अचरोल किले का इतिहास Achrol fort history in hindi

Achrol fort history in hindi

Achrol fort – दोस्तों आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से राजस्थान के जयपुर में स्थित अचरोल किले के इतिहास के बारे में बताने जा रहे हैं । तो चलिए अब हम आगे बढ़ते हैं और इस आर्टिकल को पढ़कर अचरोल किले के इतिहास के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त करते हैं ।

Achrol fort history in hindi
Achrol fort history in hindi

अचरोल किले के बारे में – अचरोल किला भारत देश के राजस्थान राज्य के जयपुर में स्थित एक सुंदर अद्भुत चमत्कारी किला है । जिसका इतिहास काफी प्राचीन समय का है । दोस्तों राजस्थान के आमेर और जयपुर के राजवंश के बलभद्रोहो शाखा के शासक अचलदास के द्वारा 1564 ईसवी के समय में यहां की स्थापना की गई थी । यहां पर अचलदास के द्वारा महादेव का सबसे सुंदर अद्भुत मंदिर बनाया गया था जिस मंदिर का नाम अचलेश्वर मंदिर रखा गया था ।

मंदिर के साथ-साथ अचलदास के द्वारा 1564 ईसवी में यहां की एक पहाड़ी पर अचलगढ़ दुर्ग का निर्माण कराया गया जिस दुर्ग की सुंदरता आज भी दर्शनीय है और दूर-दूर से पर्यटक यहां पर आते हैं और अचरोल दुर्ग की सुंदरता को देखकर अपने जीवन में आनंद ही आनंद प्राप्त करते हैं । यहां की सुंदरता को देखकर सभी पर्यटक अपने जीवन में आनंद ही आनंद प्राप्त करते हैं । राजस्थान राज्य में स्थित जयपुर के अचरोल दुर्ग की सुंदरता के चर्चे भारत देश में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी किए जाते हैं । अचरोल दुर्ग भारत देश के राजस्थान राज्य के जयपुर से तकरीबन 40 किलोमीटर दूरी पर यह अद्भुत सुंदर चमत्कारी दुर्ग स्थित है ।

मैं आपको अचरोल के बारे में बता देना चाहता हूं कि अचरोल को तकरीबन 500 साल पहले आमेर के शासकों के द्वारा बसाया गया था । जब यहां पर सुंदर मंदिर और दुर्ग का निर्माण कराया गया तब यहां की सुंदरता के चर्चे चारों तरफ होने लगे और यह महल राजस्थान की विरासत के रूप में आज भी स्थित है जिस विरासत के चर्चे चारों तरफ किए जाते हैं । यहां पर जो अचलेश्वर मंदिर बनाया गया था उस मंदिर मे जो भी व्यक्ति दर्शन करने के लिए जाता है वह इस मंदिर की सुंदरता को देखकर अपने जीवन में सुख समृद्धि और आनंद प्राप्त करता है ।

मंदिर के बारे में ऐसा कहा जाता है कि जब मंदिर के गृह द्वार में प्रवेश करते हैं तब वहां पर एक गड्ढा है जिस गड्ढे में से पानी निकाला जाता है । इस गड्ढे के बारे में ऐसा कहा जाता है कि इस गड्डे के अंदर मीठा पानी निकलता है और जो भी इस मंदिर के दर्शन के लिए जाता है वह गड्ढे में से पानी निकाल कर अवश्य पीता है । अचलेश्वर मंदिर के पास ही में स्थित एक पहाड़ी पर दुर्ग है जिस दुर्ग की सुंदरता मंदिर की पहाड़ी से ही दिखाई दे जाती है । जो पर्यटक मंदिर से दुर्ग की सुंदरता को देखता है वह दुर्ग को देखने के लिए पहाड़ी पर अवश्य जाता है । मंदिर से दुर्ग तक पहुंचने के लिए कच्चे रास्ते का सहारा लेना पड़ता है ।

कच्चे रास्ते से होते हुए पर्यटक अचरोल किले पर पहुंचते हैं जिस किले पर पहुंचने के बाद वहां पर एक शांति का अनुभव करते हैं । किले से चारों तरफ की सुंदरता बहुत ही अद्भुत सुंदर और चमत्कारी दिखाई देती है । जब पहाड़ी पर स्थित दुर्ग पर पर्यटक पहुंच जाते हैं तब वहां पर जो महल बने हुए हैं उन महलों की सुंदरता को देखकर आनंद प्राप्त करते हैं । किले के गुंबद इतने मजबूत और सुंदर बनाए गए हैं कि इन गुंबद को देखते ही रहने को मन करता है । जो भी व्यक्ति अचरोल के किले को देखने के लिए आता है वह बार-बार इस किले को देखने के लिए अवश्य आता है । यह राजस्थान राज्य का सबसे प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है ।

जहां पर प्रतिवर्ष लाखों की संख्या में पर्यटक आते हैं और अचरोल किले की सुंदरता को देखकर अपने जीवन में आनंद प्राप्त करते हैं । राजस्थान राज्य महलों और पहाड़ों के लिए सबसे अधिक प्रसिद्ध है और जो पर्यटक राजस्थान राज्य में घूमने के लिए आता है वह राजस्थान के जयपुर में स्थित अचरोल किले को देखने के लिए आवश्यकता जाता है क्योंकि अचरोल किले की सुंदरता के चर्चे चारों तरफ होते हैं । यदि आप लोग अचरोल किले की सुंदरता को अपनी आंखों से देखना चाहते हैं , अचरोल किले के आसपास की सुंदरता को देखना चाहते हैं तो आप लोगों को अचरोल किले की सुंदरता को देखने के लिए अवश्य जाना चाहिए । 

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