भारतीय संस्कृति पर भाषण Indian culture speech in hindi
speech on bhartiya sanskriti in hindi
Indian culture – दोस्तों आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से भारतीय संस्कृति पर एक भाषण सुनाने जा रहे हैं । चलिए अब हम आगे बढ़ते हैं और इस जबरदस्त आर्टिकल को पढ़कर भारतीय संस्कृति के बारे में जानते हैं ।
नमस्कार दोस्तों, मैं अरुण नामदेव यहां पर उपस्थित सभी विद्यार्थीगण, मंच पर आसीन सभी शिक्षकगण और कॉलेज के प्राचार्य का इस कार्यक्रम में स्वागत वंदन अभिनंदन करता हूं । जैसा कि आज हमारे कॉलेज मे नई बिल्डिंग का उद्घाटन होने वाला है । जिस बिल्डिंग का उद्घाटन माननीय मुख्यमंत्री जी करने के लिए आ रहे हैं ।हमारे इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रुप में माननीय मुख्यमंत्री जी , शिक्षा विभाग के मंत्री और जिले के विधायक जी , कलेक्टर महोदय जी पधारने वाले हैं ।
जो कुछ ही क्षणों में हमारे बीच में उपस्थित होंगे । जैसा कि हम सभी जानते हैं कि हमारे भारत देश की संस्कृति एक अद्भुत रही है । भारतीय संस्कृति की चर्चा पूरे विश्व में की जाती है । आज हमारे इस कार्यक्रम का मुख्य टॉपिक रखा गया है भारतीय संस्कृति । भारतीय संस्कृति प्राचीन समय से ही पूरे विश्व में विख्यात है । भारतीय संस्कृति की चर्चा भारत देश में ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में की जाती रही है ।भारतीय वेशभूषा , भारतीय कपड़े , धार्मिक संस्कृति और धार्मिक त्योहार सभी भारतीयों के लिए माननीय है ।
सभी भारतीय संस्कृति को अपनाकर अपना और अपने परिवार का भरण पोषण करते हैं । यदि हम भारतीय संस्कृति की चर्चा करें तो भारतीय संस्कृति को बचपन से ही अपने माता-पिता के द्वारा ग्रहण करता है । जैसा कि हमारे भारतीय संस्कृति में बड़ों का सम्मान करना , आदर करना बच्चों को सिखाया जाता है और भारतीय धर्मों के बारे में भी बच्चों को सिखाया जाता है । जब बच्चा स्कूल में पढ़ने के लिए जाता है तब वह गुरु का आदर करता है और गुरु के द्वारा कई भारतीय संस्कृति उस बच्चे को सिखाई जाती है और वह बच्चा भारतीय संस्कृति में ढल जाता है ।
हमारे इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य भारतीय संस्कृति पर चर्चा करना है और हमारे मुख्यमंत्री महोदय का भी यही कहना था कि इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य भारतीय संस्कृति पर चर्चा हो । उन्हीं के कहने पर इस कार्यक्रम के माध्यम से भारतीय संस्कृति पर चर्चा की जाएगी । दोस्तों विद्यार्थियों यहां पर उपस्थित सभी शिक्षक गण मैं आपको बता देना चाहता हूं कि हमारे मुख्य अतिथि माननीय मुख्यमंत्री जी पधार चुके हैं और मैं स्कूल के प्राचार्य महोदय से निवेदन करता हूं कि वह मुख्यमंत्री और उनके साथ में पधारे हुए सभी अतिथियों को स्टेज पर लेकर आए और उनको यथावत उनके स्थान पर बैठाएं ।
अब हम इस कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हैं । मैं स्कूल के ट्रस्टी महोदय से निवेदन करता हूं कि वह मुख्यमंत्री साहब का फूल मालाओं से स्वागत वंदन अभिनंदन करें । मैं स्कूल के माननीय शिक्षक से निवेदन करता हूं कि वह विधायक साहब और मुख्यमंत्री जी के साथ में पधारे हुए सभी अतिथियों का स्वागत फूल मालाओं से करें । अब हम इस कार्यक्रम की बेला को आगे बढ़ाते हैं । मैं मुख्यमंत्री महोदय से निवेदन करता हूं कि वह हमारे इस कार्यक्रम का शुभारंभ करेंगे । हमारे भारत देश की यह संस्कृति रही है कि जब कोई शुभ कार्य को प्रारंभ किया जाता है तो मां सरस्वती की पूजा , वंदना , अर्चना की जाती है ।
तो मैं मुख्यमंत्री महोदय से निवेदन करता हूं कि वह मां सरस्वती की प्रतिमा पर फूलमाला चढ़ाकर इस कार्यक्रम की बेला को आगे बढ़ाएं । अब मैं मुख्यमंत्री महोदय से निवेदन करता हूं कि वह अपने यथावत स्थान पर जाकर बैठे । अब हम इस कार्यक्रम की बेला को आगे बढ़ाते हैं । मैं सबसे पहले हमारे शिक्षा विभाग के मंत्री महोदय से निवेदन करता हूं कि वह स्टेज पर आए और भारतीय संस्कृति पर दो शब्द कहें ।
