लॉकडाउन पर निबंध lockdown par nibandh

lockdown par nibandh

दोस्तों आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से लॉकडाउन पर लिखे निबंध के बारे में बताने जा रहे हैं । तो चलिए अब हम आगे बढ़ते हैं और इस आर्टिकल को पढ़कर लॉकडाउन  पर लिखे निबंध के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त करते हैं ।

lockdown par nibandh
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लॉकडाउन के बारे में – दोस्तों आज हम सभी लॉकडाउन को सफल बनाने में लगे हुए है । आज हम सभी जानते हैं कि  पूरी दुनिया में कोरोना वायरस से छुटकारा पाने के लिए लॉकडाउन किया गया है । जिससे कि सभी लोग अपने घरों में सुरक्षित रहें और कोरोना वायरस का संक्रमण किसी भी तरह से फैल ना सके ।

भारत देश में भी कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने  से रोकने के लिए भारत सरकार के द्वारा , केंद्र सरकार के द्वारा जब लॉकडाउन का फैसला किया गया तब भारत देश के सभी राज्यों के सभी जिलों में 144 धारा लगा दी गई थी । जिससे कि सभी लोग अपने घरों में ही रहे और भीड़-भाड़ इलाके में कोई ना जाए जिससे कि सभी घरों में रहकर कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने में योगदान दें ।

जब भारत के प्रधानमंत्री के द्वारा पूरे देश में लॉकडाउन की घोषणा की गई तब कुछ परेशानियां भी सामने आई थी जैसे कि दूसरे राज्य से किसी राज्य में जो मजदूर काम करने के लिए गए थे जब उनको पता चला कि पूरे भारत में लॉकडाउन किया जा चुका है तब वह अपने घर की ओर पलायन करने लगे थे ।

लॉकडाउन के बाद  फैक्ट्रियां बंद कर दी गई थी । जिसके बाद फैक्ट्रियों में काम करने बाले मजदूरों को काफी समस्या का सामना करना पड़ा था  क्योंकि फैक्ट्रिया बंद हो जाने के बाद उनके सामने खाने-पीने की समस्या आने लगी थी ।

जिसके बाद उन्होंने वहां से पलायन किया परंतु घर पर पहुंचने के लिए किसी भी तरह का साधन ना मिलने के कारण उनको हजारों किलोमीटर पैदल चलना पड़ा था । जब सरकार को यह मालूम पड़ा तब सरकार ने , भारत की केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को यह आदेश दिया कि जो मजदूर वर्ग का व्यक्ति है जहां पर है वह वहीं पर ही रहे ।

उन सभी को खाने-पीने और रहने की व्यवस्था भारत सरकार करेगी ।भारत पूरी तरह से कोरोना वायरस से लड़ने के लिए तैयार है । जब भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के द्वारा पूरे भारत में लॉकडाउन की घोषणा की गई तब भारत के प्रधानमंत्री जी ने सभी से हाथ जोड़कर निवेदन किया था कि सभी लोग अपने घरों में रहे क्योंकि यह छोटी मोटी बीमारी नहीं है ।

इस बीमारी ने पूरी दुनिया के लोगों को परेशान करके रखा है । इस बीमारी के कारण ऐसे ऐसे देश भी अपने घुटने टेक चुके हैं जो सबसे अधिक शक्तिशाली और विकासशील देश हैं । जिनमें अमेरिका , इराक और स्पेन देश हैं । इन सभी देशों को कोरोना वायरस के आगे अपने घुटने टेकने पड़े हैं ।

भारत की अर्थव्यवस्था पर लॉकडाउन का काफी असर पड़ा है । परंतु लॉकडाउन करना बहुत ही आवश्यकता है । यदि लॉकडाउन नहीं किया जाता तो यह बीमारी दिन-प्रतिदिन फैलती और इस बीमारी को रोकना बड़ी मुश्किल था । जिस तरह से स्पेन और इराक में लोगों की प्रतिदिन लगातार मौत हो रही है ऐसी स्थिति भारत में ना बने इसलिए भारत सरकार के द्वारा पूरे भारत में लॉकडाउन करने का निर्णय लिया गया है ।

भारत सरकार के द्वारा सभी को लॉकडाउन के नियमों का पालन करने के लिए कहा गया है । कोई भी जब तक कोई अर्जेंट कार्य ना हो तब तक घर से बाहर ना निकले ।लॉकडाउन के अंतर्गत केवल किराने की दुकान , दूध की दुकान है और सब्जी की दुकान खुली रहेगी ।

बाकी सभी दुकानें बंद रहेंगी । मेडिकल , प्राइवेट हॉस्पिटल , सरकारी हॉस्पिटल की सुविधाएं निरंतर चालू रहेंगी । भारत सरकार के द्वारा यह प्रयास किया जा रहा है कि सभी को अपने घर पर ही सभी सुविधा उपलब्ध हो जाएं । लॉकडाउन की घोषणा के बाद सबसे बड़ी समस्या  गरीब लोगों की थी ।

जो प्रतिदिन कमाते थे और प्रतिदिन रोजी रोटी के लिए कार्य करते थे । पैसा लाकर अपने घर का भरण पोषण करते थे । उन लोगों की समस्या का निराकरण करने के लिए भारत सरकार और राज्य सरकार के द्वारा उन सभी सामाजिक कार्यकर्ताओं को निमंत्रण दिया गया जो समाज सेवा करते हैं ।

भारत देश के कई राज्य शहरों में ऐसे समाज सेवक सामने आए जिन्होंने रोटी , सब्जी के पैकेट बनाकर गरीब क्षेत्र में जाकर बाटे हैं । कई लोगों ने तो आटा चावल दाल का वितरण किया हैं । जिससे कि गरीब लोगों को किसी तरह की कोई समस्या ना हो ।

21 दिनों का जो लॉकडाउन भारत देश में किया गया है , भारत देश के प्रधानमंत्री का अनुरोध है कि यदि हम सभी मिलकर यह 21 दिन अपने घरों में रहे तो हम कोरोना वायरस जैसी घातक बीमारी से जीत हासिल कर सकते हैं ।

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