मोहन राकेश का जीवन परिचय Mohan rakesh biography in hindi language
Mohan rakesh biography in hindi language
Mohan rakesh – दोस्तों आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से भारत देश के महान साहित्यकार , रचनाकार एवं उपन्यासकार मोहन राकेश के जीवन परिचय के बारे में बताने जा रहे हैं । चलिए अब हम आगे बढ़ते हैं और भारत के महान साहित्यकार मोहन राकेश के जीवन परिचय के बारे में जानते हैं ।
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मोहन राकेश के जन्म स्थान व् परिवार के बारे में – मोहन राकेश का जन्म 8 जनवरी 1925 को पंजाब राज्य के अमृतसर में हुआ था । मोहन राकेश जी बचपन से ही अच्छी शिक्षा प्राप्त करते रहे हैं । मोहन राकेश का जन्म संपन्न परिवार में हुआ था । मोहन राकेश के पिता वकील थे और मोहन राकेश के पिताजी को साहित्य और संगीत से बहुत प्रेम था । मोहन राकेश अपने पिता से अक्सर साहित्य और संगीत की कला के चर्चे सुनते रहते थे और वह भी संगीत से प्रेम करने लगे थे । मोहन राकेश ने अपने प्रारंभिक जीवन से लेकर अपने पूरे कैरियर में मेहनत के साथ काम किया और अपने जीवन को सफल बनाया है ।
मोहन राकेश आज हिंदी साहित्य के नाट्य लेखक के रूप में अपनी पहचान बना चुके हैं । मोहन राकेश ने जन्म से लेकर मृत्यु के बीच के जीवन को बड़ी कठिनाइयों से जीते हुए सफलता की ओर अपने कदम बढ़ाए थे । आज मोहन राकेश की सफलता के चर्चे पूरी दुनिया में होते हैं क्योंकि मोहन राकेश के द्वारा कई हिंदी नाट्य लेख लिखे गए हैं ।जिस लेख को पढ़ने के बाद हम अपने जीवन में आनंद की अनुभूति प्राप्त करते हैं । मोहन राकेश एक सफल रचनाकार के रूप में अपनी पहचान बना चुके हैं ।
आज मोहन राकेश के द्वारा लिखे गए लेखों की किताबें कई लोग पढ़ते हैं और अपने जीवन में आनंद प्राप्त करते हैं ।मोहन राकेश का एक लड़का भी है जिसका नाम सहालिन राकेश है । मोहन राकेश जी अपने जीवन के कुछ वर्षों तक सारिका के संपादक के तौर पर भी कार्यरत रहे थे ।जहां पर उन्होंने अपने ज्ञान से सारिका के विकास के लिए कार्य किए थे । मोहन राकेश हिंदी साहित्य के वह बहुमुखी प्रतिभा शाली व्यक्ति थे जिन्होंने नाटय लेखक उपन्यासकार के रूप में लेख लिखकर अपने कैरियर को सफल बनाया है ।
मोहन राकेश की प्रारंभिक शिक्षा के बारे में – मोहन राकेश जी ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा अपने माता पिता से प्राप्त की थी । मोहन राकेश के माता पिता मोहन राकेश को अक्सर साहित्य और संगीत के बारे में ज्ञान देते रहते थे ।इसलिए मोहन राकेश की रुचि बचपन से ही साहित्य संगीत की ओर दिखाई देती थी । अपनी प्रारंभिक शिक्षा पूरी करने के बाद मोहन राकेश शिक्षा प्राप्त करने के लिए पंजाब विश्वविद्यालय में चले गए और वहां से उन्होंने आगे की पढ़ाई पूरी की थी । जब मोहन राकेश शिक्षा प्राप्त करते थे तब उनके अंदर देशभक्ति और युवाओं के प्रति सम्मान दिखाई देता था ।
