प्रकृति का संदेश पर कविता Prakriti ka sandesh poem in hindi

Prakriti ka sandesh poem in hindi

दोस्तों कैसे हैं आप सभी, दोस्तों आज हम आपके लिए लाएं हैं प्रकृति का संदेश पर लिखित सोहनलाल द्विवेदी जी की कविता आप इसे जरूर पढ़ें इस कविता में सोहन लाल जी ने प्रकृति का संदेश के बारे में कविता के माध्यम से हमें बताया है वास्तव में प्रकृति हम सभी को एक संदेश देना चाहते हैं

प्रकृति में उपस्थित पर्वत, पृथ्वी, समुद्र सभी हमें एक संदेश देना चाहते हैं वास्तव में हमको इस संदेश को समझना चाहिए और प्रकृति को किसी भी तरह का नुकसान नहीं पहुंचाना चाहिए. प्रकृति से सीख लेकर हमें दिनप्रतिदिन जीवन में आगे बढ़ना चाहिए चलिए पढ़ते हैं सोहनलाल द्विवेदी जी की इस बेहतरीन कविता को

Prakriti ka sandesh poem in hindi
Prakriti ka sandesh poem in hindi

पर्वत कहता शीश उठाकर

तुम भी ऊंचे बन जाओ

सागर कहता है लहराकर

मन में गहराई लाओ

 

समझ रहे हो क्या कहती है

उठ उठ गिर गिर तरल तरंग

भर लो भर लो अपने दिल में

मीठी मीठी मृदुल उमंग

 

पृथ्वी कहती धैर्य न छोड़ो

कितना ही हो सिर पर भार

नभ कहता है फैलो इतना

ढक लो तुम सारा संसार

दोस्तों हमें बताएं कि हमारे द्वारा लिखी सोहनलाल द्विवेदी जी की प्रकृति का संदेश पर कविता आपको कैसी लगी आप हमारा फेसबुक पेज लाइक करना ना भूले और अपने दोस्तों में हमारी इस कविता Prakriti ka sandesh poem in hindi को शेयर भी जरूर करें जिससे किसी भी नई पोस्ट का अपडेट आप पा सकें.

Add a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *