कुंजरानी देवी बायोग्राफी Kunjarani devi biography in hindi

Kunjarani devi biography in hindi

Kunjarani devi – दोस्तों आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से कुंजरानी देवी के जीवन परिचय के बारे में बताने जा रहे हैं । चलिए अब हम आगे बढ़ते हैं और कुंजरानी देवी के जीवन परिचय के बारे में गहराई से पढ़ते हैं ।

Kunjarani devi biography in hindi
Kunjarani devi biography in hindi

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कुंजरानी देवी के जन्म के बारे में About the birth of Kunjarani Devi- कुंजरानी देवी का जन्म भारत के इम्फाल के मणिपुर में 1 मार्च 1968 को हुआ था । कुंजरानी देवी भारतीय वेटफिल्टर खिलाड़ी हैं । जिन्होंने अपनी मेहनत और लगन से कई स्वर्ण एवं रजत पदक भारत को दिलाए हैं । कुंजरानी देवी ने खेलों में अपने कैरियर की शुरुआत करने के बाद कभी भी पीछे मुड़कर नहीं देखा । कुंजरानी देवी ने अपनी मेहनत से भारत देश का नाम रोशन किया है । कुंजरानी देवी ने अंतरराष्ट्रीय भारोत्तोलन चैंपियनशिप में अपने खेल के माध्यम से चैंपियनशिप को जीतकर भारत का नाम रोशन किया है ।

कुंजरानी देवी एक ऐसी भारतीय पहली महिला थी जिन्होंने भारोत्तोलन खेल में महिला की ओर से विश्व चैंपियनशिप में हिस्सा लिया था और उस चैंपियनशिप को जीतकर भारत देश का नाम रोशन किया था । हम उनकी जितनी प्रशंसा करें उतनी कम है क्योंकि उन्होंने अपने खेलों के माध्यम से पूरे विश्व में भारत के नाम का डंका बजाया है । कुंजारानी देवी एक ऐसी महिला खिलाड़ी हैं जिसने पूरे विश्व में स्वर्ण एवं रजत पदक जीतकर सफलता प्राप्त की है ।

कुंजरानी देवी की प्रारंभिक शिक्षा Early education of Kunjarani Devi- कुंजरानी देवी ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा इंफाल के सिंदम सिंशांग में स्थित स्कूल रेजिडेंट्स स्कूल में पढ़ाई करती थी । वहीं से उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त की थी । कुंजरानी देवी अपनी पढ़ाई को पूरी मेहनत से करती थी । इसलिए स्कूल में फर्स्ट रैंक प्राप्त कर के पास होती थी । उनके स्कूल के टीचर उनकी बड़ी प्रशंसा करते थे । उनके स्कूल के टीचर का यह मानना था कि जब कुंजरानी देवी पढ़ाई करती थी तब अपना पूरा ध्यान पढ़ाई पर ही रहता था ।

इसलिए वह क्लास में फर्स्ट रैंक से पास होती थी । कुंजरानी देवी के स्कूल के टीचर यह कहते थे कि जब कुंजरानी देवी पढ़ाई करती थी तब ऐसा लगता था कि कुंजारानी देवी का पूरा ध्यान सिर्फ पढ़ाई पर ही हो । अपने मित्रों के साथ वह खेलने के लिए प्ले ग्राउंड मैदान पर भी जाती थी । जहां पर वह कई सारे खेल खेलती थी । कुंजरानी देवी को खेल के मैदान में बहुत ही आनंद आता था ।

इसीलिए स्कूल के उनके मित्र एवं टीचर यह कहते थे कि यह लड़की आगे चलकर भविष्य में बहुत सफल महिला के रूप में पहचानी जाएगी । इस तरह से कुंजरानी देवी ने अपनी प्रारंभिक पढ़ाई पूरी की थी । अपनी प्रारंभिक पढ़ाई पूरी करने के बाद कुंजरानी देवी अपनी आगे की पढ़ाई करने के लिए , ग्रेजुएशन करने के लिए महाराजा बोध चंद्र कॉलज में पढ़ाई करने के लिए चली गई थी और वहीं से उन्होंने अपने आगे की पढ़ाई की थी ।

जब भी कॉलेज में खेल प्रतियोगिता आयोजित की जाती थी तब कुंजरानी देवी उस खेल प्रतियोगिता में भाग लेती थी और उस प्रतियोगिता में वह अपनी मेहनत और लगन से अपने स्कूल की टीम को जीत दिलाती थी । वहीं से उनके अंदर खेलों के प्रति इच्छा जागृत हुई और वह अपने कैरियर को और भी आगे बढ़ाना चाहती थी । कुंजरानी देवी खेलों में रुचि लेने लगी थी । कुंजरानी देवी ने महाराजा बोध चंद्र कॉलेज से अपना ग्रेजुएशन पूरा कर लिया था ।

