यीशु मसीह का जीवन परिचय jesus christ biography in hindi

jesus christ biography in hindi

जीसस क्राइस्ट क्रिस्चियन के भगवान हैं. जीसस क्राइस्ट भगवान को कई नामों से बुलाया जाता था जैसे कि ईसा मसीह , जीसस क्राइस्ट , नासरत का यीशु । दोस्तों अब हम जानेंगे ईसा मसीह के बारे में की ईसा मसीह कैसे लोगों के मसीहा बने और उन्होंने धर्म का प्रचार कैसे किया ।

jesus christ biography in hindi
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जीसस क्राइस्ट ईसा मसीह का जन्म 4 ईसवी पूर्व हुआ था उनकी माता का नाम मरियम था जब ईसा मसीह का जन्म हुआ तब उनकी मां कुंवारी थी. ईसा मसीह की मां की ग्रेबियल नामक व्यक्ति से मुलाकात हुई और उस व्यक्ति ने उनकी मां को बताया कि आपके पेट से भगवान का पुत्र जन्म लेने वाला है जो यहां की जनता को इंसाफ दिलाएगा जब उनकी मां ने पूछा कि मेरी तो अभी शादी ही नहीं हुई है तो मेरी कोख में बच्चा कैसे पैदा होगा । उस मसीहा ने बताया कि आपकी कोख में पवित्र आत्मा के द्वारा बच्चा पैदा होगा । फिर रात के समय मैरी के सपने में एक पवित्र आत्मा आई और मैरी से यह कहने लगी कि आपके पेट से बच्चा पैदा होने वाला है ।

मैरी ने जोसेफ नामक व्यक्ति से शादी कर ली और जोसेफ के सपने में एक महारथी आया उसने जोसेफ से कहा कि आप मैरी का ख्याल रखना और उसको छोड़कर मत जाना क्योंकि पवित्र आत्मा के द्वारा उसके पेट में बच्चा पल रहा है जो कि कुछ ही समय में इस धरती पर आकर यहां के लोगों को आजादी दिलवाएगा । इस तरह से मैरी के पेट में बच्चा पलने लगा जिस समय मैरी के बच्चा होना था उस समय वहां का सम्राट आगस्तस था और उसने वहां की प्रजा की गणना के लिए सभी प्रजा को बेथेलहम मैं नाम दर्ज कराने के लिए कहा और वहां पर नाम दर्ज कराना अनिवार्य था ।

बेथेलहम में काफी लोगों की भीड़ जमा हो गई थी और वहां पर ना तो रुकने का साधन था और ना ही वहां की धर्मशाला खाली थी और ना ही धार्मिक स्थल भी खाली थे जिसके कारण मैरी और जोसेफ को काफी भटकना पड़ा. भटकते भटकते वह एक पंडाल में पहुंचे जहां पर भेड़ बकरी को चराया जाता था वहां पर मैरी ने एक बच्चे को जन्म दिया और वह बच्चा अद्भुत सा दिख रहा था ।

तब वहां पर एक आत्मा आई और वहां के लोगों से कहने लगी की यह बच्चा ईश्वर का बच्चा है और यह बच्चा यहां की प्रजा को इंसाफ दिलाने के लिए आया है । तब वहां के लोगों ने उसको एक मसीहा के रूप में स्वीकार कर लिया. जीसस क्राइस्ट धीरे-धीरे बड़े होने लगे और वह वहां के रोमन साम्राज्य का विरोध जताने लगे और रोमन साम्राज्य के द्वारा लोगों पर जो अत्याचार किया जा रहा था उनके विरुद्ध बोलने लगे और वह लोगों को उपदेश देने लगे और लोगों को समझाने लगे कि हम अगर अपनी हिम्मत को जगायेंगे और सभी आपस में मिलकर साथ में खड़े रहेंगे तो हम रोमन साम्राज्य का खात्मा कर सकते हैं और जीसस क्राइस्ट अपने आप को भगवान का पुत्र भी कहते थे इस कारण से रोमन साम्राज्य के सम्राट ने उनको बंदी बना लिया और क्रॉस पर लटका दीया ।

आज पूरी दुनिया में ईसा मसीह जी को 25 दिसंबर को याद किया जाता है. 25 दिसंबर को ईसा मसीह की याद में कई कार्यक्रम किए जाते हैं ईसा मसीह ही एक ऐसे व्यक्ति थे जो धर्म के प्रचार में अपनी जान की परवाह ना करके जुल्म के खिलाफ खड़े रहे । जब ईसा मसीह लोगों को उपदेश देते थे तो वहां के लोग बड़े ध्यान से उनको सुनते थे और उनका बड़ा आदर करते थे ।

ईसा मसीह जी के द्वारा कई चमत्कार देखने को मिले. कई बार तो उन्होंने अंधे व्यक्तियों की आंखें तक वापस ला दी और एक बार तो एक व्यक्ति मर गया था उस मरे हुए व्यक्ति को उन्होंने जिंदा कर दिया. ऐसे कई चमत्कार हमको उनके द्वारा देखने को मिले और आज सभी क्रिश्चियन लोग उनको मानते हैं और बाइबल में उनके नाम को बार बार बताया गया है और उनके द्वारा किए गए अच्छे अच्छे कामों को समझाया गया है ।

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