लिओनार्दो दा विंची की जीवनी Leonardo da vinci biography in hindi

Leonardo da vinci biography in hindi

Leonardo da vinci – दोस्तों आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से इटली के महान चित्रकार , वास्तुशिल्पी , मूर्तिकार , संगीतज्ञ , वैज्ञानिक , इंजीनियर , कुशल यांत्रिक लिओनार्दो दा विंची के जीवन परिचय के बारे में बताने जा रहे हैं । चलिए अब हम आगे बढ़ते हैं और लिओनार्दो दा विंची के जीवन परिचय के बारे में गहराई से पढ़ते हैं ।

Leonardo da vinci biography in hindi
Leonardo da vinci biography in hindi

जन्म स्थान व् परिवार – लिओनार्दो दा विंची का जन्म इटली देश के फ्लोरेंस प्रदेश के एक छोटे से विंची नामक ग्राम में हुआ था और इस छोटे से गांव विंची के नाम पर ही लिओनार्दो के कुल का नाम पड़ा था । लिओनार्दो दा विंची का जन्म 15 अप्रैल 1452 को इटली के फ्लोरेंस के विंची ग्राम में हुआ था । लिओनार्दो दा विंची के पिता एक धनी व्यक्ति थे । लिओनार्दो दा विंची के पिता एक जाने-माने वकील थे । लिओनार्दो दा विंची के पिता के पास बहुत काबिलियत थी ।

उनके पिता को जब लिओनार्दो दा विंची मेहनत करते देखते थे तब वह अपने पिता के रास्तों पर चलना चाहते थे । लिओनार्दो दा विंची की माता एक नौकरानी की नौकरी किया करती थी । इनकी माता के बारे में ऐसा कहा जाता है कि इनकी माता ने एक वकील के यहां एक नाजायज पुत्र को जन्म दिया था । जब लिओनार्दो दा विंची की माता ने उन को जन्म दिया था तब उनकी माता ने उनके पिता को सौंप कर वहां से चली गई थी । उनकी माता ने एक भवन निर्माता के साथ विवाह कर लिया था ।

इसके बाद लिओनार्दो दा विंची अपने पिता के साथ ही रहने लगे थे । लिओनार्दो दा विंची का बचपन अपने दादाजी के घर पर ही बीता था । परंतु लिओनार्दो दा विंची एक ऐसे व्यक्ति के रूप में हम सभी के समक्ष प्रस्तुत  हुए जिन्होंने अपनी कला और प्रतिभा को लोगों के सामने रखा था । लिओनार्दो दा विंची ने जो दुनिया के लोगों के लिए किया है उनकी जितनी प्रशंसा की जाए उतनी कम है । लिओनार्दो दा विंची अपने दादा जी से बहुत प्रेम करते थे । वह अपने दादा जी से ज्ञान प्रद बातें सीखते रहते थे ।

लिओनार्दो दा विंची के दादाजी जी उनको हमेशा सत्य के रास्ते पर चलने के लिए कहा करते थे । लिओनार्दो दा विंची को प्रकृति से प्रेम था । वह जानवरों , पेड़-पौधों से बहुत प्रेम करते थे । लिओनार्दो दा विंची अपने दादाजी के द्वारा बताए गए रास्तों पर चल कर  ही आज एक सफल इंसान बने हैं क्योंकि उनके दादाजी उनको प्रकृति की महत्वता के बारे में बताया करते थे ।

लिओनार्दो दा विंची की प्रारंभिक शिक्षा – लिओनार्दो दा विंची ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा अपने घर से ही क्राफ्ट की थी । इसके बाद लिओनार्दो दा विंची एक फ्लोरेंस के ही स्कूल में शिक्षा प्राप्त करने के लिए जाने लगे थे । लिओनार्दो दा विंची की शिक्षा के बारे में ऐसा कहा जाता है कि उन्होंने सन 1482 में सभी विषयों में शिक्षा प्राप्त कर ली थी । जब वह अपनी प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त कर रहे थे तब उनको बहुत आनंद आ रहा था क्योंकि उनका दिमाग बहुत ही तेज था । लिओनार्दो दा विंची पढ़ाई करने में सबसे आगे थे ।

जब लिओनार्दो दा विंची अपनी प्रारंभिक पढ़ाई कर रहे थे तब उनके आसपास एवं रिश्तेदारों एवं दोस्तों का यह मानना था कि वह अपने दिमाग को बेहतर से बेहतर बनाने की कोशिश किया करते थे । इसलिए उनका दिमाग बहुत तेज गति से चलता था और लिओनार्दो दा विंची पढ़ाई में सबसे अब्बल आते थे ।लिओनार्दो दा विंची पढ़ाई के क्षेत्र में अपनी रुचि रखते थे । इसलिए निरंतर शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ते गए और उन्होंने 1482 ने अपनी शिक्षा पूर्ण कर ली थी । लिओनार्दो दा विंची एक ऐसे व्यक्ति थे जिन्होंने सभी विषयों में ज्ञान प्राप्त किया था ।

