जाको राखे साइयां, मार सके ना कोय पर निबंध Jako rakhe saiyan maar sake na koi essay in hindi

Jako rakhe saiyan maar sake na koi essay in hindi

Jako rakhe saiyan maar sake na koi – दोस्तो आज हम आपको इस  आर्टिकल के माध्यम से जाको राखे साइयां, मार सके ना कोय पर लिखे निबंध के बारे में बताने जा रहे हैं । चलिए अब हम आगे बढ़ते हैं और जाको राखे साइयां मार सके ना कोय निबंध को पढ़ते हैं।

Jako rakhe saiyan maar sake na koi essay in hindi
Jako rakhe saiyan maar sake na koi essay in hindi

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जाको राखे साइयां, मार सके ना कोय के बारे में – जाको राखे साइयां, मार सके ना कोय एक कथन है । जिसका अर्थ होता है जिस व्यक्ति के ऊपर भगवान का आशीर्वाद होता है उस व्यक्ति का कोई भी कुछ नहीं बिगाड़ सकता हैं । यह कहावत प्राचीन समय से भारत दोहराई जाती है । जब कोई किसी दुर्घटना में बच जाता है तब वह यह कथन दोहराता है ।  जाको राखे साइयां, मार सके ना कोय जिसका वास्तविक अर्थ होता है की जिस पर ईश्वर की कृपा हो उसका मौत भी कुछ नहीं बिगाड़ सकती है ।

जब किसी व्यक्ति पर मुसीबत आती है  तब वह यह कथन  लोगों को सुनाता है । जब कोई व्यक्ति किसी को जान से मारने की धमकी देता है तब वह व्यक्ति धमकी देने वाले व्यक्ति से यह कहता हैै कि जाको राखे साइयां, मार सके ना कोय । जिसके कहने का अर्थ यह था कि मेरे ऊपर भगवान की कृपा है , आशीर्वाद है  मैं अपनेे ईश्वर पर विश्वास करता हूं । मेरे ऊपर  मेरे ईश्वर का आशीर्वाद है  तो  तुम क्या  कोई भी मेरा कुछ भी नहीं बिगाड़ सकता है । यदि तुम मुझे जाान से मारने की कोशिश करोगे तो  मेरा ईश्वर मुझे अवश्य बचाने आएगा । यह कथन हमारेेेे भारत देश में प्राचीन समय से दोहराया जाता रहा है

हिंदू धर्म के लोगों की भगवान के प्रति आस्था होने पर यह कथन जाको राखे साइयां, मार सके ना कोय – हिंदुस्तान में हिंदू धर्म के लोगों की आस्था भगवान , ईश्वर केे प्रति बहुत अधिक होती है । हिंदू धर्म के लोग सुबह  उठकर स्नान करके भगवान की पूजा पाठ करते हैं , भगवान की आराधना करते हैं । भगवान की भक्ति करना हिंदू धर्म के लोग अपना सबसे बड़ा धर्म मानते हैं । हिंदू धर्म के लोगोंं को यह विश्वास है की यदि ईश्वर का आशीर्वाद  उनको प्राप्त हो जाए  तो  वह हर मुसीबत को आसानी से  हरा देंगे । हिंदू धर्म के लोगों की ईश्वर के प्रति अटूट विश्वास यह साबित करता है की हिंदूू धर्म के लोगों की आस्था भगवाान से  जुड़ी हुई है ।

हिंदू धर्म के लोग भगवान से अपने जीवन की खुशियां मांगनेे के लिए भगवान की पूजा आराधना करते हैं क्योंकि उनको भगवान पर पूरा विश्वास होता है । जब छोटी सेे छोटी बड़ी से बड़ी मुसीबत व्यक्ति के पास आती है तब वह इस कथन  को दोहराता है । भारतीय संस्कृति पूरे विश्वव में प्रसिद्ध है । भारतीय संस्कृति में ईश्वर को  सर्वश्रेष्ठ बताया गया है और कई ग्रंथों में यह  बताया गया है की ईश्वर की आराधना करने से सभी संकट टल जाते हैं । इसलिए सुबह उठकर हम सभी को ईश्वर की आराधना करनी चाहिए ।