कुंजरानी देवी के जीवन का इतिहास kunjarani devi life history – कुंजरानी देवी भारत की एक ऐसी महान महिला खिलाड़ी हैं जिन्होंने अपने खेल से भारत को कई स्वर्ण एवं रजत पदक दिलाए हैं । कुंजरानी देवी का इतिहास काफी दिलचस्प रहा है । उन्होंने बचपन से ही खेलों में रुचि ली है । कुंजरानी देवी खेल की दुनिया में उपलब्धि प्राप्त करना चाहती थी । इसलिए कुंजरानी देवी जब स्कूल में पढ़ाई कर रही थी तब खेलों में रुचि लेने लगी थी । खेलों के माध्यम से कुंजरानी देवी को आनंद प्राप्त होता था ।

इसलिए कुंजरानी देवी को जब भी समय मिलता था कुंजरानी देवी खेल के मैदान में चली जाती थी और वहां पर खेलना सीखती थी । अपने शुरुआती जीवन में कुंजरानी देवी खेलो में अपना कैरियर  बनाना चाहती थी ।इसीलिए कुंजरानी देवी पढ़ाई करते समय खेलों में भाग लेती थी । जब कुंजरानी देवी प्रतियोगिता में जीत हासिल करती थी तब कुंजरानी देवी को बहुत खुशी होती थी , आनंद की अनुभूति होती थी और उनका हौसला बढ़ता था ।

कुंजरानी देवी अंतरराष्ट्रीय खेलों में भारत की ओर से खेलना चाहती थी । कुंजरानी देवी ने अपना सबसे बड़ा सपना अंतरराष्ट्रीय खेलों में खेलकर भारत को स्वर्ण एवं रजत पदक जिताने का था और उन्होंने अपने इस सपने को अपनी मेहनत और लगन से पूरा करके दिखाया है ।कुंजरानी देवी ने अपने खेलों के माध्यम से अंतर्राष्ट्रीय खेलों में भारत को जीत दिलाकर स्वर्ण , रजत एवं कांस्य पदक दिलाए हैं । कुंजरानी देवी भारोत्तोलन की सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी के रूप में पहचानी जाती हैं ।

कुंजरानी देवी एक महिला होकर कुंजरानी देवी ने अंतरराष्ट्रीय चैंपियनशिप में भारोत्तोलन खेल में भारत को जीत दिलाई है । कुंजरानी देवी ने जब भी किसी चैंपियनशिप में हिस्सा लिया है उन्होंने उस चैंपियनशिप को अपनी मेहनत से जीता है ।उनकी मेहनत और लगन को देखते हुए कुंजरानी देवी को अंतरराष्ट्रीय खेलों में जाने का मौका दिया और उन्होंने उस मौके को अपने हाथों से जाने नहीं दिया था पूरी मेहनत और लगन से अंतरराष्ट्रीय चैंपियनशिप में खेली और उसमें जीत हासिल की थी ।

कुंजरानी देवी ने खेलों के माध्यम से जीते कई अवार्ड Kunjarani Devi won many awards through sports- भारोत्तोलन भारतीय महिला खिलाड़ी कुंजरानी देवी ने अपनी मेहनत और लगन से कई अवार्ड अपने नाम किए हैं । कुंजरानी देवी महिला भारतीय भारोत्तोलन की पहली महिला खिलाड़ी थी जिसमें अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में हिस्सा लेकर भारत को स्वर्ण एवं रजत पदक दिलाया था ।इसीलिए कुंजरानी देवी को उनके बेहतर खेल के लिए कई अवार्ड देकर सम्मानित किया गया है । कुंजरानी देवी को मिले अवार्ड । कुंजरानी देवी को उनकी मेहनत और लगन के लिए 1956 को पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था ।

जब 1956 को कुंजरानी देवी को पद्म भूषण अवार्ड मिला तब उनकी खुशी का ठिकाना ही नहीं था । कुंजरानी देवी अंदर से बहुत खुश थी । कुंजरानी देवी ने यह पद्म भूषण अवार्ड अपनी मेहनत और लगन से प्राप्त किया था । इसके बाद कुंजरानी देवी को उनकी मेहनत और लगन और छोटी उम्र में खेलों के प्रति उनकी जागरूकता और लगन को देखते हुए कुंजरानी देवी को अंतरराष्ट्रीय खेलों में खेलने का मौका दिया गया और उन्होंने उस मौके का फायदा उठाया और उसमें जीत हासिल की जिसके लिए 1990 को कुंजरानी देवी को अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया था ।

