बागेश्वर धाम सरकार श्री धीरेंद्र शास्त्री जी की जीवनी Pandit Dhirendra Krishna Shastri Biography in Hindi

Pandit Dhirendra Krishna Shastri Biography in Hindi

दोस्तों नमस्कार आज हम आपके लिए लाए हैं एक प्रसिद्ध कथाकार एवं बागेश्वर धाम सरकार के चमत्कारी बाबा श्री धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री जी के बारे में

Pandit Dhirendra Krishna Shastri Biography in Hindi
Pandit Dhirendra Krishna Shastri Biography in Hindi

इनके बारे मैं – बागेश्वर धाम के बाबा श्री धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री जी आज के समय के युवाओं के प्रेरणा स्त्रोत और श्री हनुमान जी महाराज के अनन्य भक्त हैं उन पर श्री हनुमान जी की अनंत कृपा है। श्री धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री जी के चमत्कार वास्तव में हम सभी को ईश्वर के प्रति विश्वास जगाने के लिए प्रेरित करते हैं।

धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री जी मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले के गड़ा के निवासी हैं इनके चमत्कारों की वजह से आज ये हिंदुस्तान में ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में प्रसिद्ध हैं। आज के समय के वो सबसे बड़े महापुरुष और सबसे बड़े महात्मा है।

जन्म और परिवार – इनका जन्म मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले के गड़ा नामक ग्राम में 4 जुलाई 1996 को हुआ था अभी ये केवल 26 साल के हैं इनके पिता का नाम श्री राम कृपाल गर्ग है एवं माता का नाम श्रीमती सरोज गर्ग है इनके दो भाई और एक बहन हैं।

इनका बचपन और पढ़ाई – इनका बचपन बहुत ही गरीबी में बीता। ये ब्राह्मण है इसलिए भिक्षा मांगकर अपनी जीविका चलाते थे इन्होंने छतरपुर जिले के गड़ा नामक गांव से ही पढ़ाई की है, आठवीं क्लास के बाद पढ़ाई करने के लिए इन्हें 5 किलोमीटर दूर पैदल चलकर जाना पड़ता था इन्होंने 12वीं क्लास की पढ़ाई पूरी की उसके बाद इन्होंने बी.ए करने का विचार किया लेकिन इन्होंने b.a पूरा नहीं किया बीच में ही पढ़ाई छोड़ दी।

उन्होंने अपने जीवन में कई दुख देखे है, ये अपने परिवार वालों की जीविका चलाने के लिए सत्यनारायण भगवान की कथा सुनाने के लिए जाते थे उस समय इन्हें कथा सुनाने के बदले में केवल ₹5 मिलते थे जिससे उनका कुछ भी गुजारा नहीं हो पाता था।

₹5 में से ये ₹2 की चायपत्ती, दूध ले लिया करते थे और कभी कभी 1:15  रुपए का पारले जी बिस्कुट खरीद लिया करते थे। कभी-कभी इन्हें और उनके परिवार को भोजन नहीं मिल पाता था इस वजह से ही कभी कभी ये दस दिनों तक केवल parle-g खाकर अपनी जीविका चला पाते थे।

इनके घर की स्थिति ठीक नहीं थी। बरसात के दिनों में छत से पानी अंदर आ जाता था तीनो भाई बहनों को पलंग के नीचे सोकर अपनी रात गुजारनी पड़ती थी। यह बहुत ही गरीब थे जिस वजह से त्योहार भी ठीक तरह से नहीं मना पाते थे जब दिवाली का समय आता था तो ये लक्ष्मी पूजन के अगले दिन चारों ओर देखते थे कि कहीं ऐसा फटाका मिल जाए जो चल ना पाया हो जिसे वह चलाकर दिवाली मना लें।

ये अपनी बहन की शादी करना चाहते थे लेकिन उनके पास रुपए की कमी थी इन्होंने कई लोगों से ₹20000 मांगे लेकिन किसी ने भी इनकी मदद नही की लेकिन इनके बचपन के दोस्त जो कि मुस्लिम जाति के थे उन्होंने बिना सोचे समझे कि ये पैसे वापस लौटाएंगे या नहीं इन्हें रुपए दिए और इनकी मदद की।