जिससे हमें ईश्वर के प्रति अटूट विश्वास प्राप्त होता है । भारत में किसी भी शुभ कार्य को प्रारंभ करने से पहले  ईश्वर की  पूजा आराधना  की जाती है क्योंकि हिंदू धर्म के लोगोंं की यह आस्था होती है की भगवान की आराधना करने से सभी काम सफलता की ओर बढ़ जाते हैं । इसीलिए किसी शुभ काम को करने से पहले पूजा पाठ की जाती है । शुभ मुहूर्त पर पूजा पाठ करके भगवान को प्रसन्न किया जाता है ।

जाको राखे साइयां, मार सके ना कोय कथन दोहराने पर व्यक्ति के अंदर आत्मशक्ति की प्राप्ति – जब कोई व्यक्ति ऐसी जगह पर फस जाता है जहां से निकलना बहुत मुश्किल होता है । उस समय वह भगवान की उपासना करता है और अपने मन ही मन में यह कथन दोहराता है जिससे उस व्यक्ति के अंदर एक आत्म शक्ति प्राप्त होती है  और वह उस समस्या का समाधान ढूंढने की कोशिश करने लगता है  जिससे वह मुसीबत से बाहर निकल जाता है । जब वह अपनी मुसीबत से बाहर निकल जाता है तब  अपने मिलने वाले लोगों को पूरी कहानी बताता है ।

पूरी कहानी बताने के बाद वह अपने मिलने वाले व्यक्तियों से कहता है कि जाको राखे साइयां, मार सके ना कोय जिसका अर्थ होता है की जिस पर भगवान की कृपा होती है उस व्यक्ति पर  बड़ी से बड़ी मुसीबत  भी हावी नहीं हो सकती है । कोई भी व्यक्ति कितनी भी कोशिश कर ले उस व्यक्ति को कुछ भी नुकसान नहीं पहुंचा सकता है जिस पर ईश्वर का हाथ हो । जब मैं मुसीबत में था तब मेरे ईश्वर ने मुझे उस मुसीबत से बाहर निकलने का रास्ता बताया था ।मेरेे साथ-साथ पूरी दुनिया के लोगों के ऊपर मेरे भगवान का आशीर्वाद होता है ।

भगवान की कृपा से व्यक्ति हर मुसीबत से बाहर निकाल जाता है । कितना भी बड़ा दुश्मन मुुुुझे नुकसान  पहुंचाने की कोशिश कर ले , मुझे मारने की कोशिश कर ले परंतु वह मुझे  नही मार सकता है क्योंकि मेरे ऊपर मेरे प्रभु परमात्मा का हाथ है । मुझे जन्म देने वाला परमात्मा है और मारने वाला भी  परमात्मा है । इसलिए परमात्मा का आशीर्वाद हमेशा हमारे ऊपर रहना चाहिए । जो लोग परमात्मा को भूल जाते हैं उन लोगों की मदद परमात्मा नहीं करता हैं और ना ही उनको सही रास्ता दिखाता हैं ।

वह बुरे रास्ते पर चलकर अपने आप को बर्बाद कर देते हैं क्योंकि उन लोगोंं को ईश्वर पर विश्वास नहीं होता है ।

जाको राखे साइयां, मार सके ना कोय पर कई प्रसिद्ध कहानियां – जाको राखे साइयां, मार सके ना कोय एक कथन है । जिसका अर्थ होता है कि जिस पर ईश्वर की कृपा हो , आशीर्वाद हो उस व्यक्ति की मौत भी कुछ नहीं कर सकती है । इस कथन पर कई कहानियां लिखी गई हैं । मैंं आपको इस कथन के बारेे में समझाने के लिए एक कहानी बता रहा हूं । उस कहानी को आप सभी बड़ी गहराई से पढ़ना । एक परिवार में दादा , दादी , उनका एक पोता और एक पोती एवं उनका पुत्र एवं वधू रहतेे थे । एक साथ मिलकर हंसी खुशी से परिवार में रहते थे ।

दादाजी के पोते का नाम मोंटी था एवं पोती का नाम सपना था । दादा जी को सुबह-सुबह अखबार पढ़नेे का बहुत शौक था । दादाजी सुबह चाय पीने केेे साथ साथ अखबार अवश्यय पढ़ा करके हैं । एक बार जब दादा जी अखबार पढ़ रहे थे उस अखबार में एक शहर में हुए हादसे के बारे में खबर छपी हुई थी । जब दादाजी की नजर उस खबर पर पड़ी तब वह पूरी तरह से चौक गए थे । दादा जी के पोते मोंटी ने पूछा दादा जी आप इतने आश्चर्यचकित क्यों हो गए हो ।

