नदियों में बढ़ता प्रदूषण पर निबंध River pollution essay in hindi
River pollution essay in hindi
नदियों में बढ़ते प्रदूषण निबंध-हेलो दोस्तों कैसे हैं आप सभी,दोस्तों आज का हमारा आर्टिकल नदियों में बढ़ते प्रदूषण आप सभी को हमारे देश के नदियों में बढ़ते प्रदूषण के बारे में जानकारी देगा दोस्तों आज प्रदूषण चारों ओर है,आज भले ही देश तरक्की कर रहा है लेकिन इस आधुनिक युग में हमारे देश में हर तरह के प्रदूषण बढ़ते जा रहे हैं.प्रदूषण तरह तरह के होते हैं जैसे कि वायु प्रदूषण,ध्वनि प्रदूषण,जल प्रदूषण आदि.ये सभी प्रदूषण हमारे लिए बेहद नुक्सान दायक है,इन प्रदूषणों में से आज हम बात करेंगे नदियों में बढ़ते प्रदूषण जल प्रदूषण के बारे में।
नदियाँ हमारे लिए अति आवश्यक है,क्योकि नदियों से हमें जल प्राप्त होता है.जल के बिना हमारा जीवन संभव नहीं है आज के आधुनिक युग में जल की आपूर्ति के लिए घर-घर पाइप लाइन के द्वारा पानी पहुंचाने की व्यवस्था की जा चुकी है,लोगों को कहीं पानी लेने के लिए घर से बाहर जाने की जरूरत नहीं पड़ती है लेकिन यह पानी कहां से आता है हमें नदियों के द्वारा प्राप्त होता है जिन नदियों को हम दूषित किए जा रहे हैं.इन नदियों के प्रदूषण के बहुत से कारण है,आज हम जानेंगे नदियों में बढ़ता प्रदूषण के कारण एवं निदान
नदियों में बढ़ता प्रदूषण कारण एवं निवारण- नदियों में हम नहाते हैं, साबुन का उपयोग करते हैं,कपड़े भी धोते हैं इस कारण नदियों का प्रदूषण बहुत ही तेजी से बढ़ता जा रहा है.दोस्तों हमारे देश में जो बड़ी बड़ी नदी हैं जैसे कि गंगा यमुना ब्रह्मपुत्र सिंधु आदि नदी ये नदी भी प्रदूषित हो चुकी हैं इसके कई कारण हो सकते हैं जैसे कि गंगा ब्रह्मपुत्र नदी में लोग दूर-दूर से आते हैं पूजा पाठ करते हैं और पूजा की सामग्री अपनी श्रद्धा से उसी नदी में डाल देते हैं लेकिन वह यह नहीं सोचते कि इससे हमारी नदी प्रदूषित होती है.इस पर रोक लगाई जानी चाहिए तभी हम हमारी सबसे अनमोल नदियों को प्रदूषित होने से बचा सकेंगे।
इसके अलावा आज हम देखें तो हमारे इस आधुनिक युग में बहुत सी फैक्ट्रियां बन चुकी हैं जिनका प्रदूषित पानी नदियों में मिल जाता है जैसे कि कपड़ों की फैक्ट्रियों से आने वाले तरह-तरह के प्रदूषित पानी या कपड़े नदियों में मिलकर नदियों को प्रदूषित कर देते हैं जिससे पीने से हमें बहुत सारी बीमारियों का सामना करना पड़ता है.इसके अलावा हमारे देश में हो रहे साबुन का उद्योग आदि साबुन के उद्योगों से निकलने वाला प्रदूषक पानी से हमारे देश की नदियां प्रदूषित हो रही है.हमें इसे रोकना चाहिए.
