सोनिया गांधी की जीवनी व् निबंध Sonia gandhi biography, essay in hindi
Sonia gandhi biography, essay in hindi
दोस्तों आज मैं आपको हमारे भारत की राजनीतिक पार्टी की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी जी के जीवन के बारे में बताने जा रहा हूं । सोनिया गांधी जी ने राजनीतिक केरियर को किस तरह से संभाला । वह विदेश की होने के बावजूद भी उन्होंने भारत में रहकर देश की कांग्रेस पार्टी को संभाला है और कांग्रेस पार्टी को मजबूत किया है ।
जीवन परिचय- सोनिया गांधी जी का जन्म 9 दिसंबर 1946 को इटली के बैनेतो के लुसियाना गांव में हुआ था । सोनिया गांधी जी को विवाह से पूर्व एंटोनियो माइनो के नाम से जानते थे । इनके पिताजी का नाम स्टफिनो मायनो और माता का नाम पाओलो मायनो है।
शिक्षा- सोनिया गांधी जी बचपन से ही पढ़ाई के क्षेत्र में रुचि रखती थी । उन्हें इंग्लिश भाषा को सीखने का बड़ा ही शौक था वह घर पर ही रहकर अंग्रेजी पढ़ाई का अध्ययन करती थी और अंग्रेजी किताबों के माध्यम से अंग्रेजी का ज्ञान प्राप्त करती थी । धीरे-धीरे समय बीतता गया फिर उन्होंने 1964 में कैम्ब्रिज विद्यालय में अंग्रेजी भाषा का ज्ञान प्राप्त किया ।
विवाह- सोनिया गांधी जी का विवाह हमारे भारत की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी जी के पुत्र राजीव गांधी से हुआ था । सोनिया गांधी जी की मुलाकात राजीव गांधी जी से सन 1965 में इटली के ग्रीक रेस्टोरेंट में हुई थी । सोनिया गांधी और राजीव गांधी की मुलाकातें बढ़ने लगी और वह एक दूसरे से प्रेम करने लगे । उन्होंने शादी करने का फैसला कर लिया सन 1968 में उन्होंने हिंदू रीति रिवाज से विवाह किया और वह भारत में रहने लगी ।
संतान- सोनिया गांधी और राजीव गांधी के द्वारा एक पुत्र और एक पुत्री ने जन्म लिया जिनका नाम राहुल गांधी और प्रियंका बाड्रा है ।
राजनीतिक कैरियर- सोनिया गांधी जी का विवाह जब राजीव गांधी से हुआ तब उन्होंने राजनीति में आने से इंकार कर दिया था । विवाह के बाद सोनिया गांधी जी उनकी सास इंदिरा गांधी के साथ रहती थी और इंदिरा गांधी जी से उनको राजनीति देखने को मिली । लेकिन वह फैसला कर चुकी थी कि वह राजनीति में नहीं आएंगी और जब उनके बच्चे हुए वह अपना पूरा ध्यान बच्चों को संभालने में देती थी और उनके पति राजीव गांधी भी राजनीति में नहीं आना चाहते थे । जब इंदिरा गांधी जी की मृत्यु हुई उसके बाद कांग्रेस पार्टी ने यह फैसला किया कि कांग्रेस पार्टी में नेहरू और गांधी परिवार से किसी को वरिष्ठ नेता के रूप में चुना जाए फिर कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के द्वारा सोनिया गांधी जी के सामने यह प्रस्ताव रखा गया की आप कांग्रेस में शामिल होकर कांग्रेस पार्टी को आगे बढ़ाएं लेकिन सोनिया गांधी ने कांग्रेस पार्टी में शामिल होने से इंकार कर दिया ।
उनका कहना था कि मैं अपने बच्चों को पालने में अपना पूरा जीवन बिता दूंगी लेकिन जब राजीव गांधी जी की मृत्यु हुई तब कांग्रेस को बड़ा दुख हुआ और उनको एक वरिष्ठ नेता की कमी महसूस होने लगी फिर पुनः उन्होंने सोनिया गांधी के समक्ष कांग्रेस पार्टी में शामिल होने का प्रस्ताव रखा तब जाकर सोनिया गांधी जी ने सोच समझ कर कांग्रेस पार्टी में शामिल होने का फैसला किया । सोनिया गांधी जी ने कांग्रेस पार्टी में शामिल होने के लिए कई दिनों तक चिंतन किया और फिर उन्होंने सन 1997 में कोलकाता के प्लेनरी सेशन में कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गई । ठीक 1 वर्ष के बाद ही उनको सन 1998 में कांग्रेस पार्टी का अध्यक्ष चुन लिया गया । कई वरिष्ठ नेताओं का मानना था कि कांग्रेस पार्टी को आगे बढ़ाने के लिए सोनिया गांधी जी को अध्यक्ष चुना जाना चाहिए और वरिष्ठ नेताओं की मानकर सोनिया गांधी पार्टी का अध्यक्ष बनने के लिए मान गई और उन्होंने यह पद बड़ी गंभीरता से संभाला और कांग्रेस पार्टी को ऊंचाइयों तक पहुंचाया है ।
राजनीति में सफलता- जब सोनिया गांधी जी कांग्रेस पार्टी में शामिल हुई तब उन्होंने 1999 में बेल्लारी कर्नाटक और उत्तर प्रदेश के अमेठी से लोकसभा का चुनाव लड़ा और वह चुनाव उन्होंने जीत लिया । सन 1999 में 13वीं लोकसभा में वह विपक्ष की नेता चुनी गई । 13 मई 2004 को सोनिया गांधी जी को 16 गठबंधन की नेता के रूप में चुना गया क्योंकि उन्होंने 16 दल के गठबंधन से सरकार बनाई थी ।
विरोध का सामना – 23 मार्च 2006 को राष्ट्रीय सुझाव समिति के अध्यक्ष पद और लोकसभा की सदस्यता से त्यागपत्र दे दिया क्योंकि विपक्ष के कुछ नेता उन पर विदेश की होने पर सवाल उठा रहे थे और उन पर यह आरोप भी लगा रहे थे कि वह एक विदेशी महिला है । कुछ लोग यह भी कह रहे थे कि वह अपने पद का गलत लाभ उठा रही हैं ।
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