाते हैं । सभी के घरों में 1 मई को पकवान बनते हैं , मिठाईयां बनती हैं और सभी नए नए कपड़े पहनते हैं । महाराष्ट्र राज्य में महाराष्ट्र दिवस दिवाली की ही तरह मनाया जाता है । जिस तरह से हम दिवाली के त्यौहार को बड़े धूमधाम से मनाते हैं उसी तरह से महाराष्ट्र राज्य के लोग 1 मई को महाराष्ट्र दिवस को बड़े धूमधाम से मनाते हैं । महाराष्ट्र राज्य में 1 मई को महाराष्ट्र दिवस के साथ-साथ अंतर्राष्ट्रीय श्रमिक दिवस की सभी लोग मिलकर मनाते हैं और सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भाग लेकर अपने जीवन में खुशी की अनुभूति करते हैं ।

महाराष्ट्र धर्म से जुड़े सभी लोग इस दिन को बड़े धूमधाम से मनाते हैं क्योंकि महाराष्ट्र के लोगों के लिए 1 मई का दिन खुशी लेकर आया था उनके राज्य का गठन किया गया था । इसीलिए महाराष्ट्र राज्य के लोग 1 मई को नाचते हैं , गाते हैं और सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भाग लेते हैं ।

महाराष्ट्र राज्य में 1 मई को महाराष्ट्र दिवस के उपलक्ष में वहां के राजनेताओं के द्वारा किए जाते हैं सांस्कृतिक कार्यक्रम – महाराष्ट्र राज्य में 1 मई को प्रति वर्ष महाराष्ट्र दिवस के शुभ अवसर पर वहां के राजनेताओं के द्वारा कई सांस्कृतिक कार्यक्रम कराए जाते हैं । गरीबों को भोजन एवं कपड़े बांटे जाते हैं । सभी राजनेता महाराष्ट्र राज्य में सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन करते हैं और वहां के लोगों को एकत्रित करके महाराष्ट्र दिवस को हर्षोल्लास के साथ मनाते हैं । क्योंकि 1 मई को महाराष्ट्र राज्य के लोगों को बहुत खुशी होती है क्योंकि वह महाराष्ट्र राज्य के गठन के शुभ अवसर पर महाराष्ट्र के सभी लोगों को खुशी होती है । सभी लोग 1 मई को बड़े ही धूमधाम से यह दिवस मनाते हैं ।

maharashtra day speech in hindi महाराष्ट्र दिवस पर भाषण –

दोस्तों आज हम सभी यहां पर महाराष्ट्र दिवस के शुभ अवसर पर खुशी जाहिर करने के लिए एकत्रित हुए हैं । मैं अरुण नामदेव आप सभी लोगों को महाराष्ट्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं और यहां पर पधारे हुए सभी लोगों का तहे दिल से धन्यवाद करता हूं । यहां पर बैठे हुए सभी विद्यार्थियों और सभी शिक्षक गणों खुशी में दिल से धन्यवाद करता हूं । अब हम इस कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हैं ।

कार्यक्रम को आगे बढ़ाने से पहले मैं स्कूल के स्टाफ को धन्यवाद देना चाहता हूं क्योंकि स्कूल के स्टाफ ने इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए 1 महीने पहले से  मेहनत करना प्रारंभ किया था । स्टाफ की मेहनत के कारण आज हम इस शुभ अवसर पर इस कार्यक्रम को सफलता की ओर ले जा रहे हैं । स्कूल के स्टाफ ने जो महाराष्ट्र दिवस को मनाने की तैयारियां की हैं वह सम्मान के हकदार हैं । उनका भी मैं तह दिल से हार्दिक अभिनंदन करता हूं । जैसे की हम सभी जानते हैं 1 मई 1960 को हमारे महाराष्ट्र राज्य का गठन किया गया था ।

इसी उपलक्ष में हम सभी प्रतिवर्ष महाराष्ट्र दिवस मनाने के लिए एकत्रित होते हैं । हम सभी लोगों को 1 मई को महाराष्ट्र दिवस के शुभ अवसर पर यह प्रण लेना चाहिए कि हम सभी लोग महाराष्ट्र राज्य के विकास में अपना योगदान दें । जब हमारे महाराष्ट्र राज्य का गठन किया गया था तब हम सभी  लोग  कितने खुश हुए थे ।  अब हमारा और महाराष्ट्र के रहने वाले सभी लोगों का यह दायित्व बनता है कि हम सभी महाराष्ट्र राज्य के विकास में अपना योगदान दें ।

