हेरोडोटस का जीवन परिचय Herodotus biography, quotes in hindi

Herodotus biography in hindi

दोस्तों आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से इतिहास के रचयिता एवं जनक हेरोडोटस के जीवन परिचय के बारे में बताने जा रहे हैं । चलिए अब हम आगे बढ़ते हैं और हेरोडोटस के जीवन परिचय को बड़ी गहराई से पढ़ते हैं ।

herodotus biography, quotes in hindi
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जन्म स्थान व् परिवार Birth and family- हेरोडोटस एक ऐसे महान वैज्ञानिक एवं लेखक थे जिनके माध्यम से इतिहास का जन्म हुआ था । हेरोडोटस  का संस्कृत भाषा  में  हरिदत्त नाम था । हेरोडोटस का जन्म 484 में फारसी साम्राज्य में हुआ था । हेरोडोटस का जन्म  एशिया  माइनर  में हुआ था । इनका जन्म दक्षिण-पश्चिम तट  नामक एक प्राचीन शहर में हुआ था । हेरोडोटस के पिता बहुत ही समृद्ध शाली एवं प्रतिष्ठित व्यक्ति थे । हेरोडोटस के चाचा एक महान लेखक थे ।

हेरोडोटस का जीवन बहुत ही रोचक रहा है । हेरोडोटस ने अपनी मेहनत और लगन से प्राचीन सभ्यता  एवं संस्कृति को इतिहास के रूप में लिखा है । कई ऐसे योगदान हेरोडोटस ने दुनिया को विकास की ओर ले जाने के लिए दिया है जो आज हमें सफलता प्राप्त करने में योगदान दे रहे हैं । कई युद्ध एवं संगठन के बारे में हेरोडोटस ने लिखा है ।

कई लेख हेरोडोटस के द्वारा लिखे गए हैं । हेरोडोटस ने जो भी लेख लिखे हैं उनको लिखने के लिए हेरोडोटस ने कई देशों की यात्राएं की हैं । हेरोडोटस के द्वारा कई कालोनियों का निर्माण किया गया है । हेरोडोटस इतिहास के जनक , साहित्य लेखक एवं एक राजनीतिक व्यक्ति थे । हेरोडोटस को वैज्ञानिक की उपाधि भी प्राप्त हुई है ।

हेरोडोटस के बारे में About Herodotus – हेरोडोटस के बारे में कई विस्तृत जानकारियां लेखकों के द्वारा दी गई है । हेरोडोटस एक ऐसे वैज्ञानिक एवं लेखक थे जिन्होंने युद्ध को विस्तृत रूप से अपने लेख में लिखा है और कई मानचित्र उन्होंने अपनी कला के द्वारा बनाए हैं । वह कई देशों की यात्रा कर चुके हैं । हेरोडोटस के द्वारा कई कहानियां भी लिखी गई है ।हेरोडोटस इतिहास के जनक के रूप में जाने जाते हैं ।हेरोडोटस के बारे में ऐसा कहा जाता है कि यह महाकाव्य के शौकीन थे ।

उनको महाकाव्य पढ़ना बहुत अच्छा लगता था । हेरोडोटस के द्वारा नो पुस्तके लिखी गई हैं । इन पुस्तकों के बारे में ऐसा कहा जाता है कि पहली पुस्तक से लेकर पांचवी पुस्तक तक उन्होंने बहुत मेहनत की थी । पहली पुस्तक से लेकर पांचवी पुस्तक में उन्होंने ग्रीक एवं फारसी देशों के युद्ध की पूरी झलकियां दिखाई है । उन्होंने पहली पुस्तक से लेकर पांचवी पुस्तक में यह  लिखा  है कि  ग्रीक एवं फारसी दोनों देशों के बीच में किस तरह  से युद्ध हुआ था और दोनों देशों की सेना की कितनी शक्तियां थी ।

इसके बाद हेरोडोटस के द्वारा 4 पुस्तकें और लिखी गई थी । अंतिम चार पुस्तकों में उन्होंने युद्ध का पूरा इतिहास विस्तृत रूप से लिखा है । ग्रीक एवं फारसी देसू के बीच किस लिए यह युद्ध हुआ था , दोनों देशों के बीच किस तरह के संबंध थे यह सब अंतिम चार पुस्तकों में लिखा है । ग्रीक एवं फारसी युद्ध को जानने में हेरोडोटस का योगदान रहा है । हेरोडोटस के द्वारा रोचक कथाएं भी लिखी गई हैं । हेरोडोटस ने भविष्य में आनेे वाली पीढ़ियों के लिए इतिहास लिखा था ।

