भारतीय संस्कृति पर पाश्चात्य संस्कृति का प्रभाव पर निबंध pashchatya sanskriti ka bhartiya sanskriti par prabhav in hindi

paschimi sanskriti ka bhartiya sanskriti par prabhav

भारतीय संस्कृति पर पाश्चात्य संस्कृति का बहुत अधिक प्रभाव पड़ रहा है । आज मैं अपने इस लेख के माध्यम से आपको भारतीय संस्कृति किस तरह से खोती जा रही है और हम सभी भारतीय अपनी संस्कृति को ना अपना कर पाश्चात्य संस्कृति की ओर कदम बढ़ा रहे हैं । जिस का दुष्प्रभाव हमारे समाज पर पड़ रहा है ।

पाश्चात्य संस्कृति से भारतीय संस्कृति अच्छी मानी जाती है लेकिन हम लोग पाश्चात्य संस्कृति की चमक पर ध्यान देते हैं । हम यह नहीं सोचते हैं कि हमारी संस्कृति समाज की आत्मा है । जिससे हमारा समाज बनता है । अब मैं आपको यह बताने जा रहा हूं कि पाश्चात्य संस्कृति से अच्छी भारतीय संस्कृति होती है ।

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भारतीय संस्कृति सभी भारतीयों की आत्मा मानी जाती है । हम सभी भारतीय संस्कृति को मानते हैं। भारतीय संस्कृति में महिलाओं का सम्मान किया जाता है । हमारे देश की संस्कृति में धर्म , अर्थ , काम एवं मोक्ष को माना गया है ।

हमारी संस्कृति में यह माना जाता है कि हम सभी अपने धर्म का पालन करें। हम सभी जो कुछ बोल रहे हैं उसका अर्थ हमें मालूम होना चाहिए । एवं हम सभी को अपना अपना कर्म करते रहना चाहिए जिससे कि हमें मोक्ष प्राप्त हो लेकिन भारतीय संस्कृति पर पाश्चात्य संस्कृति का दुष्प्रभाव पड़ता जा रहा है । पाश्चात्य संस्कृति मैं व्यक्ति के संस्कार को प्रधान नहीं दिया गया है ।

व्यक्ति सिर्फ अपने आप को दिखाने की कोशिश करता है । वह अपने दिखावटी कपड़े पहनकर अपने आप को महान व्यक्ति समझता है । कोई भी व्यक्ति अच्छे कपड़े पहन कर महान नहीं बनता । महान व्यक्तित्व बनने के लिए उसके अंदर संस्कार होने चाहिए ।

हमारी संस्कृति के माध्यम से लोगों को यह सिखाया जाता है कि हम सभी को अपने से बड़े लोगों का सम्मान करना चाहिए । उनके बताए गए रास्ते पर चलना चाहिए । लेकिन पाश्चात्य संस्कृति हमें सिर्फ काम करने का रास्ता दिखाती है ।

दूसरों का सम्मान ना करना अपने आप को दिखावटी सुंदर बनाना यह सब पाश्चात्य संस्कृति में आता है कुछ लड़कियां अपने देश की संस्कृति को ना अपनाकर पाश्चात्य संस्कृति को बढ़ावा दे रही है । वह छोटे छोटे कपड़े पहन कर बाजारों में घूमने के लिए जाती हैं । यह उनको मालूम नहीं होता है कि हमारी देश की संस्कृति में नारी को पूजा की जाती है । आज की लड़कियां विदेश की लड़कियों से अपनी तुलना करने लगी हैं ।

हमारे देश की सांस्कृतिक सभ्यता सभी को आदर , प्रेम और सद्भावना सिखाती है । हमारे देश की संस्कृति मां बाप का आदर करना सिखाती है । जबकि पाश्चात्य संस्कृति में आदर प्रेम की कोई परिभाषा नहीं होती है ।

यह हमारे देश के लिए बड़े दुख की बात है कि जिस संस्कृति को बचाने के लिए हमारे पूर्वजों ने बड़ी मेहनत की थी आज हम उस संस्कृति को भूलते जा रहे हैं । पाश्चात्य संस्कृति से हमारे अंदर की आत्मा मर जाती है । जबकि हमारे भारत की संस्कृति हमारी आत्मा को जिंदा करती है । हमारी देश की संस्कृति सबसे अच्छी और महान संस्कृति है इस संस्कृति को अपनाना चाहिए ।

भारतीय संस्कृति मैं महिलाओं का सम्मान करना सिखाती है और पाश्चात्य संस्कृति में दिखावटी होता है, इसमें महिलाओं को सम्मान नहीं दिया जाता है । पाश्चात्य संस्कृति के कारण कई लोगों को बुरे परिणाम भुगतने पड़े हैं । यह पाश्चात्य संस्कृति के कारण होता है क्योंकि हम हमारे भारत की संस्कृति को भूलते जा रहे हैं । यह कहा जाता है कि अगर किसी फिल्मों में कोई हीरोइन छोटे कपड़े पहन कर आइटम सॉन्ग करती है तो वह फिल्म सुपरहिट हो जाएगी ।

ऐसी फिल्मों के कारण ही हम हमारी संस्कृति को भूलते जा रहे हैं । पहले की फिल्मों में सभी को यह सिखाया जाता था कि हमारे देश की संस्कृति क्या है और हम इस संस्कृति के माध्यम से अपने परिवार और समाज को किस तरह से चला सकते हैं। इसलिए मैं आप लोगों से कहना चाहता हूं कि हमारे भारत की संस्कृति को ही अपनाएं । पाश्चात्य संस्कृति को अपनाने से हमारे समाज को नुकसान होगा और हम सभी नागरिकों को भी नुकसान भुगतना पड़ेगा ।

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