वह अक्सर युवा पीढ़ी को एकत्रित करके भलाई के कार्य करते रहते थे । इसके बाद मोहन राकेश जी संस्कृत सब्जेक्ट से m.a. की पढ़ाई प्रारंभ करने के लिए ओरियंटल कॉलेज लाहौर चले गए थे और वहां से मोहन राकेश जी ने हिंदी , इंग्लिश , संस्कृत तीनों विषय से m.a. की पढ़ाई पूरी की थी । मोहन राकेश जी का स्कूल में असली नाम मदन मोहन गुगलानी था ।परंतु मोहन राकेश की माता पिता इनको मोहन राकेश जी कहकर बुलाते थे इसलिए इनको सभी मोहन राकेश के नाम से जानते हैं ।
मोहन राकेश के द्वारा लिखी गई रचनाएं , उपन्यास और नाटक के बारे में – मोहन राकेश हिंदी साहित्य के महान लेखक के रूप में अपनी पहचान बना चुके हैं । आज हम उनकी जितनी प्रशंसा करें उतनी कम है । उनके लेख को पढ़कर कई लोग अपने जीवन में आनंद प्राप्त करते हैं ।आज हम जब उनके द्वारा लिखे गए नाटक , उपन्यास पढ़ते हैं तब हमें हमारे जीवन में सफल होने के रास्ते प्राप्त होते हैं क्योंकि मोहन राकेश जब भी कोई लेख लिखते थे , कोई नाटक लिखते थे तब वह उस नाटक में मनुष्य के जीवन में घटने वाली घटनाओं को विस्तृत रूप में बताते थे । इसीलिए मोहन राकेश हिंदी साहित्य के बेहतरीन लेखक के रूप में पहचाने जाते हैं ।
मोहन राकेश जी के द्वारा लिखा गया नाटक आर डेली ब्रेड एवं आषाढ़ का 1 दिन यह नाटक सबसे प्रसिद्ध नाटक है और भी कई नाटक मोहन राकेश के द्वारा लिखे गए हैं जिन नाटकों को पढ़ने के बाद हमें आनंद प्राप्त होता है । इसके बाद उनकी प्रमुख रचनाएं इस प्रकार से हैं । आधे अधूरे एवं लहरों के राजहंस आदि उनकी प्रमुख रचनाएं हैं । जो रचनाएं काफी लोगों ने पड़ी हैं और इन रचनाओं को पढ़ने के बाद अपने जीवन में आनंद प्राप्त किया है ।
मोहन राकेश जी हिंदुस्तान में हिंदी नाटक लेख में भारत के जाने-माने हिंदी साहित्य के महान कवि भारतेंदु और प्रसाद के बाद यदि कोई हिंदी साहित्य का सबसे अच्छा लेखक है तो वह लेख लेखक मोहन राकेश जी हैं ।
मोहन राकेश जी के निधन के बारे में – मोहन राकेश जी बहुत ही धनी व्यक्ति थे । वह कभी भी अपने आप पर घमंड नहीं किया करते थे । ऐसे महान हिंदी साहित्य के लेखक मोहन राकेश का निधन 3 जनवरी 1972 को भारत की राजधानी दिल्ली मे हुआ था । आज मोहन राकेश जी को सभी जानते हैं । जब भी कोई व्यक्ति मोहन राकेश जी के द्वारा लिखे गए लेख को पढ़ता है तो वह अपने जीवन में आनंद ही आनंद प्राप्त करता है ।
मोहन राकेश जी के निधन के बाद भारत में एक हिंदी साहित्य के लेखक की कमी अक्सर महसूस होती रहेगी क्योंकि वह जो भी लेख लिखते थे सच्चाई के ऊपर लेख लिखते थे ।वह भारत देश की युवा पीढ़ी को आगे बढ़ाने के लिए लेख लिखते थे ।
राकेश जी को मिले पुरस्कार के बारे में – मोहन राकेश जी को संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया है । यह पुरस्कार उनको उनके द्वारा लिखे गए अच्छे लेखों के लिए दिए गए हैं क्योंकि मोहन राकेश यह पुरस्कार पाने के हकदार थे ।
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