ऐसा कोई भी कार्य नहीं करें जिससे कि महाराष्ट्र राज्य की हानि हो । हम सभी को मिलकर महाराष्ट्र राज्य की संस्कृति की रक्षा , सुरक्षा करनी चाहिए । क्योंकि महाराष्ट्र राज्य के गठन के लिए हम लोगों ने 1 मई 1960 को बहुत मेहनत की थी ।  जब 1 मई 1960 को महाराष्ट्र राज्य का गठन कर दिया गया था तब महाराष्ट्र राज्य के विकास की पूरी जिम्मेदारी हम सभी नागरिकों के ऊपर आ गई थी । महाराष्ट्र राज्य के विकास में सिर्फ सरकार का ही अधिकार नहीं होता है बल्कि महाराष्ट्र राज्य में रहने वाले लोगों का भी पूरा दायित्व बनता है ।

यहां पर बैठे हुए सभी लोगों को यह कोशिश करना चाहिए कि हमारे द्वारा कहीं पर भी गंदगी ना फैलाई जाए । क्योंकि महाराष्ट्र राज्य को स्वच्छ बनाना हम सभी लोगों का दायित्व है । जब हमारा महाराष्ट्र राज्य स्वच्छ और सुंदर होगा तब हमारे महाराष्ट्र राज्य की प्रशंसा पूरे देश में की जाएगी । आज हम देख रहे हैं कि पर्यावरण प्रदूषण किस तरह से फैलता जा रहा है । पर्यावरण प्रदूषण फैलने का सबसे बड़ा कारण है पेड़ पौधों का विनाश । पेड़ पौधे धीरे धीरे नष्ट होने के कगार पर हैं ।

हम सभी लोगों को यह प्रण लेना चाहिए की हम सभी मिलकर वृक्षारोपण करें और लोगों को भी वृक्षारोपण करने के लिए जागरूक करें । हम लोगों का एक समूह बनाकर सभी को एकत्रित करके उनको पेड़ पौधों की महत्वता के बारे में बताने की कोशिश करना चाहिए । सभी लोगों को यह समझाने की कोशिश करें कि यदि पेड़ पौधे नहीं होंगे तो पर्यावरण प्रदूषण हमारे आसपास फैैैलेगा  और कई बीमारियां हमको होने लगेंगी ।

महाराष्ट्र दिवस के शुभ अवसर पर मैं आप सभी लोगों को यह बताने की कोशिश कर रहा हूं कि हम सभी लोगों के लिए स्वास्थ्य को सही रखने के लिए पर्यावरण दूषित होने से बचाना होगा । आज पूरे देश में प्लास्टिक से बनी हुई पॉलिथीन का उपयोग बहुत तेज गति से हो रहा है और काफी बीमारियां फेल रही है । पॉलिथीन के उपयोग से हमें काफी नुकसान है । पॉलिथीन के उपयोग से जानवरों को नुकसान है ।

जब हम पॉलिथीन का उपयोग करके बाहर फेंक देते हैं तब उस पॉलिथीन को जानवर खा जाते हैं जिससे वह बीमार पड़ जाते हैं कई जानवरों की तो पॉलिथीन खाने से मौत भी हो जाती है । मेरे कहने का तात्पर्य यह है कि आज हम सभी लोगों को यह प्रण लेना चाहिए कि हम यदि बाजार में कुछ सामान खरीदने के लिए जाएं तो कपड़ों का बना हुआ थैला अपने साथ में ले जाएंगे और प्लास्टिक की बनी हुई पॉलिथीन का यूज़ हम नहीं करेंगे ।

ऐसा प्रण लेने से हम हमारे देश एवं महाराष्ट्र राज्य को स्वच्छता की ओर ले जाने का काम करेंगे और महाराष्ट्र राज्य प्रदूषण से मुक्त हो जाएगा । अब में इस कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हुए सभी लोगों से यह आशा करता हूं कि मेरे द्वारा कहे गए शब्दों को आप अपने जीवन में जरूर उपयोग में लाओगे और महाराष्ट्र राज्य को स्वच्छता विकासशील बनाओगे । मैं एक बार फिर स्कूल के प्राचार्य एवं स्कूल के ट्रस्टी को दिल से धन्यवाद देता हूं की उन्होंने मुझे यहां पर स्कूल में महाराष्ट्र दिवस के शुभ अवसर पर मुख्य अतिथि के रुप में बुलाया ।

अब मे अपनी वाणी को विराम देता हूं और सभी को धन्यवाद करता हूं , धन्यवाद ।

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