अचलगढ़ किले का इतिहास Achalgarh fort history in hindi
Achalgarh fort history in hindi
Achalgarh fort – दोस्तों आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से भारत देश के राजस्थान राज्य में स्थित सिरोही जिले के माउंट आबू के पास स्थित अचलगढ़ किले के इतिहास के बारे में बताने जा रहे हैं । तो चलिए अब हम आगे बढ़ते हैं और इस आर्टिकल को पढ़कर अचलगढ़ किले के इतिहास के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त करते हैं ।
अचलगढ़ किले के बारे में – अचलगढ़ किला राजस्थान के सिरोही जिले के माउंट आबू के पास स्थित एक सुंदर अद्भुत चमत्कारी किला है जिस किले की सुंदरता को देखने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं और अचलगढ़ किले की सुंदरता को देखकर अपने जीवन में सुख समृद्धि और आनंद प्राप्त करते हैं । अचलगढ़ किले की सुंदरता के साथ-साथ अचलगढ़ किले के पास में स्थित जैन मंदिर भी एक सुंदर अद्भुत चमत्कारी है । मैं आपको बता देना चाहता हूं कि अचलगढ़ किले के पास स्थित गुरु शिखर यहां की सबसे ऊंची पर्वत चोटी कहलाती है । जो दूर से देखने पर एक सुंदर और अद्भुत दिखाई देती है ।
जो व्यक्ति अचलगढ़ किले को देखने के लिए जाता है वह जैन मंदिर से तकरीबन 8 किलोमीटर की दूरी तय करके अचलगढ़ किले की सुंदरता को देखता है । जब वह अचलगढ़ किले की सुंदरता को देखता है तब उसे बड़ी खुशी होती है क्योंकि अचलगढ़ किले की सुंदरता वाकई में बहुत अद्भुत चमत्कारी है । अचलगढ़ किले की आबू से तकरीबन 13 किलोमीटर की दूरी पर स्थित अरावली पर्वतमाला की एक बड़ी चोटी पर यह स्थित है । मैं आपको बता देना चाहता हूं कि आबूू का जो सबसे पुराना किला बना हुआ है वह किला परमार शासकों के द्वारा बनवाया गया था ।
अचलगढ़ का जो किला है उसका निर्माण 1452 ईस्वी में महाराणा कुंभा के द्वारा करवाया गया था । अचलगढ़ किले का निर्माण कराने का उद्देश्य सिर्फ एक ही था और वह उद्देश्य यह था कि गुजरात के आक्रमणों से अपने इलाके को सुरक्षित करना । गुजरात के शासक सुल्तान कुतुब शाह एवं महमूद का भी कुछ समय तक इस किले पर आधिपत्य रहा है । जब अचलगढ़ किले पर सुल्तान और महमूद का शासन स्थापित हुआ तब उन्होंने किले के अंदर स्थित देवी-देवताओं की प्रतिमाओं को नष्ट कर दिया था क्योंकि वह उस किले पर अपना शासन स्थापित कर आसपास के इलाके को अपने कब्जे में लेना चाहते थे ।
अब मैं आपको बता देना चाहता हूं कि अचलगढ़ किले के अंदर प्राचीर में गणेश पोल , दो प्रवेश द्वार हैं जिन प्रवेश द्वार पर गणेश और हनुमान जी की प्रतिमा लगी हुई हैं । गणेश और हनुमान जी की जो प्रतिमा द्वार पर लगी हुई है वह प्रतिमा आज भी बहुत सुंदर दिखाई देती हैं । इसके साथ-साथ अचलगढ़ किले के पास ही में स्थित कफूर सागर जलाशय सबसे प्रसिद्ध जलाशय है । जो जलाशय अचलगढ़ किले की सुंदरता में चार चांद लगाने का काम करता है । जब कोई पर्यटक किले के अंदर प्रवेश करता है तब प्रवेश द्वार में चंपा पोल , भैरव पोल से होते हुए अंदर की ओर प्रवेश करता है ।
जब वह चंपा पोल और भैरव पोल से होते हुए अंदर प्रवेश करता है तब वह किले के भीतर का दृश्य देखकर अपने जीवन में सुख समृद्धि और आनंद प्राप्त करता है । इस किले की सुंदरता की आज जितनी भी प्रशंसा की जाए उतनी कम है । जब किले के अंदर कोई पर्यटक जाता है तब वह किले के अंदर स्थित ओखा रानी के महल को देखकर आनंद प्राप्त करता है । अचलगढ़ किले के अंदर अनाज के भंडार कक्ष भी है जिन कक्षो में प्राचीन समय में अनाज को एकत्रित करके रखा जाता था । अचलगढ़ किले के अंदर सैनिकों के आवास के साथ-साथ सावन भादो की झील स्थित है जिसकी सुंदरता वाकई में देखने के लायक है ।
- धन्ना व भींवा मेहरानगढ़ छतरी का इतिहास Dhanna aur bheeva mehrangarh chhatri history
- जूनागढ़ किले का इतिहास Junagarh fort history in hindi
दोस्तों हमारे द्वारा लिखा गया यह बेहतरीन आर्टिकल अचलगढ़ किले का इतिहास Achalgarh fort history in hindi यदि आपको पसंद आए तो सबसे पहले आप सब्सक्राइब करें इसके बाद अपने दोस्तो एवं रिश्तेदारों में शेयर करना ना भूले । दोस्तों यदि आपको इस आर्टिकल में कुछ गलती या कमी नजर आए तो आप कृपया कर उस गलती के बारे में हमारी ईमेल आईडी पर अवश्य बताएं जिससे कि हम उस गलती को सुधार कर यह आर्टिकल आपके समक्ष पुनः प्रस्तुत कर सकें धन्यवाद ।