लिओनार्दो दा विंची हर सब्जेक्ट में सफलता प्राप्त करना चाहते थे । लिओनार्दो दा विंची ने शिक्षा के क्षेत्र में मेहनत की और सभी सब्जेक्ट में उन्होंने सफलता प्राप्त की थी । गणित विषय में उनकी अधिक रुचि थी । उनके सहपाठी का यह कहना था कि जब लिओनार्दो दा विंची गणित सब्जेक्ट की पढ़ाई करते थे तब लिओनार्दो दा विंची गणित के सवाल कुछ ही समय में हल कर दिया करते थे । लिओनार्दो दा विंची में कठिन से कठिन सवालों को भी हल करने की ताकत थी ।

इसीलिए लिओनार्दो दा विंची पढ़ाई के क्षेत्र में हमेशा अब्बल आते थे । लिओनार्दो दा विंची को शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ाने के लिए उनके पिता एवं उनके दादाजी का महत्वपूर्ण योगदान रहा था । लिओनार्दो दा विंची अपने पिता एवं दादा जी से मार्गदर्शन लेते थे और उनके द्वारा बताए गए रास्तों पर चलते थे । इसलिए लिओनार्दो दा विंची शिक्षा के क्षेत्र में सफल हुए और पूरी दुनिया में लिओनार्दो दा विंची ने अपनी एक पहचान बनाई है ।

लिओनार्दो दा विंची हर क्षेत्र में एक सफल इंसान बनना चाहतेे थे । लिओनार्दो दा विंची ने अपनी मेहनत और लगन से पूरी दुनिया में एक सफल इंसान के रूप में अपनी एक पहचान बनाई है । लिओनार्दो दा विंची से हम सभी को एक सीख लेना चाहिए कि किसी भी काम को करते समय यह नहीं सोचना चाहिए कि वह काम छोटा है या बड़ा बस उस काम को करने में पूरी मेहनत करना चाहिए । जब हम किसी काम को करते समय अपनी पूरी मेहनत करते हैं तब उस काम में हमें सफलता अवश्य प्राप्त हो जाती है ।

लिओनार्दो दा विंची की सबसे सफल तस्वीर मोनालिसा – लिओनार्दो दा विंची एक सफल चित्रकार भी थे । लिओनार्दो दा विंची ने कई चित्र बनाकर हम सभी के समक्ष प्रस्तुत किए थे । लिओनार्दो दा विंची की सबसे अच्छी और सबसे महत्वपूर्ण तस्वीर मोनालिसा थी । यह तस्वीर पूरी दुनिया की सबसे सुंदर और सबसे अच्छी तस्वीर थी । 1466 में लिओनार्दो दा विंची को एक मूर्तिकार बनने का विचार उनके मन में आया और उन्होंने 1466 से मूर्ति बनाना प्रारंभ कर दिया था ।

लिओनार्दो दा विंची की मूर्तिकला के बारे में ऐसा कहा जाता है कि उनको अचानक से ही मूर्ति बनाने का शौक उत्पन्न हुआ था और उन्होंने अपने शौक को पूरा करने के लिए मूर्ति बनाना प्रारंभ किया था । लिओनार्दो दा विंची की मोनालिसा तस्वीर दुनिया की सबसे फेमस तस्वीरों में गिनी जाती है ।लिओनार्दो दा विंची ने मोनालिसा की तस्वीर बनाकर अपनी चित्रकला की शुरुआत की थी । इसके बाद लिओनार्दो दा विंची ने टैंक , हेलीकॉप्टर , घड़ी , पनडुब्बी , पैराशूट और भी कई ऐसे इलेक्ट्रिक यंत्रों की तस्वीर बनाई है जिनकी सुंदरता देखने के लायक है ।

लिओनार्दो दा विंची ने 1495 में दा लास्ट सुपर तस्वीर बनाना प्रारंभ किया था और लिओनार्दो दा विंची ने इस तस्वीर को बनाने में बहुत मेहनत की थी । जब यह तस्वीर बन के तैयार हो गई थी तब इस तस्वीर की सुंदरता देखने के लायक थी ।काफी लोगो ने इस तस्वीर की सुंदरता की प्रशंसा की थी ।जब लिओनार्दो दा विंची ने यह तस्वीर बना करके तैयार कर ली थी तब काफी लोग इस तस्वीर को देखने के लिए आए थे और उन्हें लिओनार्दो दा विंची की तस्वीर बहुत अच्छी लगी थी ।

