मेरी कक्षा पर निबंध Meri kaksha essay in hindi

Meri kaksha essay in hindi

दोस्तों कैसे हैं आप सभी,आज हमने हमारी स्कूल की कक्षा पर निबंध लिखा है यह आपके लिए बहुत ही हेल्पफुल होगा चलिए पढ़ते है हमारे आज के निबंध को

Meri kaksha essay in hindi
Meri kaksha essay in hindi

विद्यार्थी के लिए स्कूल की कक्षा बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है कक्षा में विद्यार्थी पढ़ाई करता है और ज्ञान प्राप्त करता है.स्कूल में कई सारी कक्षाएं होती हैं जैसे-जैसे हमारी उम्र होती जाती है हम आगे की कक्षाओं में पढ़ने लगते हैं.एक विद्यार्थी के लिए कक्षा मंदिर से कम नहीं होती जिसमें विद्यार्थी ज्ञान प्राप्त करता है और अपने जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए परिश्रम करना सीखता है.कक्षा में छात्रों के अध्यापक उन्हें ज्ञानवान बनाने के लिए बहुत प्रयास करते हैं.कक्षा में गरीब अमीर सभी तरह के विद्यार्थी उपस्थित होते हैं उनमें कोई भेदभाव नहीं होता.

कक्षा में व्यवस्थाएं

अलग-अलग स्कूलों की कक्षाओं में अलग अलग शिक्षक होते हैं स्कूल की कक्षाओं में कुर्सियां लगी होती है यह कुर्सियां एक पंक्ति में होती हैं.विद्यार्थी लाइन से टेबल कुर्सी पर बैठे रहते हैं लेकिन कुछ कक्षाओं का दृश्य अलग ही होता है कक्षाओं में वह एक फट्ठी पर एक पंक्ति में बैठे हुए होते हैं और ज्ञान प्राप्त करते हैं.पहले की कक्षाओं में और आज की कक्षाओं में यही अंतर है.

पहले कक्षाओं में नीचे जमीन पर बैठना या जमीन पर फ़ट्टी पर बैठना और ज्ञान प्राप्त करना ही अच्छा माना जाता था लेकिन बदलते जमाने में टेबल कुर्सियों पर बैठकर छात्र अपनी कक्षा में पढ़ाई करते हैं वास्तव में कक्षा की व्यवस्थाएं अलग अलग हो सकती है बच्चों की कक्षाओं में कक्षा के सामने एक काला या सफेद कलर का वोट लगा होता है जिस पर अध्यापक बच्चों को ज्ञान देते है उन्हें पढाने में मदद मिलती है.

बच्चों को भी इससे समझने में मदद मिलती है कक्षा में हमेशा एक अध्यापक नहीं होता समय-समय पर अध्यापक बदलते रहते हैं यानी अगर विद्यार्थी सुबह 7:00 बजे स्कूल जाते हैं तो 7:00 से 8:00 बजे तक एक अलग शिक्षक होते हैं इसके बाद 8:00 से 9:00 बजे तक एक अलग सब्जेक्ट के शिक्षक होते हैं इस तरह से दोपहर 11 से 12 बजे तक अलग-अलग शिक्षक विद्यार्थियों को अलग-अलग विषय की शिक्षा प्रदान करते हैं जिससे विद्यार्थियों को शिक्षा लेने में भी सरलता महसूस होती है और उन्हें बोरिंग भी महसूस नहीं होती.लगभग 9 या 10 बजे एक रेस्ट दिया जाता है जिसमें विद्यार्थी बाहर निकलकर खेल सकते हैं और मनोरंजन कर सकते हैं.

खेलकूद की व्यवस्था

कक्षाओं के बहार बच्चों के खेलकूद की व्यवस्था होती हैं पेड़-पौधे,झूले, तरह-तरह के खिलौनो से बच्चे अपना मनोरंजन करते है इसके अलावा भी कई और खेल खेलते हैं.कक्षाओं के बहार छुपा छुपी, दौड़ा दौड़ा जैसे कई गेम खेलते हैं इस समय में बच्चे हंसते गाते हैं उन्हें बहुत ही अच्छा लगता है क्योंकि दो-तीन घंटे पढ़ाई करने के बाद वह बोर से हो जाते हैं और खेलकूद की वजह से उनके शरीर में तंदुरुस्ती सी आ जाती है कुछ समय बाद रेस्ट खत्म होने के बाद बच्चे वापस अपनी कक्षा में चले जाते हैं.

रेस्ट के बाद

रेस्ट के बाद बच्चे अपनी अपनी कक्षाओं में जाते हैं अपनी कक्षा में वह उसी तरह अपनी-अपनी जगह बैठ जाते हैं और फिर पढ़ाई का कार्यक्रम शुरू हो जाता है. नए-नए शिक्षक आते जाते हैं बच्चों को नया नया पाठ का ज्ञान कराते जाते हैं बच्चों को भी इसमें बेहद खुशी मिलती है.अध्यापक भी बच्चों को पढ़ाने में बहुत ही खुशी का अनुभव करते हैं लेकिन कुछ बच्चे कक्षा में अपने गुरुजनों के द्वारा दी जाने वाले विषय की तैयारी करके नहीं आते हैं उन्हें कक्षा में डर महसूस होता है क्योंकि उन्हें लगता है कि ऐसा ना हो कि अध्यापक हमें डाटे.

बच्चो को डर लगता है और जैसे ही छुट्टी होने वाली होती है और कक्षा में पढ़ाई पूरी होने वाली होती है तो बच्चों के चेहरे पर मुस्कान आने लगती है उन्हें ऐसा लगता है कि वह किसी जगह से आजाद होने वाले हैं लेकिन कुछ बच्चों के साथ कुछ अलग भी होता है कुछ बच्चे अपनी कक्षा से बाहर जाना अच्छा नहीं समझते क्योंकि कक्षा में उनके और भी दोस्त होते हैं वह दोस्त कुछ समय के लिए उनसे बिछड़ जाते हैं उनके साथ खेल नहीं पाते इसलिए उन्हें अच्छा नहीं लगता लेकिन जैसे ही 11 या 12 बजते हैं बच्चे अपने स्कूल की कक्षा से चले जाते हैं छोटे बच्चों के मां बाप उन्हें स्कूल में लेने के लिए आते हैं और उनके साथ घर चले जाते हैं.

कक्षाओं का महत्व

स्कूल की कक्षाओं का हमारे जीवन में बहुत ही महत्वपूर्ण योगदान है विद्यार्थी कक्षा में ज्ञान प्राप्त करते हैं उन्हें अलग-अलग विषय की जानकारी अलग-अलग शिक्षक प्रदान करते हैं और वह ज्ञान प्राप्त करके जीवन में आगे बढ़ते जाते हैं वास्तव में कक्षा का विद्यार्थी के जीवन में बहुत ही महत्वपूर्ण योगदान है. कहते हैं शिक्षा के बगैर मनुष्य पशु के समान होता है कक्षा में ही छात्र पढ़ाई करते करते बड़े होते हैं उन्हें संस्कार, ज्ञान विज्ञान इन सभी का ज्ञान कक्षा आता है. गुरु स्कूल की कक्षा में ही उन्हें यह ज्ञान प्रदान करते हैं वास्तव में हर एक विद्यार्थी के जीवन में यह काल सबसे महत्वपूर्ण काल होता है

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