अदासा गणपति मंदिर का इतिहास Adasa ganpati temple history in hindi

Adasa ganpati temple history in hindi

दोस्तों आज हम आपको  इस आर्टिकल के माध्यम से  अदासा गणपति मंदिर के इतिहास के बारे में बताने जा रहे हैं । तो चलिए अब हम आगे बढ़ते हैं और इस आर्टिकल को पढ़कर अदासा गणपति मंदिर के इतिहास के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त करते हैं ।

Adasa ganpati temple history in hindi
Adasa ganpati temple history in hindi

अदासा गणपति मंदिर के बारे मे – अदासा गणपति मंदिर भारत देश का सबसे सुंदर अद्भुत चमत्कारी मंदिर है जिस मंदिर से भारतीय लोगों की आस्था जुड़ी हुई है । जो भी व्यक्ति अदासा गणपति मंदिर को देखने के लिए जाता है वह इस मंदिर की सुंदरता को देखकर आनंद प्राप्त करता है ।  हिंदू धर्म के  लोगों की आस्था इस मंदिर से जुड़ी हुई है । इसलिए लाखों की संख्या में  पर्यटक इस मंदिर के दर्शन करने के लिए  आते हैं और मंदिर के दर्शन  करके अपने जीवन में आनंद प्राप्त करते हैं ।  अदासा गणपति मंदिर भारत देश के  अदासा गांव के नागपुर से तकरीबन 50 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है जिस मंदिर में गणपति जी की 11 फुट ऊंची और 7 फुट चौड़ी सुंदर प्रतिमा स्थित है ।

जिस प्रतिमा के दर्शन करने के लिए दूर-दूर से भक्तगण अदासा गणपति मंदिर के दर्शन करने के लिए जाते हैं और गणपति जी के दर्शन करके आनंद प्राप्त करते हैं । अदासा गणपति मंदिर को लेकर एक कथा भी कही जाती है । कथा के अनुसार यह कहा जाता है कि जब समुद्र मंथन किया गया था तब समुद्र मंथन के बाद देवी देवता और असुरों के बीच में एक भयंकर  युद्ध हुआ था । जिस युद्ध में देवताओं की जीत हुई थी । जब सभी असुर हार गए थे तब गुरु शंकराचार्य जी ने राजा बलि को अश्वमेघ यज्ञ कराने के लिए कहा था ।

जब गुरु शंकराचार्य ने राजा बलि को अश्वमेध यज्ञ कराने के लिए कहा तब इस यज्ञ को रोकने के लिए भगवान विष्णु ने देव माता अदिति के गर्भ से जन्म लेने का फैसला किया था और विष्णु भगवान ने देवमाता अदिति के गर्भ से एक बामन पुत्र के रूप में जन्म लिया था । जन्म लेने के बाद जब विष्णु भगवान बड़े हुए तो वह राजा बलि के पास जमीन मांगने के उद्देश्य से गए थे । जब विष्णु भगवान वामन रूप में राजा बलि के पास जमीन मांगने जा रहे थे तब रास्ते में अदासा गांव में उन्होंने गणेश भगवान की प्रतिमा की पूजा आराधना की थी ।

गणेश भगवान बामन की पूजा से खुश हो गए थे और गणेश भगवान ने बामन को दर्शन देने का निर्णय किया था । जिसके बाद गणेश भगवान ने शमी के वृक्ष से प्रकट होकर विष्णु भगवान के अवतार वामन को साक्षात दर्शन दिए थे । तभी से उस स्थान को शमी गणपति भी कहा जाता है । जो भी भक्तगण अदासा गणपति मंदिर के दर्शन करने के लिए जाता है वह गणपति की प्रतिमा की पूजा अर्चना करके मनचाहा वरदान पाता है । भारत देश में श्री गणेश के कई सुंदर प्रसिद्ध मंदिर हैं उन सभी सुंदर प्रसिद्ध मंदिरों में अदासा गणपति मंदिर भी है जिसकी सुंदरता के चर्चे भारत देश में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी किए जाते हैं ।

प्राचीन समय से ही यह मंदिर हिंदू धर्म के लोगों के लिए आस्था का केंद्र रहा है । मंदिर की सुंदरता को और भी सुंदर बनाने के लिए पर्यटक विभाग के द्वारा इस मंदिर को काफी धन दिया जाता है क्योंकि इस मंदिर के दर्शन करने के लिए काफी भक्तगण आते हैं और मंदिर के दर्शन करके आनंद प्राप्त करते हैं । गणेश चतुर्थी के दिन यहां पर भक्तों का ताता लगता है और सभी भक्तगण क्रमबद्ध लाइन में लगकर मंदिर के अंदर जाते हैं और भगवान गणपति जी के दर्शन करके आनंद प्राप्त करते हैं ।

हिंदू धर्म शास्त्रों में यह बताया गया है कि जब किसी शुभ कार्य को किया जाता है तब शुभ कार्य को करने से पहले गणेश जी भगवान की पूजा अर्चना की जाती है । अदासा गणपति मंदिर के बारे में  ऐसा भी कहा  जाता है कि जो भक्त  पूरी श्रद्धा के साथ अदासा गणपति मंदिर के दर्शन करने के लिए जाता है वह गणपति जी का सबसे प्रिय भक्त कहलाता है और गणपति महाराज उस  भक्त की सभी मुरादे पूरी करते हैं । जैसा कि हम सभी जानते हैं कि भगवान श्री गणेश लड्डू खाना पसंद करते हैं ।

जो भी भक्त  अदासा गणपति मंदिर के दर्शन करने के लिए जाता है वह भगवान श्री गणेश को लड्डू का भोग अवश्य चढ़ाता है ।

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