मुंशी प्रेमचंद पर भाषण munshi premchand speech in hindi

munshi premchand speech in hindi

दोस्तों आज हम आपके लिए लाए हैं मुंशी प्रेमचंद जी पर हमारे द्वारा लिखित भाषण आप इस भाषण के जरिए अपनी अच्छी तैयारी कर सकते हो चलिए पढ़ते हैं आज के इस भाषण को।

munshi premchand speech in hindi
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image source- https://commons.wikimedia.org/wiki/File:Prem_chand.jpg

मेरे प्यारे साथियों नमस्कार मैं कमलेश कुशवाहा आप सभी का इस समारोह में दिल से स्वागत करता हूं मेरे दोस्तों आज हम एक ऐसे महान लेखक के बारे में जानने वाले हैं जिन्होंने अपनी रचनाओं के जरिए देश दुनिया में ख्याति पाई है वह आज भले ही जीवित नहीं है लेकिन उनका नाम आज भी जीवित है लोग उनकी रचनाएं पढ़ना पसंद करते हैं, उनकी रचनाओं से प्रेरणा लेते हैं वास्तव में उन्होंने अपने जीवन में बहुत कुछ प्राप्त किया ऐसे महान लेखक मुंशी प्रेमचंद जिनका जन्म वाराणसी के पास लमही नामक स्थान पर हुआ था इनका जन्म 31 जुलाई 1880 को मुंशी अजायब लाल जी के घर हुआ था।

मुंसी प्रेमचंद्र जी ने अपने बचपन में कई परेशानियों का सामना किया था जब ये छोटे थे तभी इनकी माता का देहांत हो गया था इसके अलावा उन्होंने बचपन से ही आर्थिक परेशानी का सामना किया था इन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा प्राप्त की लेकिन आगे की पढ़ाई के लिए उनके पास पैसे नहीं थे लेकिन किसी तरह मेहनत करके उन्होंने अपने आगे की पढ़ाई भी की. ये पढ़ाई में बहुत अच्छे थे कुछ ही समय बाद एक अध्यापक के तौर पर इनकी नौकरी लग गई लेकिन सन 1920 में महात्मा गांधी जी द्वारा चलाए गए असहयोग आंदोलन की वजह से उन्होंने अपनी नौकरी से इस्तीफा दे दिया और अब इस सबको छोड़कर अपनी लेखनी की ओर विशेष ध्यान देने लगे.

उन्होंने अंग्रेजी सरकार के विरोध में जनता को जागरूक करने के लिए भी लिखा था उन्होंने समाज में फैली कई बुराइयों के खिलाफ भी कई कविता, निबंध, कहानियां, उपन्यास आदि लिखे इन्होंने कई उपन्यास जैसे निर्मला, गोदान, गबन, कर्मभूमि आदि लिखे इसके अलावा उन्होंने कई नाटक जैसे कि प्रेम की वेदी, संग्राम आदि भी लिखें इनकी कहानियों में पंच परमेश्वर, बड़े भाई साहब आदि हैं वास्तव में मुंशी प्रेमचंद्र जी ने समाज का मार्गदर्शन किया है और अपनी रचनाओं के जरिए देश दुनिया में ख्याति पाई है।

आज बहुत सारे लोग धन कमाने के लिए अपना ज्यादातर समय लगाते हैं लेकिन धन किसी के साथ नहीं जाता. मुंशी प्रेमचंद्र जी ने जो देश दुनिया में ख्याति पाई है वह उनके मरने के बाद भी हमेशा रहेगी. मुंशी प्रेमचंद जी को लोग हमेशा याद करते रहेंगे. हम सभी को जीवन में ऐसा ही कुछ करना चाहिए अपने देश, समाज के लिए ऐसा ही कुछ करना चाहिए जिससे लोग हमें भूल ना पाए तभी वास्तव में हमारा जीवन सफल हो सकता है इसी आशा और विश्वास के साथ कि हम सभी इन्हीं की तरह कुछ अच्छा करेंगे आप सभी को मेरा धन्यवाद जय हिंद जय भारत।

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