घरेलू पशु की आत्मकथा Domestic animal autobiography in hindi

Domestic animal autobiography in hindi

Domestic animal autobiography – दोस्तों आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से घरेलू पशु की आत्मकथा के बारे में बताने जा रहे हैं । तो चलिए अब हम आगे बढ़ते हैं और इस आर्टिकल को पढ़कर घरेलू पशु की आत्मकथा के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त करते हैं ।

Domestic animal autobiography in hindi
Domestic animal autobiography in hindi

मैं एक गाय बोल रही हूं , मेरा जन्म लोगों को स्वादिष्ट दूध देने के लिए हुआ है । मेरा जब जन्म हुआ तब मुझे एक घर में पाला पोसा गया था । मुझे प्रतिदिन सुबह पानी से  नहलाया जाता हैं । इसके बाद मुझे घुमाने के लिए जंगलों में ले जाया जाता था । धीरे-धीरे मैं बड़ी होने लगी और मुझे लोग पसंद करने लगे थे । मैं एक चितकबरी गाई हू । मेरी सुंदरता को देखने के लिए आसपास के लोग आते हैं ।जिस घर में मैं रहती हू  वहां के लोग मुझे बहुत प्रेम करते हैं । प्रतिदिन मुझे खाने के लिए रोटी और घास दिया करते हैं ।  मैं उस परिवार को ही अपना परिवार मानती हू ।

मेरी  मां  भी मेरे साथ में रहती हैं । सुबह के समय मेरी मां दूध देती हैं तब  मां मुझे भी दूध पिलाती हैं । मेरी मां को भी प्रतिदिन घर के सदस्यों के द्वारा हरा हरा घास खिलाया जाता था ।  मैं और मेरी मां दोनों साथ में एक  खूंटी से बंधे रहते थे । जब मेरी मां के द्वारा दूध दिया जाता है तब मुझे मेरी मां से अलग बांध दिया जाता था । धीरे-धीरे मैं बड़ी हुई और जब मैं भी दूध देने के लायक हुई तब मैं भी दूध दिया करती हैं । जब दिवाली के समय मेरी पूजा की जाती थी तब मुझे बड़ा आनंद आता हैं । सभी लोग मेरी देखभाल अच्छी तरह से करते हैं ।

मैं एक गाय के रूप में जन्मी हूं । मुझे मेरा जीवन बहुत अच्छा लगता है क्योंकि मैं जिस परिवार में रहती हूं उस परिवार को मैं एक स्वादिष्ट दूध देती हूं और पूरा परिवार मुझे पसंद करता है । मेरी द्वारा जो गोबर दिया जाता है उस गोबर के माध्यम से घर की लिपाई पुताई की जाती है और उस गोबर के माध्यम से कंडे भी बनाए जाते हैं । ठंड के समय जब वह कंडे जला कर तापते है तब उनको बड़ा आनंद आता है । मेरे माध्यम से घर की स्वच्छता बनी रहती है ।

मैं जिस घर में रहती हूं उस घर में छोटे-छोटे बच्चे भी रहते हैं । वह बच्चे मुझे देखकर आनंद प्राप्त करते हैं और मुझसे खेलने के लिए सुबह जल्दी उठकर आते हैं और मेरे चेहरे पर हाथ फेर कर मुझसे प्रेम करते हैं । आसपास के बच्चे भी मुझे देखकर मेरी सुंदरता का आनंद लेते हैं ।  जब मुझे बाहर घुमाने के लिए ले जाया जाता है तब मेरे गले में रस्सी बांधकर घुमाया जाता है और  मुझे जंगलों में हरी घास हरे पत्ते खाने के लिए ले जाया जाता है । जब मुझे कुछ बीमारी लग जाती है तब जानवरों के डॉक्टरों से मेरा इलाज कराया जाता है । जब सुबह 5:00 बजे मेरा दूध निकाला जाता है तब मेरा दूध निकालकर वह दूध घर के उपयोग में लाया जाता है ।

कुछ लोग मेरे जैसी गाय का तिरस्कार करते हैं । पर उनको एक गाय की कीमत पता नहीं है । गाय स्वस्थ रहती है । गाय के द्वारा जो दूध दिया जाता है वह दूध पोस्टिक आहार होता है । उस दूध में मिनरल्स , प्रोटींस , विटामिंस होते हैं । जिससे शरीर स्वस्थ और तंदुरुस्त रहता है । मेरे द्वारा दिए गए दूध से कई तरह से तत्व निकलते हैं । मेरे दूध से  घी , दही , छाछ , मठा आदि बनाया जाता है । घर के सदस्य मुझे गौ माता कहकर पुकारते हैं । मेरे द्वारा जब मूत्र विसर्जन किया जाता है तब उस मूत्र को एक स्थान पर एकत्रित करके रख लिया जाता है क्योंकि मेरा मूत्र कई तरह की बीमारियों को खत्म करने में मदद करता है ।

कुछ लोग सुबह मेरे मूत्र को पीकर कई तरह की बीमारियों से निजात पाते हैं । मेरे द्वारा दिए गए दूध , मूत्र और गोबर का सभी लोग उपयोग करते हैं । मेरे गोबर के बारे में ऐसा कहा जाता है कि यदि गोबर से घर की लिपाई की जाए तो घर के अंदर स्वच्छता बनी रहती है । मैं जिस घर में रहती हूं यदि सभी मेरी जैसी गाय को घर मिल जाए तो गाय अपने जीवन मे बहुत खुश रहेगी । गाय को जब लोगों के द्वारा प्यार किया जाता है तब गाय अपने जीवन में खुशी प्राप्त करती है । कुछ लोग ऐसे होते हैं जो मुझे देख कर घृणा करते हैं । मैं घृणा करने की पात्र नहीं हूं । मैं आप सभी लोगों को ईतना कुछ देती हूं क्या आप मुझे उसके बदले में प्रेम नहीं दे सकते हो ।

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