विदाई समारोह का भाषण Vidai samaroh bhashan in hindi

Vidai samaroh bhashan in hindi

हेलो दोस्तों कैसे हैं आप सभी,दोस्तों मेरे इस आर्टिकल को बहुत सारे लोग पढ़ रहे होंगे कुछ लोग होंगे जो छात्र होंगे जो स्कूल, कॉलेज में पढ़ते होंगे। कुछ लोग ऐसे होंगे जो कोई सा ऑफिस का काम करते होंगे कुछ लोग ऐसे होंगे जो कोई सी नौकरी करते हैं यह हमारा आर्टिकल ऐसे लोगों के लिए है जो अपने इन कामों से विदाई लेना चाहते हैं या विदा होना चाहते हैं। ऐसे लोगों के लिए हमारे द्वारा लिखित यह भाषण है इस भाषण को आप जरूर पढ़िए तो चलिए पढ़ते है हमारे विदाई पर लिखे आज के इस भाषण को

Vidai samaroh bhashan in hindi
Vidai samaroh bhashan in hindi

मेरे प्यारे साथियों आप सभी का दिल से अभिनंदन है आज हमने यहां पर हमारे श्रीमान पंकज श्रीवास्तव जी का विदाई समारोह रखा है। पंकज श्रीवास्तव जो हमारे ऑफिस के एक सम्माननीय व्यक्ति हैं जिन्होंने 40 साल इस ऑफिस के लिए पूरी ईमानदारी के साथ कार्य किया वैसे हम देखें तो आज का यह दिन उनकी आजादी का दिन है।

40 साल तक उन्होंने ऑफिस में कार्य किया आज वह रिटायर होने वाले हैं शायद वह खुश हो और हमें भी उनके रिटायरमेंट पर अच्छा लग रहा है लेकिन हम सभी को शायद ही खुशी हो क्योंकि पंकज श्रीवास्तव जी हमारे सबके प्रिय और सम्माननीय व्यक्ति हैं इनकी बहुत सी यादें हमारे साथ जुड़ी हुई हैं वास्तव में यह एक बहुत ही अच्छे इंसान हैं हमें गर्व है कि हमने उनके साथ में कार्य किया। आज मुझे इनके साथ बिताए हुए कुछ पल याद आते हैं एक बार आप सभी को पता होगा कि हम नैनीताल घूमने के लिए गए थे हमने वहां पर मिल-जुलकर कितना एन्जॉय किया बहुत मजा आया।

पंकज श्रीवास्तव जी वास्तव में बहुत ही अच्छे इंसान हैं उन्होंने नैनीताल के रास्ते में बहुत ही अच्छी ज्ञान की बातें हमें बताई वास्तव में पंकज श्रीवास्तव की वजह से नैनीताल घूमने का मजा ही आ गया हमें वह दिन बहुत याद आता है। हम देखें तो पंकज श्रीवास्तव जी वास्तव में एक ईमानदार व्यक्ति हैं और अच्छे इंसान भी हैं ये बात आपको पता होगी कि एक बार मैं अपने घर से खाना नहीं लाया था शायद मैं बैग में रखना ध्यान भूल गया था जब पंकज श्रीवास्तव जी को यह बात पता लगी तो उन्होंने अपना खाना मुझे दे दिया मैंने मना किया तो मुझे जबरदस्ती अपने हाथों से खिला दिया।

उनका प्रेम देखकर मेरी आंखों में भी आंसू आ गए वास्तव में पंकज श्रीवास्तव जी की यादें हमेशा हमारे साथ है भले ही आज उनकी विदाई हो रही है लेकिन मैं आग्रह करता हूं कि कभी-कभी वह ऑफिस में हमको मार्गदर्शन देने के लिए जरूर आएं या हमें अपने पास बुलाएं क्योंकि ऐसे महान इंसान से जितना सीखा जाए उतना कम है।

मैं पंकज श्रीवास्तव जी को प्रणाम करता हूं और उनके अच्छे स्वास्थ्य की कामना करता हूं और हमेशा यही चाहता हूं कि यह हमेशा हमारा मार्गदर्शन करते रहे धन्यवाद।

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