मुंशी प्रेमचंद के अनमोल वचन munshi premchand quotes in hindi

Munshi premchand quotes in hindi

दोस्तों कैसे हैं आप सभी, दोस्तों आज हम आपके लिए लाएं हैं एक महान लेखक मुंशी प्रेमचंद्र जी के कुछ अनमोल विचार. मुंशी प्रेमचंद्र जी का जन्म 31 जुलाई सन 1880 को हुआ था उन्होंने बचपन में काफी आर्थिक तंगी का सामना किया था आगे चलकर यह एक अध्यापक भी बने और फिर इन्होंने लेखक के तौर पर कई उपन्यास, निबंध, कहानी, कविताएं आदि लिखना प्रारंभ कर दिया इनकी कहानी, निबंध, उपन्यास काफी प्रसिद्ध है चलिए पढ़ते हैं इस महान लेखक के कुछ अनमोल वचनों को

munshi premchand quotes in hindi
munshi premchand quotes in hindi

image source- https://commons.wikimedia.org/wiki/File:Prem_chand.jpg

  1. जिस प्रकार नेत्रहीन व्यक्ति के लिए दर्पण बेकार है उसी प्रकार बुद्धिहीन के लिए विद्या भी बेकार है
  2. क्रोध में मनुष्य अपने मन की बात नहीं कहता वह सिर्फ दूसरों का दिल दुखाना चाहता है
  3. बल की शिकायतें सब सुनते हैं लेकिन निर्बल की फरियाद कोई नहीं सुनता
  4. संसार के सारे नाते प्रेम के नाते हैं जहां प्रेम नहीं वहां कुछ नहीं है
  5. अच्छे कामों की सिद्धि में बहुत देर लगती है पर बुरे कामों की सिद्धि में यह बात नहीं
  6. नमस्कार करने वाला इंसान विनम्रता को ग्रहण करता है और समाज में सभी के प्रेम का पात्र बन जाता है
  7. चोर सिर्फ धन से ही नहीं बचना चाहता है वह अपमान से भी बचना चाहता है वह दंड से उतना नहीं डरता जितना कि अपमान से डरता है
  8. दुनिया में विपत्ति से बढ़कर अनुभव सिखाने वाला कोई भी स्कूल आज तक नहीं खुला है
  9. यश त्याग से मिलता है धोखाधड़ी से नहीं मिलता
  10. डरपोक प्राणियों में सत्य भी गूंगा हो जाता है
  11. आत्मसम्मान की रक्षा हमारा सबसे पहला धर्म है
  12. जीवन का वास्तविक सुख दूसरों को सुख देने में हैं उनका सुख लूटने में नहीं है
  13. दौलत से मनुष्य को जो सम्मान मिलता है वह उसका नहीं उसकी दौलत का सम्मान है
  14. मनुष्य का सबसे बड़ा दुश्मन गुरूर है
  15. स्त्री गालियां सह लेती हैं वह मार भी सह लेती हैं लेकिन मायके की निंदा उनसे सही नहीं जाती

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