उत्तरायण पर निबंध uttarayan essay in hindi

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दोस्तों नमस्कार, आज हम उत्तरायण के बारे में जानकारी लेने वाले हैं तो चलिए पढ़ते हैं उत्तरायण पर हमारे द्वारा लिखित इस आर्टिकल को।

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प्रस्तावना

उत्तरायण एक ऐसा पर्व है जिसे पूरे भारतवर्ष में मनाया जाता है इसे बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। उत्तरायण के समय में सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता है। उत्तरायण को हम मकर संक्रांति के नाम से भी जानते हैं यह बहुत ही महत्वपूर्ण त्यौहार है और इस त्यौहार में लोग पतंगबाजी भी करते हैं और कई लोगों को अपने घरों पर मिष्ठान आदि खिलाने के लिए इनवाइट करते हैं।

उत्तरायण के बारे में कथा

उत्तरायण के बारे में एक कथा काफी प्रसिद्ध है यह कथा तब की है जब अमृत प्राप्त के लिए देवताओं और राक्षसों में संघर्ष हो रहा था यह संघर्ष काफी समय तक चला।

इस संघर्ष की वजह से सूर्य देव ने उत्तर दिशा की ओर अपनी गति नहीं की लेकिन संघर्ष के अंत में आखिर में देवताओं को अमृत मिल गया और फिर देवताओं को अमृत प्राप्त हुआ और सूर्य देव ने फिर से उत्तर दिशा की ओर अपनी गति शुरू की तभी से यह उत्तरायण का यह पर्व मनाया जाता है।

उत्तरायण का महत्व

उत्तरायण का काफी ज्यादा महत्व है इस उत्तरायण के बाद दिन काफी लंबे महसूस होने लगते हैं और राते छोटी होने लगती हैं जिससे हम प्रकृति में परिवर्तन महसूस कर सकते हैं। उत्तरायण का बड़ा ही महत्व है।

कहते हैं इस समय दान भी किया जाना चाहिए इससे भी बड़े पुण्य की प्राप्ति होती है। उत्तरायण के समय ईश्वर को भोग चढ़ाना चाहिए इससे ईश्वर प्रसन्न होते हैं और हमारे पापों से मुक्ति होती है वास्तव में उत्तरायण शुभ कार्यों की और संकेत देता है इसलिए हमें उत्तरायण का महत्व समझना चाहिए।

उत्तरायण का सामाजिक महत्व

उत्तरायण का काफी ज्यादा महत्व है क्योंकि उत्तरायण के समय में सामाजिक एकता देखने को मिलती है। हम देखते हैं की उत्तरायण के समय कई सारे लोग मिलजुलकर पतंगबाजी करते हैं जिससे सामाजिक एकता होती है।

इसके अलावा हमें अपने परिजनों के साथ मिलने जुलने का मौका मिलता है कई लोग अपने परिजनों, अपने रिश्तेदारों या दोस्तों को अपने घरो में आमंत्रित करते हैं, अपने पड़ोसियों का स्वागत करते हैं, भगवान को भोग लगाते हैं और बड़े ही श्रद्धा भाव से बड़े ही प्रेम पूर्वक समाज में व्यवहार करते हैं इसलिए उत्तरायण का सामाजिक महत्व काफी ज्यादा है।

विभिन्न परंपराएं

उत्तरायण के समय में विभिन्न परंपराएं हैं जो काफी महत्वपूर्ण है जिससे उत्तरायण लगभग पूरे भारत देश में मनाया जाता है लेकिन विशेष कर कुछ राज्य हैं इनमें उत्तरायण को विशेष नाम से जाना जाता है और विशेषकर उन राज्यों में कई कार्य किए जाते हैं जिनके बारे में हम पढ़ेंगे

तमिलनाडु में उत्तरायण को पोंगल के नाम से जाना जाता है इस त्यौहार में सूर्य देव की पूजा की जाती है। उत्तरायण को गुजरात में पतंग महोत्सव के नाम से जाना जाता है। दरहसल इस दिन लोग एक साथ मिलकर पतंगबाजी करते हैं और बड़े धूमधाम से त्योहार को मनाते हैं।

कई राज्यों में कई तरह के लड्डू बनाए जाते हैं और भगवान को भोग लगाकर उन लड्डू को भोग किया जाता है, अपने रिश्तेदारों आदि को इनवाइट करके लड्डूओ को उन्हें खिलाया जाता है वास्तव में उत्तरायण की अलग-अलग राज्य में विभिन्न परंपराएं हैं लेकिन वास्तव में देखा जाए तो पूरे भारत देश में उत्तरायण क्या यह पर्व बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है।

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