इमारत की आत्मकथा पर अनुच्छेद Paragraph writing on imarat ki atmakatha in hindi
Paragraph writing on imarat ki atmakatha in hindi
हमारे आज के लेख में हम पढ़ेंगे इमारत की आत्मकथा पर लिखा एक अनुच्छेद, इसे आप पढ़कर अपनी परीक्षाओं की अच्छी तैयारी करें तो चलिए पढ़ते हैं आज के हमारे इस आर्टिकल को
मैं एक इमारत हूं, जो एक शहर के बीचोंबीच स्थित हूं। मैं कई मंजिला इमारत हूं जिसे देखने के लिए लोगों को अपना सिर ऊंचा करना पड़ता है। मुझे देखने पर ऐसा लगता है कि मैं आसमान को छू रही हूं। मैं आसपास के पेड़ पौधों से ऊंची नजर आती हूं, मेरी इमारत में कई सारे कमरे बने हुए हैं उनमें कई तरह के लोग निवास करते हैं। शहर में जितनी भी इमारते हैं मैं उन सभी इमारतों में बड़ी हूं इसलिए मुझे काफी खुशी का अनुभव होता है कि मैं इतनी बड़ी हूं कि लोगों को मुझमें बने हुए कमरों तक पहुंचने के लिए लिफ्ट का सहारा लेना पड़ता है।
मेरे ऊंचे ऊंचे कमरों तक पहुंचने के लिए लिफ्ट भी बनी हैं जिससे जल्द से जल्द ऊपर की मंजिल पर पहुंचा जा सकता है इसी के साथ में ऊपर के कमरों तक पहुंचने के लिए सीढ़ियां भी लगी हुई है।
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