जागो ग्राहक जागो पर निबंध Jago grahak jago essay in hindi

Jago grahak jago in hindi

हेलो दोस्तों कैसे हैं आप सभी,दोस्तों आज का हमारा आर्टिकल जागो ग्राहक जागो पर निबंध आप सभी के लिए बहुत ही हेल्पफुल है दोस्तों हमारे इस निबंध से आप अपने उपभोक्ता अधिकारों को समझ सकेंगे सरकार द्वारा चलाए जा रहे इस नारे का उद्देश्य हर किसी ग्राहक को जगाना है यानी अपने अधिकार बताना है.हमारे द्वारा लिखा गया ये आर्टिकल आपके जीवन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा तो चलिए पढ़ते हैं हमारे द्वारा लिखे गए आज के इस आर्टिकल को

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प्रस्तावना-

जागो ग्राहक जागो नारा भारत सरकार द्वारा चलाया गया है भारत सरकार के इस नारे का उद्देश्य हर ग्राहक को जगाना यानी अपने अधिकारों की जानकारी दिलाना है हमारे देश में आजकल हर कोई ग्राहक है ग्राहक को बहुत सारी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है और इन्हीं समस्याओं के हल के लिए जागो ग्राहक जागो नारे के जरिए हर किसी को अपने अधिकारों को पहचानकर आगे बढ़ाना है.

लाभ-

जागो ग्राहक जागो की वजह से हमें एक नहीं बहुत सारे लाभ हैं. हमारे देश में आज एक बहुत बड़ा वर्ग ग्राहक है कहते हैं ग्राहक भगवान का अवतार होता है लेकिन आज हमारे देश में ग्राहकों के साथ कई जगह अन्याय हो रहा है.ग्राहकों से दुकानदार अच्छा व्यवहार नहीं करते साथ में उनके साथ तरह तरह की ठगी करते हैं.इस नारे के जरिए हर कोई जागरूक होगा और अपने प्रति हो रहे अन्याय के खिलाफ आवाज उठाएगा.

इसके अलावा आज हमारे देश में गरीबी है भ्रष्टाचार है कई लोग ऐसे होते हैं जो गरीबी और भ्रष्टाचार की बातें आने पर इसका जिम्मेदार सरकार को कहते हैं लेकिन यदि गरीबी और भ्रष्टाचार का कोई सही जिम्मेदार है तो वास्तव में हम ही हैं हम जैसे ग्राहक अगर आवाज नहीं उठाते और दुकानदार से कुछ नही कहते या उससे बिल नहीं लेते या फिर टैक्स नहीं भरते तो हमारे देश की सरकार को टैक्स नहीं पहुंचता और सरकार देश के नागरिक या ग्राहकों के लिए कोई अच्छा प्रबंध नहीं करती और जिस वजह से देश में इस तरह की समस्याएं उत्पन्न होती हैं.अगर हम अपने ग्राहक के हर एक कर्तव्य को निभाएं तभी सरकार के जागो ग्राहक जागो नारे का असली उद्देश्य पूरा हो सकेगा.

आज हमारे देश में अगर हम रेल, बस में सफर करने जाते हैं तो हमें बहुत सी समस्याओं का सामना करना पड़ता है कहीं खिड़की टूटी हुई होती है तो कहीं रेलवे की कोई उचित व्यवस्था नहीं होती तो कहीं कचरा डला होता है सबसे पहली जिम्मेदारी तो हमारी है कि हम इन सबके खिलाफ आवाज उठाएं और ग्राहक होने की अपनी जिम्मेदारी को पूरी तरह से निभाएं अगर हम इस जिम्मेदारी को पूरी तरह से निभाते हैं तो जरूर ही सरकार या अन्य लोग भी हमारा सहयोग करते हुए हमारी हर जरूरत को पूरा करेंगे इससे हम बहुत सारी व्यवस्थाओं से लाभान्वित हो सकते हैं.

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कंजूमर फोरम और उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम कानून-

ग्राहक को जो भी जिस तरह की भी परेशानी होती है तो वह कंजूमर फोरम में अपनी कंप्लेंट दर्ज करवा सकता है कंजूमर फोरम की स्थापना सन 2001 में हुई थी और तभी से बहुत सारे ग्राहकों ने अपने अधिकारों को पाने के लिए अपनी समस्याओं से निजात पाने के लिए आवेदन भी किया और बहुत सारे ग्राहकों को इससे राहत मिली इससे पहले भारत सरकार ने उपभोक्ताओं के लिए सन 1986 में उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम नामक एक कानून भी बनाया था और इस कानून के अनुसार हर एक उपभोक्ता को सुरक्षा का अधिकार, ,सूचना का अधिकार, समाधान का अधिकार, सुनवाई का अधिकार ,शिक्षा का अधिकार ,चयन का अधिकार है.

इन सभी अधिकारों का उद्देश्य एक तरह से ग्राहक की सुरक्षा करना है ग्राहक को हर एक अधिकार प्रदान करना है इन अधिकारों का उद्देश्य यही है कि ग्राहक को सामान के बारे में सही जानकारी मिले और किसी भी तरह की समस्या का समाधान उसको मिल सके. सामान से संबंधित उसको शिक्षा लेने का अधिकार भी है साथ में वह किसी भी वस्तु का चयन भी कर सकता है.

शिकायत कहां दर्ज करें-

यह वस्तुओं के मूल्य और लागत पर निर्भर करता है यदि यह मामला 2000000 रुपए से कम है तो ग्राहक जिला फोरम में अपनी कंप्लेंट दर्ज करवाकर सुझाव ले सकता है. यदि यह मामला 2000000 रुपए से 10000000 रुपए के बीच है तो ग्राहक राज्य आयोग में अपनी शिकायत दर्ज करवा सकता है. यदि 10000000 रुपए से अधिक का मामला है तो ग्राहक अपनी शिकायतें राष्ट्रीय आयोग में दर्ज करवा सकता है.
दरअसल भारत सरकार ने ग्राहकों को जल्दी फैसला मिल सके इसलिए अलग-अलग आयोग बनाये है.

ऑनलाइन सुविधा-

ग्राहक के अधिकारों की रक्षा के लिए और ग्राहक को जागरुक करने के लिए आज कल हम ऑनलाइन के जरिए भी उपभोक्ता के अधिकार जान सकते हैं साथ में ऑनलाइन के द्वारा शिकायत दर्ज करके हम अपनी समस्याओं का हल पा सकते हैं.
हम सभी का कर्तव्य है कि सरकार के द्वारा चलाए जा रहे जागो ग्राहक जागो नामक नारे को अपने जीवन में अपनाएं और इस देश को बदलने की अपनी पूरी कोशिश करें क्योंकि यदि हम बदलेंगे तो हमारे बदलने पर ही देश बदलेगा ये बदलाव हमको ही शुरू करना पड़ेगा.

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