दादाजी ने मोंटी से कहा कि इस अखबार में एक दुर्घटना की खबर छपी हुई है । जब मैं तुम्हें यह दुर्घटना पढ़कर सुनाऊंगा तब तुम भी आश्चर्यचकित  हो जाओगे । दादाजी ने अखबार पढ़ना प्रारंभ किया । अखबार में लिखा था कि एक बिल्डिंग भूकंप के झटके के कारण जमीन में धंस गई हैं । काफी लोग उस दुर्घटना में मारे गए थे । पुलिस प्रशासन एवं सरकार के द्वारा उस बिल्डिंग के मटेरियल को बुलडोजर , जीसीबी मशीन के माध्यम से उठाया जा रहा था । सुरक्षाकर्मी वहां पर मरे हुए एवं घायल हुए व्यक्तियों को निकाल रहे थे ।

तभी उस बिल्डिंग के मटेरियल के नीचे से एक 15 साल की बच्ची को बाहर निकाला गया था ।  उस बच्ची को जब देखा तो वह जीवित थी । उसको अस्पताल में भर्ती कराया गया था । अस्पताल में उसकी जान बच गई थी । यह खबर सुनाने के बाद दादा जी ने अपने पोते मोंटी और पोती सपना को यह कथन कहा था की जाको राखे साइयां, मार सके ना कोय । यह कथन सुनने की बाद सपना ने  अपने दादा जी से पूछा कि इस कथन का क्या अर्थ होता है ।

दादा जी ने अपनी पोती सेे कहा कि इसका अर्थ यह होता है कि जिस पर ईश्ववर की कृपा होती है , ईश्वर का आशीर्वाद होता है उस व्यक्ति का मौत भी कुछ नहीं बिगाड़ सकती है ।

भारतीए हिन्दू  ग्रंथो में जाको राखे साइयां, मार सके ना कोय कथन के बारे में – भारतीय हिंदू ग्रंथों में कई ऐसी कहानियांं प्रचलित हैं । जिन कहानियों को सुनने के बाद यह सिद्ध हो जाता है कि ईश्वर की कृपा जिस व्यक्ति पर होती है उस व्यक्ति का कोई भी दुश्मन कुुुछ भी नहीं बिगाड़ पाता है । चलिए अब हम इस कहानी केेे बारे में जानतेे हैं । हिंदू धर्म का सबसे प्रचलित ग्रंथ विष्णु पुराण में भक्त प्रहलाद  की कहानी  सबसे प्रसिद्ध कहानी है । इस ग्रंथ में  भक्त पहलाद का  विष्णु भगवान के प्रति अटूट विश्वास था ।

भक्त पहलाद  ने  अपने आत्मविश्वास एवं भक्ति  से  विष्णु भगवान  को  प्रसन्न किया था । भक्त पहलाद के पिता दैत्यराज हिरण्यकश्यप बहुत ही अत्याचारी था । उसने अपने आप को भगवान मानकर धर्म को नष्ट करने की कोशिश की थी । परंतु भक्त पहलाद ने विष्णु भगवान को ही भगवान मान लिया था । भक्त पहलाद की विष्णु भगवान के प्रति अटूट आस्था थी ।

जब हिरण्यकश्यप अपनेे पुत्र पहलाद को जान से मार रहा था तब विष्णु भगवान ने नरसिम्हा का अवतार लिया  और  हिरण्यकश्यप  का  बध कर दिया था । क्योंकि जाको राखे साइयां, मार सके ना कोय  अर्थात जिस पर परमात्मा की कृपा हो , परमात्मा का आशीर्वाद हो उसका कोई भी कुछ नहींं बिगाड़ सकता है ।