लिओनार्दो दा विंची ने अपने केरियर की शुरुआत – लिओनार्दो दा विंची ने अपने करियर की शुरुआत अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद प्रारंभ कर दी थी । लिओनार्दो दा विंची ने  जब अपनी पूरी पढ़ाई कर ली थी तब उनके पास कोई भी ऐसा रोजगार नहीं था जिससे कि वह अपनी जरूरतों की पूर्ति कर सकें । इसलिए उन्होंने 1482 को मिलान के  एक सफल व्यवसायिक ड्यूक को पत्र लिखकर नौकरी पर रखने की बात की थी  और उनसे निवेदन किया था कि मुझे अपने व्यवसाय में काम करने का मौका दें ।

मिलान में रहने वाले ड्यूक ने लिओनार्दो दा विंची को इंजीनियर के पद पर रख लिया था । लिओनार्दो दा विंची ने इंजीनियर पद पर रहकर कई सैनिक हथियारों की डिजाइन बनाकर ड्यूक के समक्ष प्रस्तुत की थी । परंतु ड्यूक को लियोनार्डो द विंची की डिजाइन पसंद नहीं आई थी । लिओनार्दो दा विंची ने मिलान में ही रह कर भवनों की डिजाइन बनाना प्रारंभ कर दिया था और उन्होंने मिलान में कई भवनों की डिजाइन बनाएं और उनके निर्माण में अपना योगदान दिया था ।

इस तरह से लिओनार्दो दा विंची ने अपने प्रारंभिक कैरियर की शुरुआत की थी । लिओनार्दो दा विंची एक ऐसे व्यक्ति थे जिन्होंने कभी भी पीछे मुड़कर नहीं देखा है । लिओनार्दो दा विंची निरंतर सफलता की ओर बढ़ते गए और आज वह एक सफल इंसान के रूप में जाने जाते हैं । लिओनार्दो दा विंची के महत्वपूर्ण योगदान से हमें कई साधन प्राप्त हुए हैं ।

लिओनार्दो दा विंची का पेरिस दौरा – लियोनार्डो द विंची जब पेरिस गए थे तब उस समय पेरिस का तुर्की से युद्ध हो रहा था । 1499 को लिओनार्दो दा विंची पेरिस गए हुए थे  और उन्होंने कई हथियारों के डिजाइन बनाकर तैयार किए थे और उन हथियारों की डिजाइन बनाने में उन्होंने बहुत मेहनत की थी  क्योंकि लिओनार्दो दा विंची जिस काम को अपने हाथों में लेते हैं उस काम को पूरी मेहनत और लगन से पूरा करते हैं ।

ड्यूक की गिरफ्तारी के बाद लिओनार्दो दा विंची का जीवन – जब ड्यूक को फ्रांस के बादशाह के कहने पर फ्रांस के सैनिकों ने पकड़ लिया था और तहखाने में डाल दिया था तब लिओनार्दो दा विंची अकेले पड़ गए थे । उनको मार्गदर्शन देने वाला कोई नहीं था । इसके बाद लिओनार्दो दा विंची वेनिश चले गए थे और वहां पर लिओनार्दो दा विंची ने कई सैनिक हथियारों का आविष्कार किया था । वहां पर उन्होंने गोताखोरों के लिए अद्भुत पोशाक बनाई थी । इस तरह से लिओनार्दो दा विंची ने अपना जीवन व्यतीत किया था ।

सन 1500 में लिओनार्दो दा विंची ने अपनी मातृभूमि फ्लोरेंस मे वापस लौटने का फैसला किया था क्योंकि वह अपनी मातृभूमि फ्लोरेंस मे ही अपना बचा हुआ जीवन व्यतीत करना चाहते थे और लिओनार्दो दा विंची ने अपना बचा हुआ जीवन फ्लोरेंस में ही व्यतीत किया था ।

लिओनार्दो दा विंची के द्वारा लिखी गई पुस्तक – लिओनार्दो दा विंची के द्वारा एक पुस्तक लिखी गई है । यह पुस्तक 7000 पेजों में लिओनार्दो दा विंची के द्वारा लिखी गई थी । लिओनार्दो दा विंची की इस पुस्तक में धरती की सुंदरता , लिओनार्दो दा विंची के द्वारा बनाए गए सुंदर दृश्य , युद्ध में काम आने वाली मशीनें , हत्यार लड़ाकू विमान एवं शरीर विज्ञान से संबंधित चित्र के बारे में इस पुस्तक में बताया गया है । यह लिओनार्दो दा विंची की सबसे अच्छी  पुस्तक है । लिओनार्दो दा विंची की इस पुस्तक में काफी लोगों ने रुचि ली है । क्योंकि इस पुस्तक को पढ़ने से व्यक्ति को ज्ञान की प्राप्ति होती है ।

