महाराष्ट्र की एलीफेंटा गुफाओं का इतिहास Elephanta caves history in hindi

Elephanta caves history in hindi

Elephanta caves – दोस्तों आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से भारत देश महाराष्ट्र राज्य के मुंबई शहर की सबसे प्रसिद्ध एलीफेंटा गुफाओं  के इतिहास के बारे में बताने जा रहे हैं । तो चलिए अब हम आगें  बढ़ते हैं और इस आर्टिकल को पढ़कर  महाराष्ट्र की प्रसिद्ध एलीफेंट गुफा के इतिहास के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त करते हैं ।

Elephanta caves history in hindi
Elephanta caves history in hindi

महाराष्ट्र राज्य के मुंबई शहर में स्थित एलीफेंटा गुफाओं के बारे में – भारत देश के महाराष्ट्र राज्य के मुंबई शहर में स्थित एलीफेंटा गुफाओं का इतिहास काफी प्राचीन समय का है । इन सभी गुफाओं भारतीय लोगों की आस्था जुड़ी हुई है । एलीफेंटा गुफाओं को देखने के लिए प्रति वर्ष लाखों , करोड़ों की संख्या में पर्यटक आते हैं और एलीफेंटा गुफाओं को देखकर अपने जीवन में आनंद प्राप्त करते हैं । प्राचीन समय में जिस स्थान पर एलीफेंटा गुफाएं हैं उस स्थान को घारापूरी नाम से सभी लोग जानते थे । पहले इसे कोंकणी मौर्य वंश की राजधानी कही जाती थी ।महाराष्ट्र के मुंबई शहर में स्थित एलीफेंटा गुफाओं के निर्माण के बारे में अभी तक कोई पुख्ता सबूत नहीं है ।

परंतु महाराष्ट्र की एलीफेंटा गुफाओं के बारे में प्राचीन इतिहासकारों का यह कहना है कि महाराष्ट्र की एलीफेंटा गुफाओं की खोज तकरीवन 18 वीं शताब्दी के आसपास की गई थी । खोज करने के बाद इन गुफाओं को तराशा गया था । यह 7 गुफाएं दर्शनीय हैं जो भी व्यक्ति इन सभी गुफाओं को देखता है वह अपने जीवन में आनंद प्राप्त करता है । परंतु इन गुफाओं मे सबसे महत्वपूर्ण और दर्शनीय गुफा महेशमूर्ति गुफा है जिस गुफा में त्रिदेव भोलेनाथ की मूर्ति स्थापित है और यह मुख्य गुफा तकरीबन 26 स्तंभों पर खड़ी हुई है । वहां पर और भी कई मूर्तियां भोलेनाथ की हैं परंतु महेश मूर्ति सबसे प्रसिद्ध मूर्ति है ।

सबसे प्राचीन समय की मूर्ति है जिस मूर्ति के दर्शन करने के बाद ऐसा प्रतीत होता है मानो भगवान भोलेनाथ स्वयं ही सामने बैठे हैं । मूर्ति को देखने के बाद इस मूर्ति को देखते ही रहने को मन करता है । महाराष्ट्र के मुंबई शहर में स्थित एलीफेंटा गुफाओं से मुंबई शहर के लोगों के साथ-साथ भारत देश के सभी लोगों की आस्था एलीफेंटा गुफाओं से जुड़ी हुई है । जो भी भक्ति एलीफेंटा गुफाओं को देखने के लिए जाता है वह अपने जीवन में सुख समृद्धि और आनंद प्राप्त करता है । एलीफेंटा गुफाओं के आसपास भी घूमने के लिए कई स्थान हैं जिन स्थानों पर जाकर सभी पर्यटक आनंद प्राप्त करते हैं ।

यह सबसे प्राचीन समय की गुफाएं हैं जिसके कारण प्राचीन समय की सभ्यता और कला को देखने के लिए देश-विदेश से पर्यटक आते हैं । जो भी पर्यटक इस एलिफेंटा गुफा को देखने के लिए आता है वह एलीफेंटा गुफाओं की नक्काशी आसपास की हरियाली देखकर खुशी आनंद प्राप्त करता है । जब कोई पर्यटक मुख्य गुफा में प्रवेश करता है तब वह आश्चर्यचकित रह जाता है क्योंकि इसकी मुख्य गुफा 26 स्तंभों पर खड़ी हुई है जो 26 स्तंभ काफी भारी मोटाई में बने हुए हैं । जो आज भी मजबूताई के साथ वहां पर स्थित हैं ।

मंदिर के साथ-साथ एलिफेंटा गुफा के पास में द्वारपाल की एक भव्य विशाल मूर्ति भी है जिस मूर्ति की सुंदरता के चर्चे पूरे भारत देश में किए जाते हैं । यह सबसे लंबी अद्भुत चमत्कारी मूर्ति के रूप में भी अपनी पहचान बना चुकी है । प्राचीन समय में घारापुरी नाम से यह एलीफेंटा गुफाएं पहचानी जाती हैं । जब भारत देश में ब्रिटिश शासन था तब ब्रिटिश शासकों के द्वारा इन गुफाओं का नाम एलिफेंटा गुफा रख दिया गया था  क्योंकि वहां पर हाथियों के विशाल चित्र , मूर्तियां बहुत अधिक थी जिसके बाद ब्रिटिश शासकों के द्वारा इस स्थान का नाम हाथियों के नाम पर एलिफेंटा रखा गया था । आज भी इस स्थान को एलीफेंटा गुफाओं के नाम से सभी जानते हैं ।

जो भी व्यक्ति मुंबई से एलीफेंटा गुफाएं देखने के लिए जाना चाहता है वह मुंबई स्टेशन से गेटवे ऑफ इंडिया पहुंचे । इसके बाद गेटवे ऑफ इंडिया से तकरीबन एलीफेंटा गुफाओं की दूरी 10 किलोमीटर दूर रह जाती है । गेटवे ऑफ इंडिया से वह साधन प्राप्त करके एलीफेंटा गुफाओं को देखने के लिए जा सकता है । जो भी व्यक्ति मुंबई शहर घूमने के लिए आता है वह एलीफेंटा गुफाओं को देखने के लिए अवश्य जाता है । यह एलीफेंटा गुफाएं भगवान शिव के लिए समर्पित है । यहां पर भगवान शिव की पूजा आराधना की जाती है ।

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