हेरोडोटस के द्वारा जो भी इतिहास लिखा गया है वह इतिहास प्रमाणीकरण के साथ लिखा गया है । उन्होंने जिन जिन देशों की यात्रा की है उन देशों के लोगों से संवाद किया और उनके नाम भी लिखे हैं । कहने का तात्पर्य यह है कि हेरोडोटस ने इतिहास की विस्तृत जानकारी प्रमाणीकरण के साथ प्रस्तुत की है ।हेरोडोटस बचपन से ही शरारती थे । उनके पिता बहुत धनी व्यक्ति थे । उन्होंने सबसे पहले अपने चाचा जी के साथ  मिलकर काम करना प्रारंभ किया था ।

इसके बाद वह  राजनीति  में शामिल  हुए थे । हेरोडोटस की राजनीति के बारे में  ऐसा कहा जाता है कि हेरोडोटस ने  एक तानाशाही  को हराने के लिए राजनीति  करने का फैसला किया था  परंतु वह  राजनीति में असफल हो गए थे  जिसके बाद उन्हें  अन्य लोगों के साथ वहां से निष्कासित कर दिया गया था ।

हेरोडोटस के योगदान से  किस तरह से कॉलोनियों का विकास हुआ है , किस तरह से देशों एवं प्रदेशों का विकास हुआ है इसकी पूरी विस्तृत जानकारी उनके लेख में दी गई है । उनका एक ही मकसद था कि भविष्य में आने वाली पीढ़ी  इतिहास को जान सकें ।

भूगोल , इतिहास के निर्माण में हेरोडोटस का योगदान Herodotus’s contribution to the making of geography, history- हेरोडोटस एक महान इतिहासकार एवं महान कथाकार थे । उन्होंने कई कथाएं लिखी हैं । हेरोडोटस  विकास और शहरों के बसने के इतिहास को लिखने में कामयाब हुए हैं । उन्होंने जो भी यात्रा की है उस यात्रा के माध्यम से वहां की संस्कृति , वहां के माहौल एवं उस जगह की पूरी विस्तृत जानकारी एकत्रित की है । जिन जिन देशों की यात्रा हेरोडोटस के द्वारा की गई है उस देश की विस्तृत जानकारी , वहां के रहन-सहन एवं रीति रिवाज के बारे में भी हेरोडोटस ने अपने लेख में लिखा है ।

वह जिस देश में भी यात्रा करने के लिए जाते थे उस देश की भाषा को सीख लेते थे । जिससे कि वह वहां पर रहने वाले व्यक्ति से बातचीत कर सकें । हेरोडोटस बातचीत करने के बाद उस व्यक्ति का नाम पता भी अपनी डायरी में लिख लेते थे । जिस व्यक्ति से बातचीत करते थे  उस व्यक्ति का नाम डायरी में लिख लेेते थे । जब अपने लेख को लिखते थे तब उस व्यक्ति के नाम का जिक्र अपने लेख में करते थे क्योंकि वह इतिहास की जानकारी विस्तृत रूप से एकत्रित किया करते थे ।

उन्ही के  कारण ही आज हमें उनके लेख के माध्यम से प्राचीन समय की संस्कृति एवं वहां के लोगों की सोच के बारे में जानकारी प्राप्त होती है । जिस स्थान पर वह जाते थे उस जगह की भौगोलिक स्थिति के बारे में विस्तृत रूप से लिखते थे । आज हम इतिहास के बारे में बात करें तो हेरोडोटस का  इतिहास के  निर्माण में बहुत बड़ी भूमिका है क्योंकि उन्होंने अपने जीवन में सबसे बड़ा काम इतिहास लिखकर किया है ।

जब उनके द्वारा लिखी गई पुस्तकों को हम पढ़ते हैं तब हमें ग्रीक एवं फारसी के युद्ध की विस्तृत जानकारी प्राप्त हो जाती है । हेरोडोटस  की पुस्तक को पढ़ने के बाद हमें कई देशों की भौगोलिक स्थिति , वहां की संस्कृति , रीति रिवाज के बारे में भी जानकारी प्राप्त हो जाती है । हेरोडोटस ने कई यात्रा के माध्यम से अपनी कलात्मक शैली का उपयोग करके कैस्पियन एवं काला सागर की अन्य घाटियों के नक्शे बनाए हैं । जिससे कि आने वाली पीढ़ी वहां के नक्शों को विस्तृत रूप से देख सकें ।

