गुरु शिष्य परंपरा पर कविता guru shishya parampara par kavita
गुरु शिष्य परंपरा पर कविता
हेलो दोस्तों कैसे हैं आप सभी,दोस्तों आज हम आपके लिए गुरु शिष्य परंपरा पर कविता एक बहुत ही बेहतरीन कविता लाए हैं जैसे की हम सभी जानते हैं कि गुरु और शिष्य का संबंध सबसे बढ़कर होता है क्योकि गुरु ही एक इन्सान को शिक्षा प्रदान करके एक इन्सान बनाता है जो इस दुनिया में किसी भी क्षेत्र में महारत हासिल करके अपने गुरु और परिवार जनो का नाम रोशन करता है.
गुरु अपने शिष्य को शिक्षा देकर एक अच्छा इंसान बनाने की कोशिश करता है.प्राचीन काल से ही गुरु के आश्रम में हर तरह के शिष्य शिक्षा ग्रहण करने के लिए आते हैं गुरु हर किसी को शिक्षा देकर आगे बढ़ने की प्रेरणा देते है.हमारे देश में गुरुओं को भगवान के समान समझा जाता है.गुरु और शिष्य की इस परंपरा पर आधारित हम आज ये कविता पढ़ेंगे.चलिए पढ़ते हैं हमारी आज की इस कविता को
गुरु शिक्षा देते शिष्यों को, यही है सदियों की परम्परा
शिष्य गुरुओ के कदमो पर चलते यही है सदियों की परम्परा
गुरु शिष्यों को बिना भेदभाव के सबकुछ सिखाते
राजा रंक सभी के बच्चे गुरु आश्रम में पढ़ते
हर समय गुरु को सम्मान देते
गरीब भी पढता अमीर भी पढता
सबको बराबर शिक्षा मिलती क्योकि यही है सदियों की परम्परा
दुनिया में कुछ भी बदले लेकिन ना रुकेगी गुरु शिष्य की परम्परा
क्योकि गुरुओ के बिना हर इन्सान अधुरा ही अधुरा
गुरु शिष्य को आज्ञाकारी बनाते और बनाते एक अच्छा इन्सान
इसलिए यही है सदियों से चली आ रही हमारी परम्परा
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