कुसंगति पर निबंध Kusangati essay in hindi

Kusangati essay in hindi

हेलो दोस्तों कैसे हैं आप सभी,दोस्तों आज का हमारा आर्टिकल Kusangati essay in hindi आपको जीवन में काफी आगे बढ़ाएगा दोस्तों कुसंगति यानी गलत संगत.दोस्तों इस दुनिया में बहुत से लोग ऐसे होते हैं जो कुसंगति में फंसकर कुछ गलत करते हैं और वो गलत लोगो की संगत करके खुद भी एक गलत इंसान बनते हैं हमें कुसंगति से बचना चाहिए क्योकि कुसंगति वाकई में एक ऐसी बड़ी गलती है जिससे हम अगर दूर रहे तो ही अच्छा है यानी हम अगर संगति करना चाहे तो अच्छे लोगों की करें कुसंगति करने वाला जीवन में हमेशा पछताता है,उसके जीवन में पछताने के अलावा और कुछ भी नहीं होता क्योंकि कहते हैं जैसी संगत वैसी रंगत.

Kusangati essay in hindi
Kusangati essay in hindi

अगर आप अपने जीवन में बुरी संगत करते हो तो आपको इसका परिणाम बुरा ही मिलता है.कुसंगति अगर एक इंसान करें तो वह भी धीरे धीरे उस दूसरे इंसान की तरह बन जाता है यानी बुरे इन्सान के बुरे गुण उसमें समा जाते हैं क्योंकि लोगों को अच्छी संगति में डालना या जिंदगी में अच्छी सलाह देना और देकर मानना थोड़ा मुश्किल होता है लेकिन कुसंगति अपनाकर गलत रास्ते पर चलना बहुत ही सरल होता है लेकिन बाद में सिर्फ मुसीबतें आती हैं.अगर हम जीवन में खुश रहना चाहे तो हमको अच्छी संगति अपनाना चाहिए.कुसंगति से किसी का भी लाभ नहीं होता.

कुसंगति करने से हमारा ही नहीं बल्कि हमारे पूरे परिवार का नुकसान होता है अक्सर देखा जाता है कि लोग बुरी संगति में फंसकर शराब पीने लगते हैं या फिर वह गलत कामों की तरफ अग्रसर हो जाते हैं लेकिन जब ये बात उनके परिवार वालों को पता लगती है तो परिवार वाले उससे इस तरह के गलत कामो को खत्म करने का कहते हैं लेकिन वह इतनी आसानी से बुरी आदतों को नहीं छोड़ पाता क्योंकि यह आदत लगती हैं कुसंगति के वजह से.

अगर आप भी इसी तरह की कुसंगति में फंसे हुए हैं तो आप भी कुसंगति से दूर हो जाइये और जीवन में आगे बढ़ने का प्रयत्न कीजिए.अच्छी संगति जीवन के हर क्षेत्र में काम करती है चाहे आप पढ़ाई करते हो या कोई नौकरी.कुसंगति हमेशा हमारे जीवन के लिए नुकसानदायक है इसका प्रभाव बुरा ही होता है.अगर आप अच्छे लोगों के साथ में रहते हो तो आप भी अच्छी संगति में फंसकर जीवन में कुछ अच्छा करते हैं वही कुसंगति में फंसकर यानी बुरे लोगों के साथ में रहकर आपको बुरी आदतें लग जाती हैं.

एक विद्यार्थी जो सुबह स्कूल जाता है अच्छी तरह पढ़ाई करता है अगर वह ऐसा कर पाता है तो सबसे बड़ा कारण संगति भी है लेकिन अगर आपके बच्चे कुसंगति अपनाते हैं और आप उसे मना नहीं करते तो वाकई में आपके साथ आपके बच्चों की भी जिंदगी बर्बाद हो सकती है इसलिए जीवन में हमें कुसंगति से बचना चाहिए.हेलो दोस्तों अगर जीवन में हमारी संगति अच्छी नहीं होती तो हमें जीवन में बहुत पछतावा होता है और लोग भी हमारी बुराई करते हैं.