दरअसल वह साबुन का पानी नदियों में मिलकर उसको प्रदूषित कर देता है नदियों में उपस्थित जलीय जीवो को मार डालता है पेड़ पौधों को भी खत्म कर देता है.मानते हैं कि नदियों में अपने आप को स्वच्छ रखने की क्षमता होती है लेकिन आज के युग में नदियों में प्रदूषण बहुत तेजी से बढ़ता जा रहा है इतनी तेजी से कि यमुना गंगा नदी भी अपने आप को स्वच्छ नहीं रख पाती।इनको रोकने के लिए हमें इस तरह के व्यापार को कम करने की जरुरत है.हम सभी को समझने की जरुरत है की हमारे लिए नदियों से बढकर कुछ नहीं होता क्योकि नदिया हमें जल देती है.
एक सर्वे के मुताबिक नदियो का जल 70% प्रदूषित हो चुका है आज हमारे देश में बहुत से लोग नदियों,तालाब में नहाने के लिए जाते हैं,कपड़े धोने के लिए जाते हैं वह तरह तरह की साबुन से नहाते हैं और तरह-तरह के कपड़े धोने के सोडा या सावन का उपयोग करते हैं जिससे वह हमारी नदियों में मिल जाता है और नदी प्रदूषित हो जाती है दोस्तों अगर हमें नदियों का प्रदूषित होने से रोकना है तो हमें बहुत सी बातें फॉलो करना पड़ेगी जैसे कि हमें एक देश का जिम्मेदार नागरिक बनना पड़ेगा.
हमको समझना होगा कि नदियां हमारे देश की शान हैं हमारे देश की जरूरत हैं हमारी सब कुछ है हम अगर इन को प्रदूषित करते रहेंगे तो हमारे आने वाले भविष्य का क्या होगा,हमको इस और सभी को जागरूक करने की जरूरत है इस और एक अभियान चलाने की जरूरत है तभी हम अपने देश के लिए कुछ कर सकते हैं देश को आगे बढ़ाने के लिए कुछ कर सकते हैं.हम सभी को कभी भी नहाने के लिए साबुन या कपडे धोने के सोडे का उपयोग इन पवित्र नदियों में नहीं करना चाहिए जिससे वोह प्रदूषित होने से बच सके.
नदियों में प्रदूषण के कारण नदियों में उपस्थित जीव जंतु मर जाते है,जिसके कारण जलीय जीवो की संख्या दिनादिन कम होती जा रही है,इसके आलावा नदियों के प्रदूषण के कारण हमारे समाज में बहुत सारी गंभीर बीमारिया भी हो रही है,हम इन बीमारियों के लिए दुसरो को जिम्मेदार समझते है लेकिन ये नहीं समझ पाते की ये सब हमारे कारण ही होता है,इन बीमारियों का सबसे बड़ा कारण नदियों के जल का प्रदूषित होना भी होता है,हम सभी को जल को प्रदूषित नहीं करना चाहिए और सोचना चाहिए की इससे हमारे देश का,हमारे परिवार का ही नुक्सान है.हम नदियों को प्रदूषित करके हमारी जेब के रूपये कम करते है
दरहसल जब बीमारी होती है तोह हमारे बहुत पैसे खर्च होते है.हम सभी को इस ओर सोचने की जरुरत है और नदियों को प्रदूषित नहीं करना चाहिए,इसी में हमारा भला है.इसके अलावा हमारी सरकार को भी इस ओर विशेष पहल करने की जरूरत है,कठोर नियम लागू करने की जरूरत है
तभी हमारे देश की नदियां प्रदूषित होने से बच सकेंगी.बहुत सारी नदियों से आने वाले पानी को जब हम पीते हैं तो हमें बहुत सारी बीमारियों का सामना करना पड़ता है अगर हमें इन बीमारियों से बचना है तो जल प्रदूषित को रोकने के लिए हमें एक पहल करने की जरूरत है.नदियों के प्रदूषण को रोकने के लिए सरकार के साथ हमको भी इस ओर ध्यान देना ही चाहिए क्योकि नदियों के जल के बगेर हमारा जीवन संभव नहीं है.
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