हेरोडोटस की पहली यात्रा Herodotus’s first voyage- हेरोडोटस की पहली यात्रा बाल्यावस्था में हुई थी । जब उन्होंने अपनी बाल्यावस्था में राजनीति में हिस्सा लिया था तब वह राजनीति में असफल हो गए थे । राजनीति में असफल हो जाने के बाद उनको वहां से निष्कासित कर दिया गया था ।  जब हेरोडोटस को वहां से निष्कासित किया गया था तब वह समोस नाम के दीप पर रहने के लिए , अपना जीवन यापन करने के लिए चले गए थे । यह समोस दीप भूमध्य सागर के पूरे पश्चिमी भागों को नियंत्रित करके रखता है ।

वहां पर जाने के बाद हेरोडोटस ने वहां के लोगों से दोस्ती की , वहां के लोगों के द्वारा वहां की भाषा सीखी थी । हेरोडोटस  ने वहां की संस्कृति के बारे में भी विस्तृत जानकारी हासिल की थी लेकिन वह एक जगह पर रुकना नहीं चाहते थे । हेरोडोटस ने आगे की यात्रा करने का विचार बनाया और वह वहां से आगे की यात्रा करने के लिए चले गए थे ।

हेरोडोटस की साइंप्रस एवं सोर  यात्रा – हेरोडोटस ने लोगों की प्राचीन सभ्यता को एकत्रित करने के लिए साइंप्रस एवं सोर की यात्रा करने का विचार बनाया और वह विस्तृत जानकारी प्राप्त करने के लिए  यात्रा पर चले गए थे । वहां पर जाने के बाद हेरोडोटस ने वहां के लोगों से बातचीत की थी । हेरोडोटस ने याजको से बातचीत की और वहां के हालात एवं वहां का माहौल के बारे में जाना । वहां की जितनी भी विस्तृत जानकारी हेरोडोटस को मिली उस जानकारी को उन्होंने अपनी डायरी में लिख ली थी ।

हेरोडोटस की सबसे बड़ी खास बात यह है कि जब वह अन्य देश में जाकर किसी व्यक्ति से बातचीत करते थे तब वह उस व्यक्ति का नाम भी अपनी डायरी में लिख लिया करते थे जिससे कि उनकी यात्रा का प्रमाणीकरण वह अपने लेख में लिख सकें । उनके लेख में भी यात्राओं के दौरान जिन जिन व्यक्तियों से बातचीत हुई थी उन सभी व्यक्तियों के नाम लिखे हैं ।

जब उन्होंने अपनी पहली यात्रा की थी तो उन्हें बहुत अजीब सा महसूस हुआ था लेकिन जब उन्होंने पहली यात्रा के दौरान वहां के लोगों से बातचीत की तब उन्हें आनंद आने लगा और वह अपने काम में तेजी से आगे बढ़ने लगे थे ।

हेरोडोटस की दक्षिण पूर्वी यात्रा Herodotus’ southeast journey- हेरोडोटस ने दक्षिण पूर्वी इलाकों में जाने का फैसला किया और दक्षिण पूर्वी इलाकों में स्थित सभी देशों में बह गए । दक्षिण पूर्वी इलाकों में जाकर वहां के लोगों से विस्तृत जानकारी हासिल की थी ।वहां के समुद्र , नदियां , पहाड़ी इलाकों के नक्शे हेरोडोटस के द्वारा बनाए गए थे । हेरोडोटस ने वहां के लोगों से विस्तृत जानकारी प्राप्त की गई थी । हेरोडोटस की सबसे खास बात यह है कि वह जिस भी यात्रा पर जाते थे वह वहां पर रहने वाले याजनों से खुलकर बातचीत किया करते थे ।