यह पुरस्कार जब कुंजरानी देवी को प्राप्त हुआ तब उन्हें बहुत खुशी हुई थी । ईसके बाद 1995 में भारतीय सरकार एवं भारतीय कानून की तरफ से कुंजरानी देवी को राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया था । क्योंकि कुंजरानी देवी ने भारोत्तोलन खेल में कई स्वर्ण एवं रजत पदक प्राप्त किए हैं । इसके बाद 1996 को कुंजरानी देवी को उनके बेहतर खेलों के लिए , उनकी सफलता के लिए और देश का नाम रोशन करने के लिए कुंजरानी देवी को के.के बिरला खेल अवार्ड दिया गया था ।

कुंजरानी देवी ने के.के बिरला  अवार्ड लेकर खुशी जाहिर की थी । कुंजरानी देवी ने कड़ी परिश्रम और मेहनत करके यह अवार्ड प्राप्त किए हैं । कुंजरानी देवी की जितनी प्रशंसा की जाए उतनी कम है ।एक महिला होकर कुंजरानी देवी ने अपनी मेहनत से अंतरराष्ट्रीय खेलों में सफलता प्राप्त की है और भारत को स्वर्ण , कांस्य , रजत पदक दिलाकर भारत का गौरव बढ़ाया है । सभी भारतीयों को ऐसे खिलाड़ी पर अवश्य गर्व करना चाहिए क्योंकि खिलाड़ी खेल के मैदान में बहुत मेहनत करता है ।

वह सिर्फ अपने लिए ही नहीं खेलता है बल्कि पूरे देश के मान सम्मान के लिए खेलता है ।

कुंजरानी देवी के ओलंपिक खेल kunjarani devi olympics – कुंजरानी देवी ने सन् 1985 से भारतीय महिला भारोत्तोलन खिलाड़ी के रूप में अपने कैरियर की शुरुआत की थी । इसके बाद कुंजरानी देवी ने कभी भी पीछे मुड़कर नहीं देखा ।  कुंजरानी देवी निरंतर भारोत्तोलन खेल में आगे बढ़ती चली गई थी । सबसे पहले कुंजरानी देवी को राष्ट्रीय भारोत्तोलन चैंपियनशिप में खेलने का मौका प्राप्त हुआ । कुंजरानी देवी ने कई पदक भारत को दिलाए थे । इसके बाद कुंजरानी देवी और भी मेहनत करने लगी थी , सीखने लगी थी ।

क्योंकि कुंजरानी देवी भारोत्तोलन खेल में प्रसिद्धि हासिल करना चाहती थी ।कुंजरानी देवी की मेहनत और लगन को देखते हुए उनको 1987 में भारोत्तोलन खेल में महिला खिलाड़ी के रूप में मौका मिला और कुंजरानी देवी ने उस मौके को अपने हाथों से नहीं जाने दिया । 1987 में भारोत्तोलन खेल मे कुंजरानी देवी ने दो नए राष्ट्रीय रिकॉर्ड भी बनाए थे । राष्ट्रीय खेलों में उनकी रुचि और लगन को देखते हुए भारत की ओर से कुंजरानी देवी का चयन 1989 को अंतरराष्ट्रीय चैंपियनशिप में हुआ था ।

कुंजरानी देवी को भारतीय महिला खिलाड़ी की ओर से भारोत्तोलन खेल को खेलने के लिए भेजा गया था । मैनचेस्टर में कुंजरानी देवी ने अपने खेल से , अपनी मेहनत से जीत हासिल की और भारत को विश्व चैंपियन बना दिया था । 1989 में  कुंजरानी देवी शंघाई में  एक टूर्नामेंट खेलने के लिए गई थी । वहां पर भी कुंजरानी देवी ने एक रजत और दो कांस्य पदक हासिल किए थे । जिसके लिए कुंजरानी देवी को कई अवार्ड मिले थे ।

कुंजरानी देवी भारत की पहली भारोत्तोलन खेल की पहली महिला थी जिसने  कई पदक अपने नाम किए थे । कुंजरानी देवी निरंतर भारोत्तोलन खेल में अपने आपको मजबूत करती गई थी । कुंजरानी देवी की मेहनत और लगन को देखते हुए 1990 में फिर से उनको बीजिंग में होने वाले खेल में हिस्सा लेने के लिए बुलाया गया और उनका चयन किया गया था । कुंजरानी देवी बीजिंग चली गई और वहां से कुंजरानी देवी ने खेल के माध्यम से भारत को कई पदक दिलाए थे । कुंजरानी देवी 1991 में इंडोनेशिया के खेल टूर्नामेंट में भारतीय भारोत्तोलन खिलाड़ी के रूप में खेलने के लिए गई थी ।

