जिम्मेदारी पर कहानी Story on responsibility in hindi

Story on responsibility in hindi

हेलो दोस्तों कैसे हैं आप सभी,दोस्तों आज की हमारी कहानी आप सभी को अपनी सही जिम्मेदारी निभाने के बारे में सिखाएगी तो चलिए पढ़ते है हमारे आज के इस आर्टिकल को

Story on responsibility in hindi
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काफी समय पहले श्रावस्ती नामक नगर में एक अमरसेन नाम का व्यक्ति रहता था समय के साथ उसकी काफी उम्र हो चुकी थी अब वह अपने 4 लड़कों में से किसी एक को अपनी संपत्ति का उत्तराधिकारी बनाना चाहता था उसने अपने चारों पुत्रों को बुलाया और हर किसी को गेहूं के पांच-पांच दाने देकर कहा मैं तीर्थ यात्रा करने के लिए जा रहा हूं और 5 साल बाद ही आऊंगा तुममें से जो इन गेहूं के 5 दानों को संभाल के रखेगा उसे ही मैं अपनी संपत्ति का उत्तराधिकारी और तिजोरी की चाबी दूंगा ऐसा कहकर अमर सेन वहां से निकल गए.

उसके चले जाने के बाद अमर सेन के बड़े लड़के ने अपनी पत्नी से कहा कि मैं तो बड़ा हूं और संपत्ति पर अधिकार तो मेरा ही होना चाहिए ये बुड्ढा सठिया गया है गेहूं के दानों को रखकर क्या करूंगा उसने वह दाने फेंक दिए. अमरसेन का दूसरा लड़का अपनी पत्नी से बोला गेहूं के दाने रखे रखे क्या करेंगे इन्हें खाने में ही उपयोग ले लेते हैं इस तरह से उसने उन दानों को खा लिया.अमर सेन के तीसरे लड़के ने अपनी पत्नी से कहा कि हम भगवान की पूजा करते ही हैं साथ में गेहूं के दानों की भी पूजा कर लेंगे और जब पिता जी आ जाएंगे तो उन्हें वापस लौटा देंगे.

अब उनका जो सबसे छोटा बेटा था उसने अपनी पत्नी से कहा गेहूं के दाने ऐसे ही रखे रखे व्यर्थ हो जाएंगे क्यों ना हम इन्हें जमीन में बो दे जिससे और भी गेहूं की बढ़ोतरी हो इस तरह से उस छोटे लड़के ने गेहूं के दानों को जमीन में बो दिया और धीरे-धीरे जब फसल निकली तो बहुत से गेहूं निकले उसके बाद उसने उन गेहूं को फिर से बो दिया.

धीरे-धीरे गेहू 5 बोरी से 20 बोरी और 20 से 50 बोरी हो गए.इस तरह से 50 बोरी उसने एक गोदाम में रखवा दी और 5 साल बाद जब पिताजी आये तो उन्होंने तीनों पुत्रों से गेहूं के दानों के बारे में पूछा लेकिन उनके पिताजी किसी की भी बात से सहमत नहीं हुए.जब वह सबसे छोटे लड़के के पास गए तो उसने अपने पिता से कह दिया कि पिताजी यह गेहूं की 50 बोरी ही आपके 5 दाने है.मैंने इन्ही 5 दानो को जमीन में बोकर 50 गेहूं की बोरियां बना दी हैं.यह आप ही के 5 दानों का रूप है. ऐसा सुनकर अमरसेन बहुत ही खुश हुआ उसने अपने छोटे लड़के और बहू को तिजोरी की चाबी और संपत्ति का उत्तराधिकारी बना दिया.

दोस्तों हमें जीवन में सही जिम्मेदारी निभाना चाहिए तभी हम आगे बढ़ सकते हैं तभी हम तरक्की कर सकते हैं.अगर आपको हमारा ये आर्टिकल Story on responsibility in hindi पसंद आया हो तो इसे शेयर जरूर करें और हमारा Facebook पेज लाइक करना ना भूलें और हमें कमेंटस के जरिए बताएं कि आपको हमारा यह कैसा लगा इसी तरह के नए-नए आर्टिकल को सीधे अपने ईमेल पर पाने के लिए हमें सब्सक्राइब जरूर करें।

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