हेरोडोटस को अन्य देश के लोगों से  संवाद करना , उनके हालात को जानना , उनके विचार को जानना बहुत अच्छा लगता था । इसीलिए उन्हें इतिहास को एकत्रित करने में आनंद आ रहा था । हेरोडोटस ने दक्षिण दिशा में स्थित सभी देशों कि  यात्राएं की थी । हेरोडोटस में यात्रा के दौरान वहां की संस्कृति को एकत्रित किया , वहां पर हो रहे विकास के बारे में जानकारी हासिल की , वहां की राजनीतिक समीकरण को उन्होंने समझा था ।

जब वह अलग अलग देशों की अलग अलग संस्कृति देखते थे तब उनको बड़ा आनंद आता था । तरह-तरह की भाषाओं का ज्ञान हेरोडोटस को यात्रा के दौरान हुआ था । वह कई देशों की भाषाएं जानने एवं पहचानने लगे थे । वह भाषाओं को सीखने में भी रुचि रखते थे ।

हेरोडोटस कि मिस्त्र यात्रा herodotus egypt- जब हेरोडोटस ने कई देशों की यात्रा कर ली थी तब उनके अंदर यात्रा करने का जज्बा बढ़ने लगा था । हेरोडोटस की विस्तृत जानकारी हासिल करने की ललक ने उनको और भी आगे बढ़ा दिया था । वह मिस्त्र देश में यात्रा करने के लिए गए और वहां के लोगों से मिले । हेरोडोटस में मिस्त्र देश में जाने के बाद वहां के हालात को जाना , वहां की संस्कृति को सीखा और वहां के लोगों से बातचीत की । हेरोडोटस ने वहां के लोगों को प्रेरित किया और वहां की राजनीति के बारे में जानकारी हासिल की ।

हेरोडोटस ने वहां के समुद्र , नदियां , पहाड़ , झरने एवं जंगलों के बारे में जानकारी हासिल की और अपनी डायरी में लिख लिया था । हेरोडोटस ने यात्रा के दौरान किस तरह की कालोनियां वहां पर बसी हुई है , किस तरह का विकास मिस्त्र देश का हुआ है यह सब जानकारी प्राप्त की थी । प्राचीन सभ्यता के मानचित्र हेरोडोटस के द्वारा मिस्त्र देश के बनाए गए थे ।इसके बाद वह अन्य तरह तरह  की जानकारी प्राप्त करने में जुट गए थे ।

हेरोडोटस जब किसी देश की यात्रा के लिए जाते थे तब वहां के लोग उनका बहुत सपोर्ट किया करते थे , उनकी मदद किया करते थे । सबसे बड़ी परेशानी उनको भाषा के कारण होती थी । परंतु वह उस परेशानी से घबराएं नहीं और उन्होंने वहां पर जाकर वहां के लोगों से हाथ मिलकर वहां की भाषा को सीखकर भाषा के कारण हो रही समस्या को खत्म किया था ।

हेरोडोटस के द्वारा की गई अन्य देशों की यात्राएं Travels to other countries by Herodotus- हेरोडोटस ने मिस्र देश की यात्रा करने के बाद वह लीबिया , असीरिया , बेबीलोन एवं एक्बटाना की यात्रा के लिए चले गए थे । इन देशों की यात्रा करने के बाद , यहां के लोगों से विस्तृत जानकारी प्राप्त करने के बाद , यहां की संस्कृति की जानकारी प्राप्त करने के बाद , यहां के खेत खलिहान , यहां की संस्कृति , यहां के धार्मिक स्थलों की जानकारी , यहां के जंगलों की जानकारी प्राप्त करके हेरोडोटस ने एशिया माइनर में वापस लौटने का फैसला कर लिया था और वह वापस लौट गए थे ।

हेरोडोटस की हेलस्पोंट एवं उत्तरी काला सागर क्षेत्र की यात्रा Herodotus’s visit to Helspont and the northern Black Sea region- हेरोडोटस ने दक्षिण पश्चिमी देशों की यात्रा करने के बाद कई और अन्य क्षेत्रों की यात्रा करने के बाद उत्तरी काला सागर क्षेत्र की भूमि की ओर अपने कदम बढ़ा लिए थे । वह ओलाबिया चले गए थे । ओलाबिया में उन्होंने लोगों से विस्तृत जानकारी हासिल की थी ।