वहां पर कुंजरानी देवी ने अपने खेल के माध्यम से तीन रजत पदक हासिल किए थे । इसके बाद कुंजरानी देवी 1992 को थाईलैंड में अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट खेलने के लिए गई थी ।  थाईलैंड टूर्नामेंट में  भी कुंजरानी देवी ने जीत हासिल की थी । इसके बाद कुंजरानी देवी को 1993 में चीन में एक अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट खेलने के लिए भेजा गया था । चीन में भी कुंजरानी देवी ने जीत हासिल की थी । कुंजरानी देवी एक मेहनती और परिश्रमी खिलाड़ी है ।

क्योंकि कुंजरानी देवी ने खेलों की दुनिया में अपना नाम रोशन किया है और अपने देश का नाम भी रोशन किया है । 1994 को कुंजरानी देवी का हिरोशिमा के एशियाई खेलों में चयन किया गया था । कुंजरानी देवी ने हिरोशिमा के खेलों में अपनी मेहनत से कांस्य पदक जीता था ।कुंजरानी देवी जब भी किसी विश्व चैंपियन टूर्नामेंट में खेलने के लिए जाती थी । कुंजरानी देवी उस टूर्नामेंट में जीत हासिल अवश्य करती थी । कुंजरानी देवी ने खेलो की दुनिया में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 1995 को दक्षिण कोरिया में किया था ।

दक्षिण कोरिया में वह खूब दिल लगाकर भारोत्तोलन खेल को खेली थी । कुंजरानी देवी के इस बेहतर खेल के लिए कुंजरानी देवी को विजेता घोषित किया गया था । जिसके लिए दक्षिण कोरिया में कुंजरानी देवी को दो स्वर्ण एवं एक कांस्य पदक देकर सम्मानित किया था । जब कुंजरानी देवी को दो स्वर्ण और एक कांस्य पदक मिला तब कुंजरानी देवी ने अपने देश का नाम रोशन किया था । इसके बाद कुंजरानी देवी को भारतीय महिला भारोत्तोलन खिलाड़ी के रूप में 1996 को जापान में एक चैंपियनशिप में खेलने के लिए भेजा था ।

जापान में  कुंजरानी देवी ने अपनी मेहनत और लगन से एक कांस्य एवं दो रजत पदक अपने नाम किया था ।कुंजरानी देवी तकरीबन 7 बार विश्व चैंपियन रह चुकी हैं । कुंजरानी देवी ने अपनी मेहनत और लगन से कई  रजत पदक एवं स्वर्ण पदक अपने नाम किए हैं ।

कुंजरानी देवी पुलिस फोर्स में असिस्टेंट कमांडेंट के पद पर कार्यरत – भारतीय भारोत्तोलन  महिला खिलाड़ी कुंजरानी देवी ने खेलों की दुनिया में अपनी मेहनत और लगन से सफलता प्राप्त की है । आज कुंजरानी देवी भारतीय भारोत्तोलन खिलाड़ी की सर्वश्रेष्ठ महिला खिलाड़ी के रूप में जानी जाती हैं । कुंजरानी देवी की मेहनत , लगन और काबिलियत को देखते हुए और कई स्वर्ण एवं रजत पदक भारत को दिलाने के लिए उनको सेंट्रल रिजर्व पुलिस फोर्स में असिस्टेंट कमांडेंट के पद पर रखा गया था । कुंजरानी देवी ने अपने उस पद को भी बहुत मेहनत से संभाला था ।

कुंजरानी देवी ने कई ऐसे काम किए हैं जिससे पुलिस फोर्स में उनकी इज्जत की जाती है । हाल ही में कुंजरानी देवी भारतीय पुलिस को अपनी सेवाएं दे रही हैं । कुंजरानी देवी जैसी महिला को हमें सम्मान देना चाहिए क्योंकि कुंजरानी देवी ने खेलों की दुनिया के साथ-साथ पुलिस फोर्स में भी अपनी सेवाएं दी हैं । कुंजरानी देवी पुलिस फोर्स ने अपनी सेवाएं अभी भी दे रही हैं । कुंजरानी देवी के द्वारा जो भी काम किया जाता है वह काम सफल हो जाता है । क्योंकि कुंजरानी देवी जो भी काम करती हैं उस काम को पूरी मेहनत और लगन से करती हैं ।

इसलिए कुंजरानी देवी को सफलता प्राप्त होती है । पढ़ाई से लेकर खेलों की दुनिया में कुंजरानी देवी ने अपने नाम का डंका बजाया है और अपने देश का गौरव बढ़ाया है ।

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