इनके बचपन की एक घटना – बचपन में इनका जीवन काफी गरीबी में बीता। एक समय था इनके घर में टीवी नहीं थी इसलिए ये पड़ोस मैं टीवी देखने के लिए जाते थे। एक दिन चलती हुई टीवी इनके पड़ोसी ने इन्हें देखकर बंद कर दी लेकिन फिर भी ये जय सियाराम बोल कर अपने घर आ गए तब से धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री जी ने यह प्रण लिया कि मैं कभी भी टीवी नहीं देखूंगा, यदि टीवी देखूंगा तो अपनी खुद की खरीदी हुई देखूंगा।

कई बार वह बसों में गए, बसों में टीवी लगी हुई होती थी लोग टीवी देखते थे लेकिन ये केवल नीचे गर्दन किए बैठे रहते थे क्योंकि ये केवल अपनी खरीदी हुई टी वी ही देखना चाहते थे।

उन्होंने काफी कोशिश की और डेढ़ साल में टीवी घर पर लाकर रख दी। पहले के समय में मोहल्ला के ज्यादा घरों में टीवी नहीं हुआ करती थी जब धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री जी पहली बार टी वी लाए तो उनके पड़ोसी इनपर हंसे कि कैसे लोग हैं गरीबी में जीवन है फिर भी टीवी ले आए।

जब इनके घर पर वही पड़ोसी जिसने इन्हें देखते हुए टीवी बंद कर दिया था घर पर आए तब धीरेंद्र शास्त्री जी ने उन्हें मिठाई खिलाते हुए कहा कि यह टीवी आप ही की कृपा से ली है यदि आप उस दिन टीवी बंद नहीं करते तो कभी भी मैं टीवी नहीं ले पाता।

दोस्तों इनके इस प्रसंग से हमें सीखने को मिलता है कि यदि हम जीवन में कुछ पाना चाहते हैं तो हमें दृढ़ निश्चय लेना चाहिए यदि हम दिल से धीरेंद्र शास्त्री जी की तरह दृढ़ निश्चय लेते हैं तो हम अपनी हर इच्छा पूरी कर पाते हैं।

इन्हें सिद्धियां कैसे प्राप्त हुईं –  दरअसल धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री जी अपने दादाजी के साथ रामायण और श्री भागवत गीता का पाठ किया करते थे कुछ समय बाद ये 12 साल के हुए और धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री जी बालाजी सरकार के दरबार में साधना किया करते थे।

कहते हैं कि ये सिद्धि प्राप्ति के लिए कुछ समय तक अज्ञातवास में भी रहे और बालाजी महाराज की कृपा से इनकी साधना से प्रसन्न होकर इन्हें कई सिद्धियां प्राप्त हुई जिससे वह कई लोगों की समस्या का निवारण करते हैं, उनके कष्टों को दूर करते हैं, उनकी मन की भावनाओं को लिख देते हैं।

इनके कार्य – श्री धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री जी आज के समय में काफी विख्यात हैं आज महाराज जी भारत के कई शहरों में एवं विदेशों में भी अपनी भागवत गीता का ज्ञान देते हैं और लोगों की समस्याओं को दूर करते हैं।

वह लोगों की समस्याओं को लिख कर बता देते हैं और उनकी समस्याओं को दूर कर देते हैं। महाराज जी के बागेश्वर धाम में रोजाना भंडारा होता है यह भंडारा निरंतर चालू है इसके लिए महाराज जी पूरे देश एवं विदेशों में भी कथा सुनाते हैं और लोगों की समस्याओं को दूर करते हैं।

महाराज जी पर लगाए गए आरोप एवं उनका जवाब- कई लोग बागेश्वर धाम के श्री धीरेंद्र शास्त्री जी पर कई आरोप भी लगाते हैं वह कहते हैं कि यह बाबाजी पाखंडी हैं, यह केवल लोगों को छल रहे हैं, बेवकूफ बना रहे हैं और पैसा लूट रहे हैं।

ऐसा कहने वाले लोगों के लिए मेरा जवाब है की पहली बात तो श्री धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री जी लोगों की समस्या बताने एवं उनकी  समस्याओं के निवारण के बदले में कुछ भी पैसा नहीं लेते है तो पैसा लूटने का तो कोई सवाल ही नहीं है।