नमस्कार विद्यार्थियों यहां पर उपस्थित शिक्षक गण , मंच पर आसीन माननीय मुख्यमंत्री जी और मंच पर आसीन सभी मेरे भाइयों मैं आप लोगों का शुक्रिया अदा करता हूं कि आपने मुझे भारतीय संस्कृति पर दो शब्द कहने के लिए कहा । जैसा कि हम सभी जानते हैं कि हमारी भारत की संस्कृति पूरे विश्व में प्रचलित है । हमारे भारत देश में बच्चों से लेकर बड़ों के दिल में भारतीय संस्कृति बसी हुई है । भारतीय लोग अपने आप पर यह गर्व महसूस करते हैं कि हम भारत देश में जन्मे हैं । भारत देश के सभी लोग जाति , धर्म और वेश भूषा को अपनाकर अपने आप पर गर्व करते हैं ।
भारत देश में ही बच्चे अपने माता-पिता , बड़ों का मान सम्मान करते हैं । भारत में ही धार्मिक त्यौहार मनाए जाते हैं । जब भारत देश में कोई सांस्कृतिक कार्यक्रम होता है तब उस कार्यक्रम में सभी लोग एकत्रित होते हैं और सांस्कृतिक कार्यक्रम को सफल बनाते हैं । मैं यहां पर उपस्थित सभी विद्यार्थी गढ़ का धन्यवाद करता हूं कि वह इस कार्यक्रम में उपस्थित हुए और इस कार्यक्रम को सफल बनाने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया । भाइयों समय कम है और आज हमें मुख्यमंत्री जी को सुनना है ।
इसलिए मैं ज्यादा तो नहीं कहूंगा बस यही कहूंगा हमारे भारत की संस्कृति प्राचीन समय से ही अच्छी रही है और हम सभी ने भारतीय संस्कृति को आगे बढ़ाने का काम किया है । इसी बात के साथ मैं अपनी वाणी को विराम देता हूं जय हिंद जय भारत ।
प्रदेश के शिक्षा मंत्री जी ने जो भाषण दिया है उस भाषण के लिए मैं यहां पर उपस्थित सभी लोगों से निवेदन करता हूं कि माननीय शिक्षा मंत्री जी के इस भाषण के लिए तालियां बजाकर उनका उत्साहवर्धन करें । अब हम इस कार्यक्रम की बेला को आगे बढ़ाते हैं । मैं हमारे मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री जी से निवेदन करता हूं कि वह स्टेज पर आएं और भारतीय संस्कृति पर दो शब्द कहे ।
नमस्कार भाइयों बहनों यहां पर उपस्थित सभी शिक्षक गण मंच पर उपस्थित सभी मेरे भाइयों मैं आप सभी लोगों को नमन करता हूं । हमारे देश मे कई धर्म के लोग रहते हैं और सभी लोग अपने धर्म को मानते हैं । हमारा भारत देश एक ऐसा देश है जहां पर कई तरह की भाषाएं बोली जाती हैं । अलग-अलग राज्यों में अलग अलग भाषा बोली जाती हैं । भारत देश की सबसे अच्छी बात यह है कि कई सांस्कृतिक त्यौहार भारत देश में मनाएं जाते हैं ।जिन त्योहारों को मनाने में भारतीय लोग अपनी रुचि रखते हैं । त्योहारों पर अच्छे अच्छे कपड़े पहना भारतीय संस्कृति में रही है ।
भारतीय संस्कृति में बड़ों का सम्मान करना है । भारत देश की संस्कृति में यह सिखाया जाता है कि राष्ट्रहित के लिए संस्कृति महत्वपूर्ण होती है । हमारे देश में भले ही कई धर्म के लोग रहते हो जब राष्ट्र हित की बात आती है तो सभी एकजुट होकर राष्ट्र हित के लिए कार्य करते हैं । भारतीय संस्कृति में विद्यार्थियों का अहम स्थान रहता है क्योंकि एक विद्यार्थी जीवन में ही संस्कृति का उदय होता है । भारत देश मे हिंदू धर्म के लोग सुबह उठकर पूजा पाठ करते हैं और अपने माता पिता के पैर स्पर्श करते हैं । यह भारतीय संस्कृति है जो प्राचीन समय से ही चली आ रही है ।
मैं आशा करता हूं कि हम सभी मिलकर भारतीय संस्कृति को निरंतर आगे बढ़ाने का कार्य करेंगे । इसी बात के साथ मैं अपनी वाणी को विराम देता हूं जय हिंद जय भारत ।
माननीय मुख्यमंत्री जी ने जबरदस्त भाषण दिया मैं सभी लोगों से यह निवेदन करता हूं कि मुख्यमंत्री जी के भाषण के लिए सभी तालियां बजाकर माननीय मुख्यमंत्री जी का उत्साहवर्धन करें । अब हम इस कार्यक्रम की बेला को समाप्त करने की ओर जा रहे हैं । मैं यहां पर उपस्थित सभी विद्यार्थियों से अनुरोध करता हूं कि वह अपनी भारतीय संस्कृति को निरंतर आगे बढ़ाने का कार्य करेंगे जय हिंद जय भारत ।
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