हेरोडोटस की बालोद यात्रा Herodotus’s visit to Balod- कई देशों की यात्रा करने के बाद हेरोडोटस बालोद चले गए थे । वहां पर उन्होंने कई यूनानी शहरों का दौरा किया और लोगों से बातचीत की थी । वहां की यात्रा का प्रमाणीकरण हासिल किया और स्थान का प्रमाणीकरण प्राप्त किया था । हेरोडोटस ने वहां के नक्शे बनाए और वहां की संस्कृति के बारे में जानकारी प्राप्त की थी । इस तरह से हेरोडोटस ने कई यात्राएं की थी । हेरोडोटस ने अपनी यात्राओं की विस्तृत जानकारी , फ़ारसी एवं ग्रीस युद्ध की पूरी विस्तृत जानकारी अपनी किताब में लिखी है ।

हेरोडोटस के द्वारा सिर्फ 9 किताबें लिखी गई हैं । जिनमें ग्रीस एवं फारसी देश के बीच में हुए युद्ध को बताया है । हेरोडोटस ने अपने लेख के माध्यम से ग्रीस फारसी युद्ध को विस्तृत रूप से समझाया है । किताब के माध्यम से हेरोडोटस ने फारसी सेना की शक्ति के रहस्य को भी सभी के सामने प्रकट किया था ।

Herodotus quotes in hindi

  • किसी भी काम को जल्दी-जल्दी करने से वह काम असफल हो जाता है ।

 

  • ज्ञान होना बहुत अच्छी बात है परंतु अज्ञानता बहुत बुरी चीज होती है ।

 

  • दूसरों की बात पर विश्वास करना है या नहीं यह आप पर निर्भर है ।

 

  • वही इंसान सफल होता है जो प्लानिंग करते समय भय के बारे में बात करते हुए उन सभी बातों का ध्यान रखता है ।ऐसा करने से उसके साथ जो बुरा हो सकता है उसके बचाव के कार्य वह कर सकता है ।

 

  • जब कोई व्यक्ति हर समय गंभीर रहने की बात करता है और हंसी , मजाक एवं मस्ती से खुद को दूर रखता है वह जल्द ही पागल हो जाता है उस व्यक्ति को इस बात का पता भी नहीं चल पाता है ।

 

  • जिन स्थानों पर स्किल्स की आवश्यकता होती है उस स्थान पर दबाव डालने से कोई भी काम नहीं होता है ।

 

  • बड़े-बड़े खतरों का डटकर सामना करने से ही बड़ी सफलता हासिल की जा सकती है ।

 

  • जो भी  भगवान आपके लिए तय करता है उसको कोई भी मनुष्य चाह कर भी वापस नहीं कर सकता है ।

 

  • किसी एक व्यक्ति के दिल में सभी अच्छी बातें हो ऐसा संभव नहीं है । यह सब उसी तरह से ठीक है जिस तरह से एक देश में सब कुछ अच्छा नहीं हो सकता क्योंकि एक देश को कुछ अन्य चीजों के लिए दूसरे देशों पर निर्भर रहना पड़ता है ।

 

  • पूरी दुनिया में जितने भी कीमती रिश्ते होते हैं उन रिश्तो में दोस्ती का रिश्ता सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण होता है ।

 

  • जायदा नॉलेज हासिल करने से आपका वजन बढ़ सकता है परंतु उपलब्धियों से ही आपकी शख्सियत को चमक मिल सकती है क्योंकि अधिकतर लोग नॉलेज की बजाय उपलब्धियों को हासिल करने की कोशिश करते हैं ।

 

  • बहुत अधिक नॉलेज होना और किसी भी चीज पर किसी भी तरह का कोई भी कंट्रोल ना होना यह दुनिया की सबसे बुरी बातों में से एक होती है ।

 

  • सुनी गई बातों से जायदा देखी गई बातों पर जायदा विश्वास करना चाहिए ।

 

  • अच्छा सोचना , अच्छा बोलना और दूसरों के द्वारा दी जाने वाली हिदायत का पालन करना एक समान महत्वपूर्ण है ।

 

  • मनुष्य की किस्मत में कितनी सफलता है और कितनी असफलता है यह सब उसीके भीतर छिपा  होता है ।

 

दोस्तों हमारे द्वारा लिखा गया यह जबरजस्त आर्टिकल हेरोडोटस का जीवन परिचय एवं अनमोल वचन herodotus biography, quotes in hindi यदि आपको पसंद आए तो अपने दोस्तों एवं रिश्तेदारों में शेयर अवश्य करें धन्यवाद ।

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