श्री धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री जी श्री भागवत गीता का ज्ञान एव प्रवचन देते हैं जिससे देश दुनिया के लोग जागे और अपने कर्तव्य को निभाएं और सही मार्ग पर चलें। अभी तक उन्होंने ऐसा कुछ नहीं कहा कि हमें ऐसा लगे कि वो लोगो को बेवकूफ बना रहे।

कुछ लोग कहते हैं कि वह पाखंडी हैं तो सबसे पहले तो हमें पाखंडी का मतलब समझना चाहिए। पाखंडी वह होता है जो भक्ति और उपासना केवल दिखावे के लिए करता है उसकी खुद से भक्ति उपासना में कोई श्रद्धा नहीं होती है।

अगर हम बागेश्वर धाम के बाबा जी श्री धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री जी की बात करें तो वो श्री भगवत गीता और प्रवचन सुनाते हैं।

उन्होंने अपने प्रवचन में यह भी कहा है कि तुम केवल ईश्वर पर आस्था रखो, भगवान श्रीराम पर आस्था रखो, उन पर विश्वास करो मुझपर विश्वास भलेही मत करो क्योंकि इंसान धोखा दे सकता है लेकिन कभी भी ईश्वर धोखा नहीं देता इसलिए तुम ईश्वर पर विश्वास रखो, उनके बताए हुए रास्तों पर चलो।

उन्होंने आगे कहा की मेरे बारे में तुम कुछ भी गलत कहो लेकिन ईश्वर के बारे में कुछ भी गलत मत कहो। उन्होंने अभी तक कोई भी ऐसी बात नहीं कही है जिससे कोई उन्हें पाखंडी कहें।

बागेश्वर धाम जी ने कहा था कि हम भी बुलडोजर खरीदेंगे और हम भी बुलडोजर चलवाएंगे दरअसल उन्होंने यह बयान तब दिया था जब श्री राम के भक्तों ने रैली निकाली थी और उस रैली में किन्ही लोगो ने पत्थर फेंके थे तब उन्होंने यह कहा था की श्री रामचंद्र जी हमारे बाप हैं, हमारे गुरु हैं यदि उनका कोई अपमान करेगा, उनके भक्तों पर यदि कोई पत्थर फेखेगा तो हम भी बुलडोजर खरीदेंगे चाहे वह हिंदू हो या मुस्लिम हो या इसाई हो हम कभी भी उसको नहीं बख्शेंगे। यदि सरकार हाथ खड़े कर देगी तो हम अपने धर्म की रक्षा के लिए आगे आएंगे।

दोस्तों कई सारे लोग श्री बागेश्वर धाम बाबा जी श्री धीरेंद्र शास्त्री जी को पाखंडी तो कहते हैं लेकिन कहते हैं जब भी कोई व्यक्ति अच्छा करता है तो लोग उसके बारे में बुरा भला जरूर कहते हैं लेकिन यदि कोई भी व्यक्ति उन्हें पाखंडी कहता है तो कहने से कुछ नहीं होगा पाखंडी उनको साबित करके दिखाइए।

सबसे बड़ी बात तो यह है कि जो भी व्यक्ति पाखंडी होता है आज के इस आधुनिक युग में ज्यादा दिनों तक उसका पाखंड नहीं चल सकता। यदि आप उनके बारे में इतना दम रखते हैं कि उन्हें पाखंडी कहें तो यह साबित कीजिए कि वह पाखंडी हैं। बिना सबूत के, बिना सोचे समझे यदि कोई किसी को भी पाखंडी कहता है या कुछ भी गलत कहता है तो सबसे बड़ा मूर्ख तो वही होता है।

वास्तव में श्री बागेश्वर धाम बाबा जी श्री धीरेंद्र शास्त्री जी श्री हनुमान जी के भगत हैं उन पर श्री हनुमानजी की विशेष कृपा है और कई सारी सिद्धियां उन्हें प्राप्त है जिससे वह लोगों का भला कर रहे हैं। वह अपने धाम पर मुफ्त में अन्नपूर्णा चलाते हैं जिससे धाम पर आने वाले लोग बिना भोजन किए नहीं जाते।

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