दादी जानकी की कहानी dadi janki biography in hindi

dadi janki biography in hindi

दोस्तों आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से दादी जानकी के जीवन के बारे में बताने जा रहे हैं . चलिए अब हम आगे बढ़ते हैं और दादी जानकी के जीवन के बारे में जानते हैं .

dadi janki biography in hindi
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जन्म स्थान – दादी जानकी का जन्म 1916 को हैदराबाद के सिंध प्रांत में हुआ था . दादी जानकी पूरे विश्व में एक अध्यात्मिक मां के नाम से जानी  जाती  हैं . उन्होंने देश , विदेशों तक आध्यात्मिकता का प्रचार प्रसार किया है . आज दादी जानकी को देश , विदेश के लोग जानते हैं . दादी जानकी को  मां की उपाधि भी प्राप्त है .

दादी जानकी अपने उद्देश्यों को सफल बनाने एवं दुनिया को एक अच्छे उपदेश देने के लिए दादी ने 140 देशों में अपनी मेहनत से अपने विचारों को लोगों तक पहुंचाए हैं . दादी के बारे में बात करें तो वह एक शांत स्वभाब  वाली महिला मानी जाती है . उनके भीतर सहनशक्ति बहुत अधिक है . वह कभी किसी मनुष्य , जानवर से घर्णा  नहीं करती हैं , ना ही किसी पर गुस्सा होती हैं .

आध्यात्मिक जीवन – दादी जानकी की उम्र जब 16 वर्ष की थी तभी से वह अपने उपदेशों को लोगों तक पहुंचाना  चाहती  थी . वह ईश्वर भक्ति में विश्वास रखती थी . उनका मानना था कि यदि कोई मनुष्य सत्य के रास्ते पर चले तो वह ईश्वर से अवश्य मिल सकता है . दादी जानकी का कहना था कि यदि कोई मनुष्य अपने क्रोध को बस में कर ले तो वह दुनिया की हर सफलता प्राप्त कर सकता है . जब दादी जानकी की उम्र 21 वर्ष की हुई तब दादी जानकी आप ओम मंडली से जुड़ गई थी .

वहीं से उनका आध्यात्मिक जीवन का सफर प्रारंभ हुआ था . इसके बाद वह अपने ज्ञान को निरंतर बढ़ाती चली गई और दुनिया को बदलने के सपने अपने साथ में लेकर चलने लगी थी . दादी जानकी शांत स्वभाव की महिला हैं . दादी जानकी ने  14 वर्ष तक गुप्त तपस्या भी की है . दादी जानकी नियमों से चलने वाली एक महिला हैं . दादी जानकी साफ-सफाई से लेकर खान पीन तक का ध्यान ठीक तरह से रखती हैं . वह निरंतर सुबह प्रातः काल में व्यायाम  भी करती हैं .

उनका कहना है कि सुबह के समय व्यायाम करने से हमें आत्म शक्ति प्राप्त होती है , हमारे शरीर को ऊर्जा प्राप्त होती है . जिस ऊर्जा से हम अपने जीवन को सफल बना सकते हैं . दादी जानकी ने ब्रम्हाकुमारी  संस्थान को बढ़ाया और आज ब्रम्हाकुमारी का संस्थान से 46,000 से अधिक बहने जुड़ चुकी हैं . यह सभी बहने दादी जानकी को मां मानती हैं और उनके बताए गए रास्तों पर चलती हैं . दादी जानकी ईश्वरीय संदेश को लोगों तक पहुंचाती है .

दादी जानकी सुबह 3:00 बजे उठ जाती हैं और 4:00 बजे तक स्नान करके भगवान के ध्यान में पूरी तरह से मग्न हो जाती हैं . दादी सुबह के समय नाश्ते में दलिया , फल एवं फ्रूट खाना पसंद करती हैं . वह तेल से बनी हुई चीजों का परहेज करती हैं . दादी जानकी की उम्र धीरे-धीरे बढ़ती गई लेकिन वह अध्यात्मिक संदेशों को लोगों तक पहुंचाती रही . आज दादी की उम्र 100 वर्ष से भी ऊपर है लेकिन फिर भी अध्यात्मिक संदेश लोगों तक पहुंचा रहे हैं .

बढ़ती हुई  उम्र में दादी जानकी ने 50000 किलोमीटर की यात्रा की है . दादी जानकी देश , विदेशों तक अध्यात्मिक संदेश पहुंचाने में सफल रही हैं . विदेशों में अध्यात्मिक संदेश पहुचाने  की शुरुआत सबसे पहले दादी जानकी ने लंदन से की थी . इसके बाद आज तक दादी जानकी के अध्यात्मिक संदेश 140 देशों तक पहुंच चुके  है . 140 देशों में दादी जानकी को सभी जानते हैं . दादी जानकी ने अपने उपदेशों से कई  लोगों का  जीवन बदल दिया है .

दादी जानकी के इस शांत स्वभाव एवं अपने आसपास स्वच्छता रखने , लोगों को स्वच्छता की ओर बढ़ाने के लिए भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने दादी  जानकी को स्वच्छ भारत मिशन का ब्रांड एंबेसडर बनाया है . आज दादी जानकी के माध्यम से 140 देशों में भारतीय संस्कृति का शंखनाद हुआ है , भारतीय संस्कृति विदेशों तक पहुंची है . भारत की जो संस्कृति है उसका विदेशों में पहुंचना इस बात का प्रमाणीकरण है कि हमारे भारत देश की संस्कृति सबसे महान है .

यह सब दादी जानकी के द्वारा ही संभव हो पाया है . दादी जानकी के उपदेशों को सभी ध्यानपूर्वक मन लगाकर सुनते हैं . दादी जानकी को उनके अच्छे काम एवं लोगों को अच्छे उपदेश देने के लिए राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय अवार्ड मिल चुके हैं . दादी जानकी ने अपना जीवन समाज सेवा में लगाया है जिसके लिए कई देशों ने दादी जानकी को पुरस्कार देकर सम्मानित किया है . दादी जानकी के जीवन पर एक फिल्म भी बनाई गई है . यह फिल्म लोगों को बहुत अच्छी लगी थी . इस फिल्म के माध्यम से लोगों के जीवन में एक बदलाव आया है .

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