भगवान की भक्ति से भक्तों का उद्धार – जब कोई पूरी श्रद्धा से भगवान की भक्ति करता है तब भगवान उस भक्त की रक्षा करते हैं । जब उस व्यक्ति पर किसी भी तरह की मुसीबत आती है तब भगवान उसकी रक्षा अवश्य करते हैं । जो व्यक्ति शुद्ध आत्मा से ईश्वर की भक्ति में लीन हो जाता है वह परमात्मा से जुड़ जाता है । उस व्यक्ति के साथ परमात्मा हर समय रहते हैं । एक ऐसे भक्त के बारे में अब हम जानने वाले हैं जिसने ईश्वर की भक्ति में अपना सारा जीवन  बिता दिया था । उस भक्त का नाम मीरा था ।

कृष्ण भक्त मीरा सदैव कृष्ण भक्ति में लीन रहती थी । मीरा को कृष्ण भक्ति के अलावा कुछ भी दिखाई नहीं देता था । मीरा की कृष्ण भक्ति को देखकर मेवाड़ के राजा विक्रमादित्य ने कृष्ण भक्त मीरा को कई बार जान से मारने की कोशिश की थी । परंतु मीरा के सिर पर कृष्ण भगवान का आशीर्वाद था । जितनी बार विक्रमादित्य ने मीरा को मारने की कोशिश की उतनी बार विक्रमादित्य मीरा को मारने में नाकामयाब रहा था । विक्रमादित्य ने मीरा को मारने के लिए सबसे घातक विष भी पिला दिया था ।

परंतु मीरा को कृष्ण भगवान पर अटल विश्वास था और कृष्ण भगवान ने मीरा के विश्वास को टुटने नहीं किया था और मीरा की जान बचाई थी । इसके बाद मीरा को मारने के लिए और भी कई कार्य विक्रमादित्य के द्वारा किए गए थे ।विक्रमादित्य ने मीरा को जान से मारने के लिए विषैले से विषैले सांपों से कटवाया था । परंतु मीरा के सिर पर कृष्ण भगवान का आशीर्वााद था । विक्रमादित्य अपने कारनामेे में नाकामयाब रहा था क्योंकि  जाको राखे साइयां, मार सके ना कोय ।

जिस व्यक्ति पर स्वयंं परमात्मा की कृपा हो उस व्यक्ति का कोई कुछ भी नहीं बिगाड़ सकता है । इस तरह से मीरा ने कृष्ण भक्ति में लीन होकर  कृष्ण भक्ति  से  कृष्ण भगवान को प्रसन्न किया था । कृष्ण भगवान केे परम भक्तों में मीरा की गिनती होती है । कृष्ण भक्ति में मीरा के अटूट विश्वास को कई लेखकों ने अपने लेख के माध्यम से बताया है और मीरा को कृष्ण भगवान का प्रथम भक्त बताया है  ।

बाढ़ या आगजनी दुर्घटना से बचने पर व्यक्ति का कथन – जब कहीं पर बाढ़ आ जाती है या फिर आग लग जाती है तब उस दुर्घटना में काफी लोग अपनी जान गवा देते हैं ।जब इतने बड़े हादसे होते हैं तब उन हादसों में कुछ किस्मत वाले लोग ही अपनी जान बचा पाते हैं । जब इतने बड़े हादसे में कोई बच जाता है तब लोग यह कथन कहते हैं कि जाको राखे साइयां, मार सके ना कोय । कहने का अर्थ यह है कि जब परमात्मा का आशीर्वाद प्राप्त हो तब कोई भी दुश्मन एवं कोई भी हादसा व्यक्ति का कुछ भी नहीं बिगाड़  सकता है ।

भगवान उन लोगों की तत्पर सहायता करतेेे हैं जो लोग भगवान की आराधना सच्चे मन से करते हैं । ऐसे कई  उदाहरण हम भारतीय हिंदू ग्रंथों में पढ़ चुके हैं । इसलिए भारत के हिंदू धर्म के  लोगों की आस्था भगवान में होती है । सभी हिंदू धर्म के लोगों का यह विश्वास होता है की भगवान की भक्ति करने से एक शक्ति हम लोगोंं को प्राप्त होती है । जब हम कोई शुभ कार्य करते हैं तब हमें सबसे पहले ईश्वर की आराधना अवश्य करनी चाहिए ।

ईश्वर की भक्ति करनेेेे से हमें पॉजिटिव ऊर्जा प्राप्त होती है और हम हर तरह के कार्यों में सफल हो जातेे हैं ।

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