लिओनार्दो दा विंची ने यह  पुस्तक इसलिए लिखी थी क्योंकि वे चाहते थे कि इस पुस्तक को पढ़कर काफी लोग ज्ञान प्राप्त करें । इसके बाद लियोनार्डो द विंची के द्वारा codex Leicester पुस्तक भी लिखी गई थी । यह लिओनार्दो दा विंची की सबसे अच्छी पुस्तक थी । बिल गेट्स लिओनार्दो दा विंची की इस पुस्तक से बहुत प्रभावित  हुए थे ।  इसीलिए बिल गेट्स ने लिओनार्दो दा विंची की इस पुस्तक को 1994 में 30 मिलियन यूएस डॉलर में खरीदी थी ।

बिल गेट्स को यह पुस्तक इतनी पसंद आई कि उन्होंने इस पुस्तक की कुछ पन्नों को  विंडोज 95 की  स्क्रीन पर लगाने का फैसला  कर लिया था  और बिल गेट्स ने  95  विंडोज स्क्रीन सेवर पर इस पुस्तक के कुछ पन्नों का उपयोग किया था ।

लिओनार्दो दा विंची के द्वारा किए गए अविष्कार – लिओनार्दो दा विंची ने कई अविष्कार किए हैं । कैंची का आविष्कार भी लिओनार्दो दा विंची के द्वारा किया गया था । लिओनार्दो दा विंची एक ऐसे व्यक्ति थे जिन्होंने दिन में आकाश नीला होने का प्रमाणीकरण करके  बताया था ।लिओनार्दो दा विंची ने नीले आकाश के बारे में ऐसा कहा था कि जब जब सूरज की किरणें धरती पर पड़ती है तब हवा उन किरणों को बिखेर देती है । उन किरणों में नीला रंग जायदा होता है । इसी कारण से आकाश नीला दिखाई देता है । लिओनार्दो दा विंची ने कई लड़ाकू हथियारों का आविष्कार भी किया था ।

जिसका प्रयोग युद्ध क्षेत्र में किया जाता है । इस तरह से लिओनार्दो दा विंची ने कई आविष्कार किए हैं और उन अविष्कारों का उपयोग आज किया जा रहा है । लिओनार्दो दा विंची एक ऐसे व्यक्ति थे जिनको एक ही समय में अपने दोनों हाथों से  एक साथ  काम करने का हुनर प्राप्त था । कई बार  उनको एक हाथ से लिखते एवं दूसरे हाथ से चित्रकारी करते हुए देखा गया  था । लिओनार्दो दा विंची को  एक हाथ से लिखने एवं दूसरे हाथ से चित्रकारी करने का अनुभव प्राप्त था ।

लिओनार्दो दा विंची  जानवरों से बहुत प्रेम करते थे । लिओनार्दो दा विंची को जानवरों  से बहुत प्रेम था । इसलिए वह बाजार से पिंजरे में कैद जानवरों को खरीद कर लाते थे और उनको आजाद कर  देते थे । लिओनार्दो दा विंची एक शाकाहारी व्यक्ति थे क्योंकि उनको जानवरों से एवं प्रकृति से बहुत प्रेम था । इसलिए जानवरों को खाना खिलाते थे । जब वह जानवर को खाना खिलाते थे तब उनको बड़ा आनंद आता था ।

जब कोई व्यक्ति जानवर पर अत्याचार करता था तब लिओनार्दो दा विंची उनको रोकते थे और उनको जानवरों से प्रेम करने के लिए कहते थे । क्योंकि वह जानवरों प्रेम करना जानते थे और जानवर भी उनसे प्रेम करते थे । लिओनार्दो दा विंची एक अच्छे महान चित्रकार , वैज्ञानिक रहे हैं । लिओनार्दो दा विंची ने मनुष्य जीवन को सफलता की ओर ले जाने के लिए कई कार्य किए हैं । आज पूरी दुनिया उनके इस कार्य को भूल नहीं सकती है । लिओनार्दो दा विंची एक महान व्यक्ति के रूप में हम सभी के सामने प्रस्तुत हुए थे ।

हमें ऐसे व्यक्ति की अवश्य प्रशंसा करनी चाहिए और उनके द्वारा बताए गए रास्तों पर चलना चाहिए । उनके जीवन में कई दुख तकलीफ आए परंतु उन्होंने सफलता की ओर बढ़ने से अपने कदम नहीं रोके । इसलिए आज वह एक  सफल इंसान हैं । लिओनार्दो दा विंची से हम सभी को सीख लेनी चाहिए और जीवन में आगे बढ़ते रहना चाहिए क्योंकि वह एक सफल इंसान थे । उन्होंने एक सफल इंसान बनने के लिए काफी मेहनत की थी । यदि हम उनकी तरह मेहनत करते रहे और सफलता की ओर बढ़ते रहे तो हम भी सफल हो सकते हैं ।

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