हम कितने भी अच्छे हों लेकिन लोग हमारी कुसंगति को देखकर हमें बुरा इंसान समझते हैं.जीवन में कोई भी हमारी मदद करने के लिए आगे नहीं आता और हम कुछ भी खास नहीं कर पाते वहीं दूसरी ओर अगर हम जीवन में अच्छे लोगों की संगत करते हैं तो जीवन में लोग हमारा सपोर्ट करते हैं अरे बताए हुए रास्ते पर चलते हैं उनको जीवन में परेशानी का सामना भी नहीं करना पड़ता

इसके अलावा यह भी है कि अगर हम कुसंगति में फंसते हैं तो कहीं ना कहीं ना चाहते हुए भी धीरे-धीरे बुरी आदतों का शिकार हो जाते हैं और कहते की अगर एक इंसान की आदत ही बेकार है तो वह जिंदगी में सबसे पीछे रह जाता है इसलिए भी हमें जीवन में कुसंगति को त्यागना चाहिए और संगति की ओर अग्रसर होना चाहिए.

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इसके अलावा आपने एक कहावत जरूर सुनी होगी कि गेहूं के साथ घुन जरूर करता है इस विषय पर बहुत सारी कहानियां भी हैं जिनसे हम सीख ले सकते हैं कहने का आशय यह है कि अगर हम बुरी संगत करते हैं तो हम भले ही अच्छे हैं,कुछ भी गलत नहीं करते लेकिन हो सकता है कभी आप भी घुन की तरह किसी मुसीबत में फंस जाओ इसलिए हमें जहां तक हो सके कुसंगति से बचना चाहिए इसी में हम सभी का लाभ है.कुसंगति करने से हमारी बुद्धि का नाश हो जाता है अक्सर यह बात बहुत सी जगह देखने को मिलती है.

हम बात करें रामायण की तो रामायण हम सभी ने देखी है रामायण में हमने देखा की के कैकई जो श्री रामचंद्र की माता थी वह श्री राम से कौशल्या की तरह ही बहुत प्यार करती थी लेकिन वह मंथरा की कुसंगति मैं फस गई और इस वजह से उन्होंने अपने सबसे प्यारे लड़के राम को वनवास दे दिया इसलिए कहते हैं की कुसंगति का हमारे जीवन पर बहुत ही दुष्प्रभाव होता है जहां तक हो सके हमें कुसंगति से बचना चाहिए ऐसे लोगों से बात नहीं करना चाहिए.

आज हम हमारे देश के सफल उद्यमियों की बात करें तो सबसे पहला नाम आता है धीरूभाई अंबानी.धीरूभाई अंबानी एक गरीब फैमिली से थे लेकिन आज वह भारत के सबसे अमीर लोगों में गिने जाते हैं अब धीरुभाई अंबानी जी की कामयाबी का राज क्या है वैसे तो इस बारे में बहुत सी बाते हैं लेकिन सबसे बड़ा कारण यही है कि उनकी संगति अच्छी थी.अगर उनकी संगति बड़े-बड़े लोगों के बीच में ना होती तो उनका जीवन में इतने आगे बढ़ना थोड़ा मुश्किल होता.

धीरूभाई अंबानी जी बचपन में फाइव स्टार रेस्टोरेंट में चाय पीने के लिए जाते थे वह गरीब थे लेकिन फिर भी फाइव स्टार होटल में चाय पीने के लिए जाते थे क्योंकि वह अमीरों की संगत करना चाहते थे,उनकी बातें वह बड़े ही गोर से सुना करते थे.अगर इसी तरह हम भी अच्छे लोगों के साथ में रहें,उनकी संगत अपनाएं तो जीवन में आगे बढ़ सकते हैं लेकिन अगर कुसंगति अपनाएंगे तो वाकई में हमारे साथ बहुत बुरा हो सकता है.

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